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ऊर्जा क्षेत्र के लिए साइबर सुरक्षा दिशानिर्देश

ऊर्जा क्षेत्र के लिए साइबर सुरक्षा दिशानिर्देश: प्रासंगिकता

  • जीएस 2: विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकारी नीतियां एवं अंतः क्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।

 

ऊर्जा क्षेत्र के लिए साइबर सुरक्षा दिशानिर्देश: प्रसंग

  • ऊर्जा मंत्रालय ने हाल ही में एक सुरक्षित ऊर्जा साइबर पारिस्थितिकी तंत्र निर्मित करने हेतु ऊर्जा क्षेत्र के लिए एक नया साइबर सुरक्षा दिशानिर्देश जारी किया है।

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ऊर्जा क्षेत्र के लिए साइबर सुरक्षा दिशानिर्देश: उद्देश्य

  • साइबर सुरक्षा जागरूकता उत्पन्न करना
  • एक सुरक्षित साइबर पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना,
  • एक साइबर-आश्वासन/बीमा संरचना निर्मित करना,
  • नियामक ढांचे को सुदृढ़ बनाना
  • प्रभावी सार्वजनिक निजी भागीदारी का विकास करना

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ऊर्जा क्षेत्र के लिए साइबर सुरक्षा दिशानिर्देश: मुख्य बिंदु

  • साइबर-सुरक्षित पारिस्थितिकी तंत्र निर्मित करने हेतु ऊर्जा क्षेत्र के समस्त उपादेयताओं द्वारा साइबर सुरक्षा पर दिशानिर्देशों का पालन किया जाना है।
  • यह प्रथम अवसर है कि ऊर्जा क्षेत्र में साइबर सुरक्षा पर एक व्यापक दिशा निर्देश तैयार किया गया है।
  • दिशानिर्देश विभिन्न उपादेयताओं में साइबर सुरक्षा तत्परता के लिए आवश्यक कार्रवाई निर्धारित करता है।
  • यह एक साइबर आश्वासन ढांचा तैयार करता है, नियामक संरचना को सुदृढ़ करता है, सुरक्षा संकट की पूर्व चेतावनी, भेद्यता प्रबंधन एवं सुरक्षा संकटों की प्रतिक्रिया के लिए तंत्र स्थापित करता है,एवं दूसरों के मध्य सुदूर संचालन एवं सेवाओं को सुरक्षित करता है।
  • दिशा निर्देश अभिनिर्धारित किए गए ‘विश्वसनीय स्रोतों’ एवं ‘विश्वसनीय उत्पादों’ से आईसीटी-आधारित अधिप्राप्ति को अधिदेशित करते हैं अन्यथा ऊर्जा आपूर्ति प्रणाली नेटवर्क में उपयोग हेतु परिनियोजन से पूर्व उत्पाद को मैलवेयर/हार्डवेयर ट्रोजन के लिए परीक्षण किया जाना है।

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ऊर्जा क्षेत्र के लिए साइबर सुरक्षा दिशानिर्देश: प्रयोज्यता

  • मानदंड सभी उत्तरदायी संस्थाओं के साथ-साथ सिस्टम इंटीग्रेटर्स, उपकरण निर्माताओं, आपूर्तिकर्ताओं / विक्रेताओं, सेवा प्रदाताओं तथा भारतीय ऊर्जा आपूर्ति प्रणाली में संलग्न आईटी हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर ओईएम (मूल उपकरण निर्माता) पर लागू होते हैं।

 

ऊर्जा क्षेत्र के लिए साइबर सुरक्षा दिशानिर्देश: लाभ

  • यह साइबर सुरक्षा में अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देगा तथा देश में सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों में साइबर परीक्षण अवसंरचना (टेस्टिंग इंफ्रा) स्थापित करने के लिए बाजार खोलेगा।

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साइबर सुरक्षा दिशानिर्देश महत्व

  • ऊर्जा क्षेत्र में साइबर अनधिकृत प्रवेश के प्रयास तथा साइबर हमले या तो ऊर्जा आपूर्ति प्रणाली को जोखिम में डालते हैं  अथवा ग्रिड संचालन को असुरक्षित बनाते हैं।
  • इस तरह के किसी भी जोखिम के परिणामस्वरूप उपकरण के लघु संचालन, उपकरण क्षतिग्रस्त हो सकते हैं अथवा यहां तक ​​कि एक सोपानी (कैस्केडिंग) ग्रिड ब्राउन आउट/ब्लैकआउट भी हो सकता है।

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