Table of Contents
यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2023 के लिए आज के महत्वपूर्ण दैनिक समसामयिकी पढ़ें। आज अर्थात 26 नवंबर 2022 को, हम कुछ महत्वपूर्ण यूपीएससी प्रारंभिक बिट्स को कवर कर रहे हैं जो यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा एवं अन्य प्रतिष्ठित प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं।
भारतीय सेना की पायनियर कोर
चर्चा में क्यों है?
- भारतीय सेना 25 नवंबर को पायनियर कोर का 81वां स्थापना दिवस मना रही है।
- इस दिन 1941 में, वाहिनी को सहायक पायनियर कॉर्प के रूप में फिर से नामित किया गया था।
पायनियर कोर के बारे में जानें
- पायनियर कोर की स्थापना 1758 में मद्रास में हुई थी जब प्रथम पायनियर कंपनियों की स्थापना हुई थी। पायनियर कोर का इतिहास स्वतंत्रता के लिए भारत के लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष से निकटता से जुड़ा हुआ है।
- द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ऐतिहासिक वाहिनी ने अपने पुनर्गठन का साक्षी बना क्योंकि इसे फिर से खड़ा किया गया था।
- सहायक पायनियर कॉर्प के रूप में फिर से नामित होने के बाद, युद्ध की समाप्ति की ओर इसकी क्षमता 1,99,420 सैनिकों की थी, जो भारतीय सेना में तीसरी सबसे बड़ी थी।
- द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात, पायनियर कोर को राजस्थान के सूखे रेगिस्तान एवं लेह/लद्दाख के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सेवा के लिए तैनात किया गया था।
- कोर ने सक्रिय रूप से ‘ऑपरेशन पोलो’, ‘ऑपरेशन पवन’ एवं ‘ऑपरेशन विजय’ में भाग लिया। वे जम्मू-कश्मीर एवं पूर्वोत्तर में विद्रोह रोधी कार्रवाईयों (काउंटर इंसर्जेंसी ऑपरेशंस) में भी सक्रिय रूप से कार्यरत रहे हैं।
- पायनियर्स की प्रतिबद्धता एवं समर्पण सदैव सराहनीय रही है एवं प्रत्येक अवसर पर उन्होंने चुनौतियों का सामना करते हुए अपनी क्षमता सिद्ध की है।
लीथ का मृदु कवच वाला कछुआ
चर्चा में क्यों है?
- वन्य जीवों एवं वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर अभिसमय (कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल ट्रेड इन एंडेंजर्ड स्पीशीज ऑफ वाइल्ड फौना एंड फ्लोरा/सीआईटीईएस) के परिशिष्ट II से परिशिष्ट I में लीथ के मृदु कवच वाले कछुए (निल्सोनिया लेथि) को स्थानांतरित करने के भारत के प्रस्ताव को सीआईटीईएस के पक्षकारों के सम्मेलन (कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज/CoP) द्वारा पनामा में अपनी 19वीं बैठक में में अपनाया गया है।
- सीआईटीईएस के सीओपी की 19वीं बैठक पनामा में 14 से 25 नवंबर 2022 तक आयोजित हो रही है।
लीथ के मृदु कवच वाले कछुओं के बारे में जानें
लीथ का सॉफ्टसेल कछुआ एक बड़ा स्वच्छ जल में रहने वाला मृदु कवच वाला कछुआ है जो प्रायद्वीपीय भारत के लिए स्थानिक है एवं यह नदियों तथा जलाशयों में रहता है।
- खतरा: यह प्रजाति विगत 30 वर्षों में तीव्र शोषण के अधीन रही है। भारत के भीतर इसका अवैध रूप से शिकार किया गया एवं इसका सेवन किया गया। यह मांस के लिए तथा इसके कैलीपी के लिए विदेशों में भी अवैध रूप से कारोबार किया गया है।
- घटती जनसंख्या: कछुओं की इस प्रजाति की आबादी में पिछले 30 वर्षों में 90% की गिरावट का अनुमान है, जिससे कि अब इस प्रजाति को खोज पाना अत्यंत कठिन कार्य है।
- आईयूसीएन वर्गीकरण: इसे आईयूसीएन द्वारा ‘गंभीर रूप से संकटग्रस्त‘ (क्रिटिकली एंडेंजर्ड) के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
- वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 वर्गीकरण: इसकी प्रजातियों को वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची IV में सूचीबद्ध किया गया है, जो इसे शिकार के साथ-साथ व्यापार से भी सुरक्षा प्रदान करता है।
उपग्रह आनंद
चर्चा में क्यों है?
- आज अर्थात 26 नवंबर, 2022 को बेंगलुरु स्थित सैटेलाइट स्टार्ट-अप Pixxel ने अपना तीसरा हाइपरस्पेक्ट्रल उपग्रह ‘आनंद’ अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया।
- यह पृथ्वी छवि चित्रण उपग्रह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन/ISRO) के वर्कहॉर्स, ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल/PSLV) पर आंध्र प्रदेश तट से दूर श्रीहरिकोटा में राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी के स्पेसपोर्ट से अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया जाएगा।
‘आनंद‘ के बारे में जानिए
- आनंद एक हाइपरस्पेक्ट्रल सूक्ष्म उपग्रह (माइक्रो सैटेलाइट) है जिसका वजन 15 किलो से कम है एवं इसमें कुल 150 तरंग दैर्ध्य हैं जो इसे 10 से कम तरंग दैर्ध्य वाले गैर-हाइपरस्पेक्ट्रल उपग्रहों की तुलना में बहुत अधिक विस्तार से पृथ्वी पर छविचित्रण (प्रग्रहण) करने में सक्षम करेगा।
- हाइपरस्पेक्ट्रल प्रतिबिंबन प्रत्येक पिक्सेल को केवल प्राथमिक रंग लाल, हरा अथवा नीला निर्दिष्ट करने के स्थान पर प्रकाश के विस्तृत स्पेक्ट्रम का विश्लेषण करती है।
- प्रतिबिम्बित वस्तु के बारे में अधिक जानकारी एकत्र करने के लिए प्रत्येक पिक्सेल पर पड़ने वाले प्रकाश को कई वर्णक्रमीय सीमाओं में विभाजित किया जाता है।
- उपग्रह गैसों, मीथेन रिसाव, भूमिगत तेल, कीटों के संक्रमण एवं फसलों में होने वाले रोगों का शीघ्रता से पता लगा सकता है।
- (अप्रैल में, Pixxel एक वाणिज्यिक उपग्रह प्रक्षेपित करने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई। उपग्रह ‘शकुंतला‘ को स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट का उपयोग करके प्रक्षेपित किया गया था।)
नेटवर्क रेडीनेस इंडेक्स 2022
चर्चा में क्यों है?
नेटवर्क रेडीनेस इंडेक्स 2022 रिपोर्ट के अनुसार भारत ने छठे स्थान से अपनी स्थिति में सुधार किया है एवं 61वें स्थान पर है।
नेटवर्क रेडीनेस इंडेक्स 2022 के बारे में जानिए
- नेटवर्क रेडीनेस इंडेक्स वाशिंगटन डीसी में स्थित एक स्वतंत्र गैर-लाभकारी अनुसंधान एवं शैक्षणिक संस्थान ”पोर्टुलान्स इंस्टीट्यूट” द्वारा तैयार किया गया है।
- एनआरआई रिपोर्ट 131 अर्थव्यवस्थाओं के नेटवर्क आधारित तत्परता परिदृश्य को मानचित्रित करती है।
- एनआरआई 2022 में, संयुक्त राज्य अमेरिका एवं सिंगापुर क्रमशः पहले और दूसरे स्थान पर रहे। रिपोर्ट में कुल 58 चर सम्मिलित हैं जो निम्नलिखित 4 पृथक-पृथक स्तंभों में उनके प्रदर्शन पर आधारित हैं:
- प्रौद्योगिकी
- लोग
- शासन
- प्रभाव