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लेखा महानियंत्रक (सीजीए) – यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- लेखा महानियंत्रक (कंट्रोलर जनरल ऑफ एकाउंट्स/सीजीए) यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा के करंट अफेयर्स के साथ-साथ राजव्यवस्था खंड के अंतर्गत आएगा। लेखा महानियंत्रक (सीजीए) यूपीएससी मुख्य परीक्षा के जीएस पेपर 2 के पाठ्यक्रम का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
लेखा महानियंत्रक (सीजीए)
- हाल ही में, सुश्री भारती दास ने नए लेखा महानियंत्रक (सीजीए) के रूप में कार्यभार संभाला।
- सुश्री दास 27वीं लेखा महानियंत्रक (सीजीए), वित्त मंत्रालय, भारत सरकार हैं।
लेखा महानियंत्रक (कंट्रोलर जनरल ऑफ एकाउंट्स/CGA) कौन है?
- लेखा महानियंत्रक (सीजीए) के बारे में: लेखा महानियंत्रक (सीजीए) केंद्र सरकार के लिए लेखांकन मामलों पर ‘प्रधान सलाहकार’ है एवं तकनीकी रूप से सुदृढ़ प्रबंधन लेखा तंत्र की स्थापना तथा अनुरक्षण हेतु उत्तरदायी है।
- वित्त मंत्रालय में लेखा महानियंत्रक (CGA) संगठन का प्रमुख होता है तथा इस तंत्र को प्रशासित करने हेतु उत्तरदायी होता है।
- मूल मंत्रालय: लेखा महानियंत्रक (CGA) केंद्रीय वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग का हिस्सा है।
- संवैधानिक प्रावधान: महालेखा नियंत्रक ने संविधान के अनुच्छेद 150 से अपना अधिदेश प्राप्त करता है।
- प्रमुख उद्देश्य: एक पेशेवर लेखा संगठन के रूप में, सीजीए का उद्देश्य सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन में उत्कृष्टता के माध्यम से शासन को सुदृढ़ करना है।
- कार्यकरण: सीजीए का कार्यालय केंद्र सरकार के लिए व्यय, राजस्व, ऋण एवं विभिन्न वित्तीय संकेतकों का मासिक तथा वार्षिक विश्लेषण तैयार करता है।
- संविधान के अनुच्छेद 150 के तहत वार्षिक विनियोग लेखा (सिविल) एवं केंद्रीय वित्त लेखे संसद में प्रस्तुत किए जाते हैं।
- इन दस्तावेजों के साथ, ‘एक नज़र में खाते’ (एकाउंट्स एट ए ग्लांस) शीर्षक से एक एम.आई.एस रिपोर्ट तैयार की जाती है एवं माननीय संसद सदस्यों को प्रसारित की जाती है।
लेखा महानियंत्रक (CGA) के प्रमुख उत्तरदायित्व
कार्य आवंटन नियम 1961 में सम्मिलित वैधानिक अधिदेश लेखा महानियंत्रक के कर्तव्यों एवं उत्तरदायित्वों को नीचे इंगित करता है:
- संघ या राज्य सरकारों से संबंधित सरकारी लेखांकन के सामान्य सिद्धांत एवं खातों के रूप तथा उनसे संबंधित नियमों एवं नियमावली का निर्माण अथवा संशोधन;
- केंद्र सरकार के नकद शेष का सामान्य रूप से रिज़र्व बैंक के साथ एवं विशेष रूप से, सिविल मंत्रालयों अथवा विभागों से संबंधित आरक्षित जमा राशियों का समाधान;
- केंद्रीय सिविल लेखा कार्यालयों द्वारा लेखांकन के पर्याप्त मानकों के रखरखाव की देखरेख करना;
- मासिक लेखों का समेकन, राजस्व वसूली की प्रवृत्तियों तथा व्यय की महत्वपूर्ण विशेषताओं इत्यादि की समीक्षा की तैयारी एवं वार्षिक लेखा तैयार करना (सारांश, सिविल विनियोग लेखे सहित) संबंधित शीर्षों के अंतर्गत संघ सरकार के प्रयोजन के लिए वार्षिक प्राप्तियों एवं संवितरणों को दर्शाना;
- केंद्रीय कोषागार नियम एवं केंद्र सरकार के खाते का प्रशासन (प्राप्ति तथा भुगतान नियम 1983);
- सिविल मंत्रालयों या विभागों में प्रबंधन लेखा प्रणाली के प्रारंभ में समन्वय तथा सहायता;
- केंद्रीय सिविल लेखा कार्यालयों के समूह ‘ए’ (भारतीय सिविल लेखा सेवा) एवं समूह ‘बी’ अधिकारियों का संवर्ग प्रबंधन;
- समूह ‘सी’ तथा ‘डी’ से संबंधित केंद्रीय सिविल लेखा कर्मचारियों से संबंधित मामले;
- केंद्रीय सिविल पेंशन भोगियों, स्वतंत्रता सेनानियों, उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों, पूर्व सांसदों एवं पूर्व राष्ट्रपतियों के संबंध में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पब्लिक सेक्टर बैंक्स/पीएसबी) के माध्यम से पेंशन का वितरण।