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कोर सेक्टर इंडस्ट्रीज: प्रासंगिकता
- जीएस 3: भारतीय अर्थव्यवस्था एवं नियोजन, संसाधन, वृद्धि, विकास एवं रोजगार से संबंधित मुद्दे।
आधारिक क्षेत्र के उद्योग: प्रसंग
- हाल ही में जारी आधिकारिक तिथि के अनुसार, आठ आधारिक अवसंरचना क्षेत्रों के उत्पादन में दिसंबर 2021 में 8 प्रतिशत का विस्तार हुआ, जो विगत वर्ष इसी माहमें 0.4 प्रतिशत था।
आठ प्रमुख कोर सेक्टर इंडस्ट्रीज: मुख्य बिंदु
- दिसंबर 2021 में कच्चे तेल एवं इस्पात के अतिरिक्त सभी क्षेत्रों में धनात्मक वृद्धि दर्ज की गई।
- आठ आधारिक अवसंरचना क्षेत्रों की विकास दर चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-दिसंबर के दौरान 6 प्रतिशत रही, जबकि विगत वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 9.8 प्रतिशत थी।
- आंकड़ों के अनुसार दिसंबर में कोयले के उत्पादन में 2 प्रतिशत, प्राकृतिक गैस में 19.5 प्रतिशत, रिफाइनरी उत्पादों में 5.9 प्रतिशत, उर्वरकों में 3.5 प्रतिशत, सीमेंट में 12.9 प्रतिशत एवं विद्युत में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
- समीक्षाधीन अवधि के दौरान कच्चे तेल एवं इस्पात के उत्पादन में क्रमशः 8 प्रतिशत एवं 1 प्रतिशत की गिरावट आई।
भारत में प्रमुख क्षेत्र कौन से हैं?
- मुख्य या प्रमुख उद्योग अर्थव्यवस्था के मुख्य क्षेत्रों का गठन करते हैं।
- भारत में, आठ क्षेत्रक हैं जिन्हें मुख्य क्षेत्र माना जाता है क्योंकि उनका भारतीय अर्थव्यवस्था पर व्यापक प्रभाव पड़ता है एवं ये क्षेत्र अधिकांश अन्य उद्योगों को भी महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करते हैं।
- भारतीय अर्थव्यवस्था के आठ प्रमुख क्षेत्र हैं:
- विद्युत,
- इस्पात,
- रिफाइनरी उत्पाद,
- कच्चा तेल,
- कोयला,
- सीमेंट,
- प्राकृतिक गैस, तथा
- उर्वरक।
- औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में आठ उद्योगों की संयुक्त हिस्सेदारी 27 प्रतिशत है, जो एक निर्दिष्ट अवधि में विभिन्न उद्योग समूहों की विकास दर बताती है।
आठ प्रमुख उद्योगों का भारांक
- आठ प्रमुख उद्योग अपने भारांक के घटते क्रम में: रिफाइनरी उत्पाद> विद्युत> इस्पात> कोयला> कच्चा तेल> प्राकृतिक गैस> सीमेंट> उर्वरक।
उद्योग | भारांक (प्रतिशत में) |
पेट्रोलियम एवं रिफाइनरी उत्पादन | 28.04 |
विद्युत उत्पादन | 19.85 |
इस्पात उत्पादन | 17.92 |
कोयला उत्पादन | 10.33 |
कच्चे तेल का उत्पादन | 8.98 |
प्राकृतिक गैस उत्पादन | 6.88 |
सीमेंट उत्पादन | 5.37 |
उर्वरक उत्पादन | 2.63 |
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के बारे में
- औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) एक समग्र संकेतक है जो एक निश्चित अवधि के दौरान एक चयनित आधार अवधि के संबंध में औद्योगिक उत्पादों के एक समुच्चय (बास्केट) के उत्पादन की मात्रा में अल्पकालिक परिवर्तनों को मापता है।
- यह केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ), सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) द्वारा मासिक रूप से संदर्भ माह समाप्त होने के छह सप्ताह पश्चात प्रकाशित किया जाता है।
- आठ प्रमुख उद्योगों के सूचकांक का आधार वर्ष वर्ष 2004-05 से संशोधित कर अप्रैल, 2017 से 2011-12 कर दिया गया है।