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यूपीएससी परीक्षा के लिए दैनिक समसामयिकी
यूपीएससी के लिए दैनिक समसामयिकी: यूपीएससी लेख के लिए दैनिक समसामयिकी में दिन के महत्वपूर्ण लेख शामिल हैं जो विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं जैसे यूपीएससी, राज्य पीसीएस, एसएससी एवं विभिन्न बैंक परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं।
राइजिंग इंडिया थ्रू स्पिरिचुअल एम्पावरमेंट‘
‘राइज‘ पर राष्ट्रीय अभियान चर्चा में क्यों है?
- हाल ही में, भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने ‘आध्यात्मिक सशक्तिकरण के माध्यम से भारत का उत्थान’ (RISE-राइजिंग इंडिया थ्रू स्पिरिचुअल एंपावरमेंट) पर राष्ट्रीय अभियान के शुभारंभ की शोभा बढ़ाई।
‘RISE’ पर राष्ट्रीय अभियान
- RISE भारतीय नागरिकों के आध्यात्मिक सशक्तिकरण की दिशा में एक कदम है जिसके माध्यम से स्वर्णिम भारत का स्वप्न साकार होगा।
- ब्रह्म कुमारियों का मानना है कि आत्म परिवर्तन विश्व परिवर्तन को प्रेरित करता है। दस लाख परिवर्तन की यात्रा एक दूरगामी प्रभाव (डोमिनोज़ इफेक्ट) पैदा करेगी एवं राष्ट्र के पुनर्निर्माण की ओर ले जाएगी।
- ‘RISE’ अभियान भारत के लोगों को आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनाकर एवं संपूर्ण मानवता के कल्याण का समर्थन करके भारत को एक अग्रणी राष्ट्र बनाने में योगदान देगा।
- राजस्थान के माउंट आबू में ब्रह्म कुमारियों द्वारा ‘RISE’ पर राष्ट्रीय अभियान का आयोजन किया गया था।
ब्रह्म कुमारी- प्रमुख बिंदु
- ब्रह्म कुमारी के बारे में: ब्रह्मकुमारी एक विश्वव्यापी आध्यात्मिक आंदोलन है जो व्यक्तिगत परिवर्तन एवं विश्व नवीनीकरण के प्रति समर्पित है।
- 1937 में भारत में स्थापित, ब्रह्म कुमारी 130 से अधिक देशों में विस्तृत हो गया है।
- संस्थापक: पिताश्री प्रजापिता ब्रह्मा को ब्रह्म कुमारियों के संस्थापक पिता के रूप में जाना जाता है।
- महत्वपूर्ण योगदान: विगत लगभग 80 वर्षों से, ब्रह्माकुमारी संस्थान आध्यात्मिक प्रगति, व्यक्तित्व के आंतरिक परिवर्तन एवं विश्व समुदाय के पुनरोद्धार की दिशा में अमूल्य योगदान दे रहा है।
- शांति, अहिंसा एवं प्रेम पर आधारित सेवा भावना से इस संस्था ने समग्र शिक्षा, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, आपदा प्रबंधन, दिव्यांगजनों तथा अनाथों के कल्याण एवं पर्यावरण संरक्षण जैसे अनेक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
- ब्रह्माकुमारीज़ संस्था 137 देशों में लगभग 5000 ध्यान केंद्र संचालित कर रही है।
रानी वेलु नचियार
रानी वेलु नचियार चर्चा में क्यों है?
- हाल ही में, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने रानी वेलु नचियार को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की है।
- उन्होंने कहा कि “वह अपने लोगों के लिए न्याय सुनिश्चित करने में अग्रणी थीं। उन्होंने उपनिवेशवाद का जमकर विरोध किया एवं समाज के कल्याण के लिए भी कार्य किया। उनकी बहादुरी आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।”
रानी वेलु नचियार
- रानी वेलु नचियार के बारे में: रानी वेलु नचियार भारत में अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ने वाली तमिल मूल की प्रथम रानी थीं। रानी वेलु नचियार दक्षिण की एक प्रेरणादायक महिला थीं।
- वेलु नचियार को अभी भी तमिलनाडु में लोगों द्वारा ‘वीरमंगई’ अथवा वीर महिला के रूप में सम्मानित किया जाता है।
- ब्रिटिश शासन के विरुद्ध विद्रोह: रानी वेलु नचियार ने एक सेना का गठन किया एवं 1780 में हैदर अली की सैन्य सहायता से अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ाई लड़ी एवं विजय हासिल की।
- अंग्रेजों द्वारा अपने पति की हत्या के बाद रानी वेलु नचियार युद्ध में शामिल हो गईं।
- हैदर अली का संरक्षण: रानी वेलु नचियार डिंडीगुल के समीप मैसूर के हैदर अली के संरक्षण में रहती थी।
- मानव बम का विचार: कहा जाता है कि रानी वेलु नचियार को मानव बम का विचार आया था।
- उनका शासन: रानी वेलु नचियार ने एक महिला सेना का भी गठन किया एवं उन कुछ शासकों में से एक थीं जिन्होंने अपना राज्य वापस पा लिया तथा 10 और वर्षों तक शासन किया।
- 1796 में अपनी मृत्यु पर मारुथु भाइयों को शाही प्रतिबद्धताओं को पूर्ण करने से पूर्व उन्होंने एक दशक से अधिक समय तक राज्य पर शासन किया।
108 वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस
108 वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस चर्चा में क्यों है?
- हाल ही में, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 108 वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस (इंडियन साइंस कांग्रेस/आईएससी) को संबोधित किया।
- भारतीय विज्ञान कांग्रेस 2023 में, प्रधानमंत्री ने आगामी 25 वर्षों में भारत के विकास की कहानी में भारत की वैज्ञानिक शक्ति की भूमिका पर प्रकाश डाला।
108 वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस
- 108 वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस के बारे में: भारतीय विज्ञान कांग्रेस का प्रथम सम्मेलन 1914 में आयोजित किया गया था।
- भारतीय विज्ञान कांग्रेस (आईएससी) का 108 वां वार्षिक सत्र राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय में आयोजित किया जाएगा, जो इस वर्ष अपनी शताब्दी भी मना रहा है।
- थीम: इस वर्ष के भारतीय विज्ञान कांग्रेस (आईएससी) की मुख्य थीम “महिला सशक्तिकरण के साथ सतत विकास के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी” (साइंस एंड टेक्नोलॉजी फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट विद वूमेन एंपावरमेंट) है।
- महिला सशक्तिकरण पर ध्यान: यह सतत विकास, महिला सशक्तिकरण एवं इसे प्राप्त करने में विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी की भूमिका के मुद्दों पर चर्चा का साक्षी बनेगा।
- आयोजन निकाय: भारतीय विज्ञान कांग्रेस संघ (इंडियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन/ISCA) वार्षिक भारतीय विज्ञान कांग्रेस का आयोजन करता है।
भारत ने एशिया प्रशांत डाक संघ का नेतृत्व संभाला
एशिया प्रशांत डाक संघ (एशियन पैसिफिक पोस्टल यूनियन) चर्चा में क्यों है?
- भारत इस माह से बैंकॉक, थाईलैंड में एशियाई प्रशांत डाक संघ (एशियन पेसिफिक पोस्टल यूनियन/APPU) के मुख्यालय का कार्यभार संभालेगा।
एशियन पैसिफिक पोस्टल यूनियन
- अगस्त-सितंबर 2022 के दौरान बैंकॉक में आयोजित 13वीं एशिया प्रशांत डाक संघ (एशियन पेसिफिक पोस्टल यूनियन) कांग्रेस के दौरान हुए सफल चुनावों के पश्चात, डॉ. विनय प्रकाश सिंह 4 वर्ष के कार्यकाल के लिए संघ के महासचिव का पदभार संभालेंगे।
- विनय प्रकाश सिंह डाक सेवा बोर्ड के पूर्व सदस्य (कार्मिक) हैं।
- एशियन पैसिफिक पोस्टल यूनियन (APPU) एशियाई-प्रशांत क्षेत्र के 32 सदस्यीय देशों का एक अंतर-सरकारी संगठन है।
- एशिया प्रशांत डाक संघ (APPU) इस क्षेत्र में सार्वभौमिक डाक संघ (यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन/UPU) का एकमात्र प्रतिबंधित संघ है, जो संयुक्त राष्ट्र का एक विशेष अभिकरण है।
- एशिया प्रशांत डाक संघ का लक्ष्य सदस्य देशों के मध्य डाक संबंधों का विस्तार, सुविधा प्रदान करना एवं सुधार करना तथा डाक सेवाओं के क्षेत्र में सहयोग में वृद्धि करना है।
- सार्वभौमिक डाक संघ (यूपीयू) के विभिन्न परियोजनाओं के क्षेत्रीय केंद्र के रूप में, एशिया प्रशांत डाक संघ (एपीयूयू) यह सुनिश्चित करने में भी अग्रणी भूमिका निभाता है कि सार्वभौमिक डॉक्टर की सभी तकनीकी एवं परिचालन परियोजनाएं इस क्षेत्र में पूरी हो जाएं ताकि क्षेत्र को सर्वोत्तम संभव रीति से वैश्विक डाक नेटवर्क में एकीकृत किया जा सके।
- महासचिव संघ की गतिविधियों का नेतृत्व करते हैं एवं एशिया प्रशांत डाक महाविद्यालय (एशियन पैसिफिक पोस्टल कॉलेज/APPC) के निदेशक भी हैं जो इस क्षेत्र का सबसे बड़ा अंतर सरकारी डाक प्रशिक्षण संस्थान है।