Table of Contents
यूपीएससी परीक्षा के लिए दैनिक समसामयिकी
यूपीएससी के लिए दैनिक समसामयिकी: यूपीएससी लेख के लिए दैनिक समसामयिकी में दिन के महत्वपूर्ण लेख शामिल हैं जो विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं जैसे यूपीएससी, राज्य पीसीएस, एसएससी एवं विभिन्न बैंक परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं।
वार्षिक पारदर्शिता रिपोर्ट/एनुअल ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट
एनएफआरए ने वार्षिक पारदर्शिता रिपोर्ट पेश की
- हाल ही में, राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी/एनएफआरए) ने अंकेक्षकों/अंकेक्षण फर्मों द्वारा वार्षिक पारदर्शिता रिपोर्ट (एनुअल ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट/एटीआर) की तैयारी तथा प्रकाशन के संबंध में प्रारूप आवश्यकताओं को प्रकाशित किया है।
ऑडिट फर्मों द्वारा वार्षिक पारदर्शिता रिपोर्ट (एटीआर)
- एनुअल ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट के बारे में: वार्षिक पारदर्शिता रिपोर्ट अथवा एनुअल ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट ऑडिट फर्मों के प्रबंधन एवं शासन तथा उनकी आंतरिक नीति ढांचे के बारे में पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में एक कदम है-
- उच्च गुणवत्ता युक्त अंकेक्षण सुनिश्चित करने हेतु तथा
- स्वतंत्रता को बनाए रखते हुए हितों के टकराव को रोकना
- ये एटीआर आवश्यकताएं अन्य अधिकार क्षेत्रों में कुछ प्रमुख स्वतंत्र लेखा परीक्षा नियामकों द्वारा कार्यान्वित समकालीन अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम व्यवहार की तर्ज पर हैं।
- एनएफआरए नियम 2018 का नियम 8(2) एनएफआरए को यह अधिकार प्रदान करता है कि वह अंकेक्षक को अपनी शासन पद्धतियों एवं डिजाइन की गई आंतरिक प्रक्रियाओं पर रिपोर्ट करने के लिए कह सकता है-
- अंकेक्षण संबंधी गुणवत्ता को प्रोत्साहित करने हेतु, इसकी प्रतिष्ठा की रक्षा करना तथा अंकेक्षक की विफलता के जोखिम सहित जोखिमों को कम करना एवं
- रिपोर्ट पर आवश्यक कार्रवाई करने हेतु।
- 31 मार्च 2023 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष से शीर्ष 1000 सूचीबद्ध कंपनियों (बाजार पूंजीकरण द्वारा) के वैधानिक लेखा परीक्षकों के साथ प्रारंभ होने वाले पीआईई के लिए एटीआर आवश्यकताओं को क्रमिक रूप से लागू करने का प्रस्ताव है।
- एनुअल ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट (एटीआर) को प्रत्येक वित्तीय वर्ष के अंत से तीन माह के भीतर प्रकाशित किया जाना है।
जी-20 समूह की भारत की अध्यक्षता के तहत जी-20 स्वास्थ्य कार्य समूह की प्रथम बैठक
G20 स्वास्थ्य कार्य समूह की बैठक 2023 चर्चा में क्यों है?
- जी-20 समूह की भारत की अध्यक्षता के तहत स्वास्थ्य कार्य समूह की प्रथम बैठक 18 से 20 जनवरी, 2023 तक तिरुवनंतपुरम, केरल में आयोजित की जाएगी।
जी-20 समूह की भारत की अध्यक्षता का हेल्थ ट्रैक
- जी-20 समूह की भारत की अध्यक्षता के हेल्थ ट्रैक में चार स्वास्थ्य कार्य समूह (हेल्थ वर्किंग ग्रुप/HWG) बैठक तथा स्वास्थ्य मंत्रियों की एक बैठक (हेल्थ मिनिस्ट्रियल मीटिंग/HMM) शामिल होंगी।
- बैठकें तिरुवनंतपुरम (केरल), गोवा, हैदराबाद (तेलंगाना) एवं गांधीनगर (गुजरात) सहित देश भर में विभिन्न स्थानों पर आयोजित की जाएंगी।
- ये भारत की समृद्ध एवं विविध संस्कृतियों को प्रदर्शित करने के लिए माननीय प्रधानमंत्री के आह्वान को अनावृत करेंगे।
- भारत जी 20 चर्चाओं को समृद्ध, पूरक एवं समर्थन प्रदान करने हेतु स्वास्थ्य कार्य समूह (एचडब्ल्यूजी) की प्रत्येक बैठक के साथ एक अतिरिक्त कार्यक्रम की मेजबानी करने की योजना बना रहा है।
- इसमें शामिल है-
- स्वास्थ्य के महत्व की यात्राएं (मेडिकल वैल्यू ट्रैवल) एवं डिजिटल स्वास्थ्य पर सह कार्यक्रम;
- दवाओं, निदान एवं टीकों पर सहयोगी अनुसंधान पर एक कार्यशाला; एवं
- पारंपरिक औषधियों के वैश्विक केंद्र (ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन) पर एक सह-ब्रांडेड कार्यक्रम।
- चिकित्सीय महत्व की यात्राएं (मेडिकल वैल्यू ट्रैवल) पर सह कार्यक्रम 18-20 जनवरी 2023 को तिरुवनंतपुरम में स्वास्थ्य कार्य समूह की पहली बैठक के दौरान आयोजित किया जाएगा।
भारत की जी-20 समूह की अध्यक्षता के तहत G20 हेल्थ ट्रैक
- भारत का लक्ष्य स्वास्थ्य सहयोग में संलग्न विभिन्न बहुपक्षीय मंचों पर चर्चाओं में अभिसरण प्राप्त करना तथा एकीकृत कार्रवाई की दिशा में कार्य करना है।
- इसके लिए, भारत ने जी-20 समूह के हेल्थ ट्रैक के लिए निम्नलिखित तीन प्राथमिकताओं का अभिनिर्धारण किया है:
- प्राथमिकता I: स्वास्थ्य आपात स्थिति की रोकथाम, तत्परता एवं प्रतिक्रिया ( वन हेल्थ अथवा एकल स्वास्थ्य एवं एएमआर पर ध्यान देने के साथ)
- प्राथमिकता II: सुरक्षित, प्रभावी, गुणवत्ता तथा किफायती चिकित्सा प्रतिउपाय (टीके, चिकित्सीय एवं निदान) तक पहुंच एवं उपलब्धता पर ध्यान देने के साथ फार्मास्युटिकल क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करना
- प्राथमिकता III: सार्वभौमिक स्वास्थ्य आच्छादन (यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज) एवं स्वास्थ्य सेवा उपलब्धता (हेल्थ केयर सर्विस डिलीवरी) में सुधार के लिए डिजिटल हेल्थ इनोवेशन और सॉल्यूशंस।
- उपरोक्त प्राथमिकताओं से संबंधित विषयगत चर्चा स्वास्थ्य कार्य समूह की बैठकों में आयोजित की जाएगी।
- बैठक में जी 20 सदस्य देशों, विशेष आमंत्रित देशों एवं प्रासंगिक अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि भाग लेंगे।
सैन्य रणक्षेत्रम 2.0
सैन्य रणक्षेत्रम 2.0 चर्चा में क्यों है?
- मुख्यालय सेना प्रशिक्षण कमान (आर्मी ट्रेनिंग कमांड/एआरटीआरएसी) के तत्वावधान में भारतीय सेना ने अक्टूबर 2022 से जनवरी 2023 तक हैकथॉन के दूसरे संस्करण का आयोजन किया जिसे “सैन्य रणक्षेत्रम 2.0” नाम दिया गया।
सैन्य रणक्षेत्रम 2.0
- सैन्य रणक्षेत्रम 2.0 को क्रियाशील साइबर चुनौतियों के समाधान की तलाश करने एवं साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में अभिनव समाधानों के लिए विकास के समय को शीघ्रता से प्रारंभ करने तथा टेलीस्कोप करने के उद्देश्य से प्रारंभ किया गया था।
- इस आयोजन के पुरस्कार विजेताओं को 17 जनवरी 2023 को एक आभासी समारोह के दौरान सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे द्वारा सम्मानित किया गया।
- इस आयोजन का उद्देश्य आला क्षेत्र में स्वदेशी प्रतिभा की पहचान करने के लिए एक मंच प्रदान करना एवं निम्नलिखित डोमेन में प्रशिक्षण के मानक को बढ़ाना था-
- साइबर प्रतिरोध,
- सुरक्षा सॉफ्टवेयर कोडिंग,
- इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम ऑपरेशंस (EMSO) एवं
- कृत्रिम प्रज्ञान (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) / यांत्रिक अधिगम अथवा मशीन लर्निंग (एआई / एमएल)।
- इसमें भागीदारी सभी भारतीय नागरिकों के लिए खुली थी एवं व्यक्तिगत/टीम तरीके से भागीदारी की अनुमति थी।
एएसआई द्वारा पुराने किले का उत्खनन
एएसआई द्वारा पुराना किला उत्खनन चर्चा में क्यों है?
- भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया/एएसआई) दिल्ली के पुराना किला में पुन्हा उत्खनन प्रारंभ करने हेतु तैयार है।
- इस उत्खनन कार्य का नेतृत्व श्री वसंत स्वर्णकार करेंगे एवं वर्ष 2013-14 तथा 2017-18 में किए गए उत्खनन के पश्चात पुराना किला में खुदाई का यह तीसरा सीजन होगा।
एएसआई द्वारा पुराना किला उत्खनन
- नवीनतम उत्खनन का उद्देश्य विगत वर्षों (2013-14 एवं 2017-18) में खोदी गई खाइयों का अनावरण एवं संरक्षण है।
- विगत सीजन के उत्खनन के बंद होने के दौरान मौर्य काल से पूर्व के संस्तरों के प्रमाण प्राप्त हुए थे।
- इस सीजन के उत्खनन के दौरान, स्तर विज्ञान संबंधी (स्ट्रैटिग्राफिक) संदर्भ में चित्रित धूसर मृदभांड (पेंटेड ग्रे वेयर) की खोज के अवशेषों को पूर्ण करने पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
- इसे इंद्रप्रस्थ की एक प्राचीन बस्ती के रूप में अभिनिर्धारित किया गया, पुराना किला में 2500 वर्षों का एक निरंतर निवास स्थान पूर्व के उत्खनन में प्रमाणित किया गया था।
पुराना किला उत्खनन से प्राप्त निष्कर्ष
- पूर्व के उत्खनन में जो निष्कर्ष एवं कलाकृतियां प्राप्त हुई हैं, उनमें 900 ईसा पूर्व से संबंधित चित्रित धूसर मृदभांड सम्मिलित हैं, जो मौर्य से लेकर शुंग, कुषाण, गुप्त, राजपूत, सल्तनत तथा मुगल काल तक के मिट्टी के बर्तनों का क्रम है।
- उत्खनित कलाकृतियाँ जैसे हंसिया, पारर, टेराकोटा के खिलौने, भट्ठा में जली हुई ईंटें, मनके, टेराकोटा की मूर्तियां, मुहरें इत्यादि जो पूर्व के उत्खनन में प्राप्त हुए थे, अब किले के परिसर के अंदर पुरातत्व संग्रहालय में प्रदर्शित किए गए हैं।
पुराना किला के बारे में
- 16वीं शताब्दी का किला पुराना किला शेर शाह सूरी एवं दूसरे मुगल बादशाह हुमायूं ने निर्मित करवाया था।
- यह किला हजारों वर्ष के इतिहास के साथ एक स्थल पर अवस्थित है। पद्म विभूषण प्रो. बी. बी. लाल ने वर्ष 1954 एवं 1969-73 में किले तथा उसके परिसर के अंदर उत्खनन कार्य भी किया था।
प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न
प्र. जी-20 समूह की अध्यक्षता के तहत G20 स्वास्थ्य कार्य समूह की प्रथम बैठक क्या है?
उत्तर. जी-20 समूह के भारत की अध्यक्षता के हेल्थ ट्रैक में चार स्वास्थ्य कार्य समूह (हेल्थ वर्किंग ग्रुप/HWG) बैठकें तथा स्वास्थ्य मंत्रियों की एक बैठक (हेल्थ मिनिस्ट्रियल मीटिंग/HMM) शामिल होंगी।
प्र. सैन्य रणक्षेत्रम 2.0 क्या है?
उत्तर. सैन्य रणक्षेत्रम 2.0 को क्रियाशील साइबर चुनौतियों के समाधान की तलाश करने एवं साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में अभिनव समाधानों के लिए विकास के समय को शीघ्रता से प्रारंभ करने तथा टेलीस्कोप करने के उद्देश्य से प्रारंभ किया गया था।
प्र. पुराना किला का निर्माण किसने करवाया था?
उत्तर. 16वीं शताब्दी का किला पुराना किला शेर शाह सूरी एवं दूसरे मुगल बादशाह हुमायूं ने निर्मित करवाया था।