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बिम्सटेक कृषि मंत्रियों की दूसरी बैठक 2022
बिम्सटेक कृषि मंत्रियों की बैठक चर्चा में क्यों है
- हाल ही में, भारत ने बंगाल की खाड़ी के लिए बहु-क्षेत्रीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग पहल (बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी- सेक्टर सेक्टर टेक्निकल एंड इकोनामिक कोऑपरेशन/बिम्सटेक) की कृषि मंत्रिस्तरीय की दूसरी बैठक की मेजबानी की।
बिम्सटेक कृषि मंत्रियों की बैठक 2022
- दूसरी बिम्सटेक कृषि मंत्रिस्तरीय बैठक ने बिम्सटेक कृषि सहयोग (2023-2027) को सुदृढ़ करने के लिए कार्य योजना को अपनाया।
- बिम्सटेक सचिवालय एवं अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान (इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट/आईएफपीआरआई) के मध्य एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं एवं मत्स्य पालन एवं पशुधन उप-क्षेत्रों को कृषि कार्य समूह के तहत लाने को स्वीकृति प्रदान की गई है।
- बिम्सटेक सदस्य देशों ने कृषि अनुसंधान एवं विकास में सहयोग को मजबूत करने तथा कृषि में स्नातकोत्तर एवं पीएचडी कार्यक्रमों के लिए प्रत्येक हेतु छह छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए भारत के प्रयासों की सराहना की।
- भारत, भूटान, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार, श्रीलंका एवं थाईलैंड के कृषि मंत्रियों ने बिम्सटेक बैठक 2022 में भाग लिया।
बिम्सटेक देशों के बारे में प्रमुख बिंदु
- बिम्सटेक की स्थापना 1997 में दक्षिण एवं दक्षिण-पूर्व एशिया के मध्य 5 देशों – दक्षिण एशिया से बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल एवं श्रीलंका तथा दक्षिण-पूर्व एशिया के दो देशों – म्यांमार एवं थाईलैंड के साथ एक विशिष्ट संपर्क प्रदान करने के लिए की गई थी।
- सहयोग के क्षेत्र: अर्थव्यवस्था के 14 प्रमुख आर्थिक एवं सामाजिक क्षेत्रों में सहयोग के लिए देश एक मंच के रूप में एक साथ आए।
- आरंभ में, छह क्षेत्रों- व्यापार, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, परिवहन, पर्यटन एवं मत्स्य पालन को क्षेत्रीय सहयोग के लिए सम्मिलित किया गया था जिसे बाद में सहयोग के 14 क्षेत्रों में विस्तारित किया गया था।
- बिम्सटेक मुख्यालय: बिम्सटेक का मुख्यालय काठमांडू, नेपाल में अवस्थित है।
- बिम्सटेक के नए महासचिव: तेनज़िन लेकफेल।
- उद्देश्य: क्षेत्र में आपसी व्यापार, संपर्क एवं सांस्कृतिक, तकनीकी तथा आर्थिक विकास को आगे बढ़ाना।
- बिम्सटेक 2022 शिखर सम्मेलन: 5 वें बिम्सटेक शिखर सम्मेलन की मेजबानी बिम्सटेक के वर्तमान अध्यक्ष श्रीलंका द्वारा आभासी रूप में की गई थी।
- बिम्सटेक 2022 की थीम: 5 वें बिम्सटेक शिखर सम्मेलन की विषय वस्तु “एक लोचशील क्षेत्र की ओर, समृद्ध अर्थव्यवस्थाएं, स्वस्थ लोग” (टुवर्ड्स ए रेसिलियंट रीजन, प्रॉस्परस इकोनॉमीज, हेल्दी पीपल) है।
भारत-बेलारूस अंतर-सरकारी आयोग
भारत-बेलारूस अंतर-सरकारी आयोग चर्चा में क्यों है?
- व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी एवं सांस्कृतिक सहयोग पर भारत-बेलारूस अंतर-सरकारी आयोग का 11 वां सत्र नवंबर 2022 में नई दिल्ली में आयोजित किया गया था।
भारत-बेलारूस अंतर-सरकारी आयोग
- भागीदारी: वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री श्री सोम प्रकाश ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया तथा बेलारूस गणराज्य के विदेश मामलों के महामहिम श्री व्लादिमीर मेकी ने बेलारूसी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।
- अंतर सरकारी आयोग ने 2020 में आयोग के दसवें सत्र के बाद हुए द्विपक्षीय सहयोग के परिणामों की समीक्षा की।
- कुछ परियोजनाओं के संबंध में हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए, आयोग ने संबंधित मंत्रालयों एवं विभागों को ठोस परिणामों को अंतिम रूप देने के लिए व्यापार तथा निवेश क्षेत्रों में प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने का भी निर्देश दिया।
- आर्थिक मोर्चे पर, फोकस के सभी क्षेत्रों में सहयोग के विस्तार के साथ पर्याप्त प्रगति हुई है।
- भारत एवं बेलारूस ने औषधि, वित्तीय सेवाओं, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, भारी उद्योग, संस्कृति, पर्यटन तथा शिक्षा जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर बल देते हुए अपने सहयोग को और व्यापक बनाने की अपनी प्रबल इच्छा दोहराई।
- दोनों मंत्रियों ने अपने-अपने व्यापारिक समुदायों को पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए इन क्षेत्रों में एक-दूसरे के साथ जुड़ने का निर्देश दिया।
भारत-बेलारूस संबंध
- भारत एवं बेलारूस 1991 से रणनीतिक साझेदार रहे हैं।
- दोनों देश अर्थव्यवस्था, व्यापार, संस्कृति तथा भू-राजनीतिक स्तर सहित अनेक क्षेत्रों में सहयोगरत हैं।
- यह यात्रा मौजूदा संबंधों की समीक्षा करने एवं दोनों देशों के मध्य सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों तथा साधनों का पता लगाने का एक अवसर था।
फिट इंडिया स्कूल वीक के शुभंकर तूफान एवं तूफानी
स्वस्थ भारत विद्यालय सप्ताह/फिट इंडिया स्कूल वीक के शुभंकर चर्चा में क्यों है?
- हाल ही में, दोहरी ओलंपिक पदक विजेता पी. वी. सिंधु ने वर्ष 2022 के लिए फिट इंडिया मूवमेंट की फिट इंडिया स्कूल वीक पहल के लिए शुभंकर तूफान तथा तूफानी का विमोचन किया।
- फिट इंडिया स्कूल वीक का चौथा संस्करण 15 नवंबर 2022 को प्रारंभ होगा, जिसमें एक माह के लिए भारत भर के विभिन्न विद्यालय 4 से 6 दिनों के लिए विभिन्न रूपों में आरोग्य एवं खेल का जश्न मनाएंगे तथा विद्यालय समुदाय के मध्य इसके महत्व की पुष्टि करेंगे।
फिट इंडिया स्कूल वीक
- पृष्ठभूमि: फिट इंडिया मूवमेंट की शुरुआत प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2019 में की थी।
- फिट इंडिया मूवमेंट के बारे में: वार्षिक ‘फिट इंडिया स्कूल वीक’ कार्यक्रम दिसंबर 2019 में प्रारंभ किया गया था। कार्यक्रम के सभी तीन पिछले फिट इंडिया स्कूल वीक संस्करण छात्रों के मध्य एक बड़ी सफलता रहे हैं।
- अधिदेश: फिट इंडिया स्कूल वीक पहल छात्रों में फिटनेस के व्यवहार को विकसित करने तथा फिटनेस एवं खेल के बारे में जागरूकता में वृद्धि करने हेतु विद्यालयों को प्रोत्साहित करने के लिए समर्पित है।
फिट इंडिया स्कूल वीक 2022 के शुभंकर
- युवा पीढ़ी के मध्य इस पहल को और अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए, चौथे फिट इंडिया स्कूल वीक संस्करण ने अपने फ्लैगशिप में “तूफान एवं तूफानी” नामक दो शुभंकर जोड़े हैं।
- “तूफान एवं तूफ़ानी” भारत के सर्वाधिक स्वस्थ सुपर हीरो एवं सुपरवुमन का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- शुभंकरों को खेलों से और अधिक जोड़ने के लिए, उन्हें हवा की तरह तेज दौड़ने (एथलेटिक्स), कार उठाने (भारोत्तोलन) एवं शानदार फोकस कौशल (शतरंज) जैसी महाशक्तियां दी गई हैं।
- वे लोगों को खेल एवं फिटनेस के बारे में विभिन्न कहानियां सुनाकर उनसे जुड़ते हैं एवं इस प्रक्रिया में उन्हें प्रेरित, शिक्षित तथा प्रोत्साहित करते हैं।
डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र को प्रोत्साहन
डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र चर्चा में क्यों है?
- पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय, भारत सरकार ने केंद्र सरकार के पेंशन भोगियों के लिए डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र को प्रोत्साहित करने हेतु एक राष्ट्रव्यापी अभियान आरंभ किया है।
डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र को प्रोत्साहित करने के प्रयास
- नवंबर 2021 में, केंद्रीय राज्य मंत्री (पीपी) डॉ. जितेंद्र सिंह ने किसी भी एंड्रॉइड मोबाइल फोन के माध्यम से जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की फेस ऑथेन्टिकेशन तकनीक का विमोचन किया था जो एक ऐतिहासिक कदम है।
- अब विभाग डिजिटल मोड के माध्यम से जीवन प्रमाण पत्र को प्रोत्साहित करने तथा चेहरा पहचान (फेस ऑथेन्टिकेशन) तकनीक को लोकप्रिय बनाने के लिए एक विशेष राष्ट्रव्यापी अभियान प्रारंभ कर रहा है।
- सभी पंजीकृत पेंशनभोगी संघों, पेंशन संवितरण बैंकों, भारत सरकार के मंत्रालयों तथा सीजीएचएस कल्याण केंद्रों को निर्देश दिया गया है कि वे पेंशनभोगियों के ‘ जीवन की सुगमता’ (ईज ऑफ लिविंग) के लिए विशेष शिविर आयोजित कर जीवन प्रमाण पत्र जमा करने हेतु डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट/फेस ऑथेन्टिकेशन तकनीक को बढ़ावा दें।
- सभी पेंशनभोगी डिजिटल माध्यम से अपने जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के लिए केंद्र पर जा सकते हैं।