Table of Contents
यूपीएससी के लिए 03 जनवरी 2023 की दैनिक समसामयिकी: हम आपके लिए यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के उम्मीदवारों को सर्वाधिक महत्वपूर्ण दैनिक यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा विशिष्ट समसामयिकी के साथ अद्यतन करने के सिद्धांत पर “यूपीएससी परीक्षा के लिए दैनिक समसामयिकी” लाते हैं। ये दैनिक समसामयिकी हमारी टीम द्वारा यूपीएससी उम्मीदवारों के कीमती समय को बचाने के लिए बिट फॉर्म/संक्षिप्त रूप में तैयार किए गए हैं। आज के प्रीलिम्स बिट्स में हम नीचे दिए गए टॉपिक्स के लिए करंट अफेयर्स बिट्स को कवर कर रहे हैं: NMML सोसाइटी, प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार, सर्वोच्च न्यायालय का विमुद्रीकरण पर निर्णय, श्री मन्नत्तु पद्मनाभन।
एनएमएमएल सोसायटी
चर्चा में क्यों है?
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एनएमएमएल सोसायटी की वार्षिक आम बैठक की अध्यक्षता की।
प्रीलिम्स बिट्स फॉर एनएमएमएल
- जवाहरलाल नेहरू (1889-1964) की स्मृति में स्थापित नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (NMML) संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन एक स्वायत्त संस्थान है।
- यह भव्य तीन मूर्ति भवन में स्थित है, जो भारत के प्रथम प्रधानमंत्री का आधिकारिक निवास है।
- इसके चार प्रमुख घटक हैं, एक स्मारक संग्रहालय, आधुनिक भारत पर एक पुस्तकालय, एक समकालीन अध्ययन केंद्र एवं नेहरू तारामंडल।
- एनएमएमएल में एक विशेष पुस्तकालय है जिसे माइक्रोफिल्म एवं माइक्रोफिश पर पुस्तकों, पत्रिकाओं, तस्वीरों एवं अन्य संसाधन सामग्री के अत्यंत समृद्ध एवं विविध संग्रह के साथ औपनिवेशिक तथा उत्तर-औपनिवेशिक भारत पर एक विशिष्ट अनुसंधान एवं संदर्भ केंद्र के रूप में डिजाइन तथा विकसित किया गया है।
प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार
चर्चा में क्यों है?
- मध्य प्रदेश के इंदौर में प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 27 लोगों को प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार प्रदान करेंगी।
प्रीलिम्स बिट्स
- इस साल का प्रवासी भारतीय सम्मान गुयाना के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद इरफान अली को प्रदान किया जाएगा।
- प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का 17 वां संस्करण इस वर्ष 8 से 10 जनवरी तक आयोजित होने वाला है।
- राष्ट्रपति प्रवासी भारतीय दिवस समारोह के समापन सत्र के दौरान पुरस्कार प्रदान करेंगी।
- प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार प्रवासी भारतीयों को प्रदान किया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है।
श्री मन्नतु पद्मनाभन
चर्चा में क्यों है?
कल, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने श्री मन्नतु पद्मनाभन को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की है।
श्री मन्नतु पद्मनाभन के बारे में प्रीलिम्स बिट्स
- नायर सर्विस सोसाइटी (NSS) के संस्थापक मन्नतु पद्मनाभन एक महान समाज सुधारक थे, जिन्होंने नायर समुदाय की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए अथक प्रयास किया।
- श्री मन्नतु पद्मनाभन ने नायर सर्विस सोसाइटी के बैनर तले लोगों को संगठित करके पतनशील नायर समुदाय में दिशा की भावना भर दी, जो एक सेवा संगठन है जो आधुनिक शिक्षा, एक सकारात्मक दृष्टिकोण, उद्देश्य की भावना एवं एक प्रतिस्पर्धी सीमा प्रदान करने हेतु प्रतिबद्ध है।
- उनका जन्म केरल के कोट्टायम जिले के एक छोटे से गाँव पेरुन्ना में 02 जनवरी 1878 ई. को हुआ था। उनके पिता नीलमना इल्लम के श्री ईश्वरन नमबोथिरी एवं माता श्रीमती चिरामुत्तथु पार्वती अम्मा थीं।
- वह अपनी क्षमता, ईमानदारी एवं दृढ़ता के बल पर अपने समुदाय के आचार्य बन गए।
- मन्नम ने एक अधिवक्ता की अच्छी तनख्वाह वाली नौकरी को छोड़ते हुए अपने समुदाय की सेवा करने की मांग की।
- उन्होंने किसी भी समुदाय के विकास में शिक्षा के महत्व को महसूस किया था।
- उन्होंने शिक्षण संस्थानों को प्रारंभ करने हेतु धन एकत्रित करने के लिए धनी वर्ग से संपर्क किया एवं लोगों को इस उद्देश्य के लिए भूमि दान करने के लिए राजी किया।
- एक समाज सुधारक के रूप में अपनी भूमिका के बावजूद, मन्नम ने दो अवसरों को छोड़कर मुख्यधारा की राजनीति से दूर रहने का सावधानीपूर्वक चयन किया था। एक अवसर अत्यंत महत्वपूर्ण था जब उन्होंने त्रावणकोर के तत्कालीन दीवान सर सी पी रामास्वामी अय्यर के भारतीय संघ में त्रावणकोर एवं कोचीन के विलय पर रुख का विरोध किया था।
नोटबंदी पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय
चर्चा में क्यों है?
सर्वोच्च न्यायालय ने 02-01-2023 को केंद्र सरकार के 2016 में लिए गए 500 रुपये एवं 1000 रुपये मूल्यवर्ग के करेंसी नोटों को बंद करने के फैसले को बरकरार रखा।
प्रीलिम्स बिट्स
- 4:1 के बहुमत से, सर्वोच्च न्यायालय की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने निर्णय को चुनौती देने वाली याचिकाओं के एक बैच को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि विमुद्रीकरण का निर्णय, कार्यपालिका की आर्थिक नीति होने के कारण, प्रतिलोमित नहीं किया जा सकता है।
- सर्वोच्च न्यायालय का कहना है कि नोटबंदी से पूर्व केंद्र एवं भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बीच विचार विमर्श हुआ था।
- शीर्ष न्यायालय ने यह भी माना कि नोटबंदी आनुपातिकता के सिद्धांत से प्रभावित नहीं हुई थी।