Home   »   Daily Current Affairs: 01st December 2022   »   Daily Current Affairs: 01st December 2022

दैनिक समसामयिकी: 01 दिसंबर 2022 | यूपीएससी प्रीलिम्स बिट्स

दैनिक समसामयिकी: 01 दिसंबर 2022: यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2023 के लिए आज के महत्वपूर्ण दैनिक समसामयिकी का अध्ययन करें। 01 दिसंबर 2022 को, हम कुछ महत्वपूर्ण यूपीएससी प्रारंभिक बिट्स को कवर कर रहे हैं जो विशेष रूप से यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा  एवं अन्य प्रतिष्ठित अखिल भारतीय प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं।

India Developed World's First Intranasal Vaccine Against COVID-19_70.1

23 वां हॉर्नबिल महोत्सव 2022 

 

हॉर्नबिल महोत्सव चर्चा में क्यों है

नागालैंड 1 से 10 दिसंबर तक नागा विरासत ग्राम (हेरिटेज विलेज) किसामा में 23वें हॉर्नबिल महोत्सव 2022 की मेजबानी करने हेतु पूर्ण रूप से तैयार है।

हॉर्नबिल महोत्सव के बारे में जानें

  • अंतर-जनजातीय संपर्क को प्रोत्साहित करने एवं नागालैंड की सांस्कृतिक विरासत को प्रोत्साहित करने हेतु, नागालैंड सरकार प्रत्येक वर्ष दिसंबर के प्रथम सप्ताह में हॉर्नबिल महोत्सव का आयोजन करती है।
  • इसे त्योहारों का त्योहारभी कहा जाता है।
  • महोत्सव का नाम हॉर्नबिल के नाम पर रखा गया है, जो विश्व स्तर पर सम्मानित पक्षी है एवं जिसे राज्य की अधिकांश जनजातियों में लोककथाओं में प्रदर्शित किया जाता है।
  • राज्य के पर्यटन एवं कला तथा संस्कृति विभागों द्वारा आयोजित हॉर्नबिल महोत्सव में एक ही छत के नीचे सांस्कृतिक प्रदर्शनों की एक श्रृंखला प्रदर्शित की जाती है।
  • यह त्योहार आमतौर पर प्रत्येक वर्ष 1 से 10 दिसंबर के मध्य कोहिमा में आयोजित होता है। अत्यंत लोकप्रिय संगीत समारोह साथ में आयोजित किया जाता है।
  • हॉर्नबिल महोत्सव नागा विरासत ग्राम, किसामा में आयोजित किया जाता है जो कोहिमा से लगभग 12  किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है।
  • इस उत्सव में नागालैंड की सभी जनजातियां भाग लेती हैं। त्योहार का उद्देश्य नागालैंड की समृद्ध संस्कृति को पुनर्जीवित करना एवं उसकी रक्षा करना तथा इसके मनोरंजक कार्यक्रमों एवं परंपराओं को प्रदर्शित करना है।
  • आगंतुकों के लिए इसका अर्थ नागालैंड के लोगों एवं संस्कृति को करीब से समझना है। यदि आप नागालैंड के भोजन, गीत, नृत्य एवं रीति-रिवाजों का आनंद लेने के लिए नागालैंड जा रहे हैं तो इसे अपने यात्रा कार्यक्रम में अवश्य शामिल करें।

 

जियांग जेमिन

 

चर्चा में क्यों है?

पूर्व चीनी नेता जियांग जेमिन, जिन्होंने 1989 में तियानमेन नरसंहार के पश्चात चीन का नेतृत्व किया एवं 1996 में भारत का दौरा करने वाले प्रथम चीनी राष्ट्राध्यक्ष थे, का शंघाई में निधन हो गया।

कौन थे जियांग जेमिन?

  • जियांग ने 1989 से 2002 तक सीपीसी महासचिव; 1989 से 2004 तक शक्तिशाली केंद्रीय सैन्य आयोग के अध्यक्ष – जो पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की देखरेख करता है एवं 1993 एवं 2003 के बीच राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया।
  • 1949 में चीन में सीपीसी के सत्ता में आने के पश्चात 1996 में जियांग भारत का दौरा करने वाले प्रथम चीनी राष्ट्राध्यक्ष बने।

जियांग जेमिन के आर्थिक सुधार

  • जियांग जेमिन ने आर्थिक सुधारों के लिए एक स्वर्णिम समय के समय राष्ट्राध्यक्ष रहे।
  • जियांग जेमिन का आर्थिक ध्यान, एक स्थिर अर्थव्यवस्था का निर्माण करने तथा बेरोजगारी एवं मुद्रास्फीतिजनित मंदी के मुद्दों को हल करने पर केंद्रित था। ऐसा करने के लिए, उन्होंने पिछले शासन के सुधारों को उनके तार्किक परिणाम तक पहुँचाया, चीन को पूर्ण रूप से संपूर्ण  विश्व के लिए खोल दिया।
  • यह उनके नेतृत्व में संभव हुआ था कि चीनी विनिर्माण क्षेत्र वैश्विक विशालकाय संरचना बन गया है जो आज  हमें दिखाई देता है: उन्होंने अनुभव किया कि व्यापार एवं वाणिज्य के वैश्विक नेटवर्क में चीन के एकीकरण के माध्यम से ही इसकी घरेलू अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया जा सकता है
  • उनके द्वारा किए गए सुधार चीन को आर्थिक महाशक्ति बनने की राह पर ले जाएंगे।
  • उन्होंने वर्षों की वार्ता के पश्चात 2001 में चीन के विश्व व्यापार संगठन में सम्मिलित होने में सफलता प्राप्त की।

तीन प्रतिनिधियों का सिद्धांत

  • उन्होंने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के संविधान में अपना तीन प्रतिनिधित्व सिद्धांत लिखा।
  • इस सिद्धांत के अनुसार उन्होंने पार्टी एवं कम्युनिस्ट आंदोलन का आधुनिकीकरण किया।
  • वह श्रमिकों एवं कृषकों के एक राजनीतिक आधार से आगे बढ़े एवं बुद्धिजीवियों तथा नए उभरते हुए व्यापारी वर्ग को लुभाया।
  • उनके इस सिद्धांत ने पार्टी एवं लोगों के मध्य संबंधों के लिए एक दृष्टि व्यक्त की।
  • अन्य बातों के अतिरिक्त, इसने ‘पूंजीपतियों’ को सीसीपी में सम्मिलित होने हेतु अनुमति प्रदान की “जब तक वे सच्चरित्र श्रम में भाग लेते थे।”

 

अभ्यास- युद्धाभ्यास

 

 चर्चा में क्यों है?

  • वास्तविक नियंत्रण रेखा (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल/LAC) से लगभग 100 किमी दूर उत्तराखंड में भारत-अमेरिका संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘युद्ध अभ्यास’ का 18वां संस्करण वर्तमान में चल रहा है।
  • इसका उद्देश्य शांति स्थापना एवं आपदा राहत कार्यों में दोनों सेनाओं के मध्य अंतर- संचालनीयता को बढ़ाना एवं विशेषज्ञता साझा करना है।

युद्धाभ्यासके बारे में जाने

  • युद्ध अभ्यास (जो युद्ध प्रशिक्षण का संक्षेप में अनुवाद करता है) के रूप में लेबल किया गया, संयुक्त अभ्यास “दो देशों की सेनाओं के मध्य सर्वोत्तम पद्धतियों, रणनीति, तकनीकों एवं प्रक्रियाओं” का आदान-प्रदान करने हेतु वार्षिक रूप से आयोजित किया जाता है।
  • प्रशिक्षण के दौरान सेनाएं मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (ह्यूमैनिटेरियन असिस्टेंस एंड डिजास्टर रिलीफ/एचएडीआर) ऑपरेशन पर भी फोकस कर रही हैं।
  • किसी भी प्राकृतिक आपदा को ध्यान में रखते हुए दोनों देशों के सैनिकों ने तीव्रता से एवं समन्वित राहत प्रयासों को प्रारंभ करने का अभ्यास किया।

 

आरबीआई की खुदरा डिजिटल रुपी प्रायोगिक परियोजना

 

चर्चा में क्यों है?

1 दिसंबर से प्रारंभ होने वाले भारतीय रिजर्व बैंक के खुदरा डिजिटल रूपी प्रायोगिक परियोजना (रिटेल डिजिटल रुपी पायलट प्रोजेक्ट) के तहत, चार बैंकों ने अपने मोबाइल बैंकिंग एप्लिकेशन में एक वॉलेट निर्मित किया है जहां चुनिंदा ग्राहकों के लिए सीबीडीसी उपलब्ध होंगे।

आरबीआई के खुदरा डिजिटल रुपी प्रायोगिक परियोजना की प्रमुख विशेषताएं

  • केंद्रीय बैंक ने आरबीआई के खुदरा डिजिटल रुपी प्रायोगिक परियोजना में चरणबद्ध भागीदारी के लिए आठ बैंकों का अभिनिर्धारण किया है।
  • भारतीय रिजर्व बैंक के डिजिटल रुपया कार्यक्रम में भाग लेने वाले बैंकों द्वारा पेश किए गए डिजिटल वॉलेट केवल डिजिटल मुद्रा में लेनदेन कर सकते हैं।
  • खुदरा डिजिटल रुपया एक डिजिटल टोकन के रूप में होगा जो वैध मुद्रा का प्रतिनिधित्व करता है।
  • आरबीआई उसी मूल्यवर्ग में डिजिटल करेंसी जारी करेगा, जिसमें पेपर करेंसी एवं सिक्के जारी किए जाते हैं।
  • मोबाइल फोन एवं अन्य उपकरणों पर डिजिटल वॉलेट के माध्यम से खुदरा डिजिटल रुपये का लेनदेन किया जा सकता है।
  • खुदरा डिजिटल मुद्रा बैंकों के माध्यम से वितरित की जाएगी। डिजिटल मुद्रा में लेन-देन व्यक्ति-से-व्यक्ति (पीपल टू पीपल/P2P) एवं व्यक्ति-से-व्यापारी (पीपल टू मर्चेंट/P2M) के मध्य किया जा सकता है।
  • व्यापारी (मर्चेंट) स्थानों पर प्रदर्शित त्वरित प्रतिक्रिया (क्विक रिस्पांस/क्यूआर) कोड का उपयोग करके व्यापारियों को भुगतान किया जा सकता है।

 

दिल्ली में जामा मस्जिद के अधिकारियों द्वारा मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध  चौथा भारत-फ्रांस वार्षिक रक्षा संवाद 2022 | भारत-फ्रांस संबंध नार्को एवं पॉलीग्राफ टेस्ट के पीछे का विज्ञान क्या है? | यूपीएससी के लिए जानिए फीफा की सेमी ऑटोमेटेड ऑफ़साइड टेक्नोलॉजी (SAOT) क्या है? | फुटबॉल विश्व कप 2022
भारत ने कोविड-19 के विरुद्ध विश्व का प्रथम अंतर्नासा (इंट्रानेजल) वैक्सीन विकसित किया |हिंदू संपादकीय भारतीय संविधान, प्रमुख विशेषताएं, प्रस्तावना, अनुसूचियां एवं अन्य विवरण चेन्नई का मरगज़ी महोत्सव क्या है? |संगीत एवं नृत्य की प्रासंगिकता का एक मौसम अभ्यास “हरिमऊ शक्ति -2022”: भारत – मलेशिया संयुक्त सैन्य अभ्यास
भारत-जीसीसी मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) वार्ता पुनः प्रारंभ भारत में बजटीय प्रक्रिया क्या है? | केंद्रीय बजट 2023-24 प्रथम चीन-हिंद महासागर क्षेत्र मंच: भारत के बिना क्यों? न्यायाधीशों का स्थानांतरण | यूपीएससी के लिए आज का द हिंदू संपादकीय विश्लेषण

Sharing is caring!