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यूपीएससी परीक्षा के लिए दैनिक समसामयिकी
यूपीएससी के लिए दैनिक समसामयिकी: यूपीएससी लेख के लिए दैनिक समसामयिकी में दिन के महत्वपूर्ण लेख सम्मिलित होते हैं जो विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं जैसे यूपीएससी, राज्य पीसीएस, एसएससी एवं विभिन्न बैंक परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं।
आयुष्मान भारत – स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र
आयुष्मान भारत – स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र चर्चा में क्यों है?
- हाल ही में, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि 1.5 लाख आयुष्मान भारत – स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों के लक्ष्य की उपलब्धि नवीन भारत में नई ऊर्जा का संचार करेगी।
- उन्होंने कहा कि स्वस्थ नागरिकों में ही भारत की समृद्धि निहित है।
आयुष्मान भारत क्या है?
- 2018 में, भारत ने – विशेष रूप से ग्रामीण एवं कमजोर आबादी में, सार्वभौमिक स्वास्थ्य आच्छादन का विस्तार करने के लिए अब तक के सर्वाधिक महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य मिशनों में से एक, आयुष्मान भारत प्रथम का विमोचन किया।
- इस पहल को सतत विकास लक्ष्यों (सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स/एसडीजी) एवं इसकी अंतर्निहित प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो “किसी को भी पीछे नहीं छोड़ने” के उद्देश्य के निमित्त है।
- आयुष्मान भारत स्वास्थ्य सेवा वितरण के एक क्षेत्रीय एवं खंडित दृष्टिकोण से व्यापक आवश्यकता-आधारित स्वास्थ्य देखभाल सेवा की ओर बढ़ने का एक प्रयास है।
- आयुष्मान भारत का लक्ष्य प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक स्तर पर स्वास्थ्य को समग्र रूप से संबोधित करने के लिए पथ प्रवर्तक अंतक्षेप करना है।
- इसका उद्देश्य इस कार्यक्रम के चार स्तंभों के माध्यम से पूरे देश में आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है।
आयुष्मान भारत के चार स्तंभ
- स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र (हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स/HWCs)
- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY)
- आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन
- प्रधानमंत्री-आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन
हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स (HWCs)
- 2017 की राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति इन केंद्रों को भारत की स्वास्थ्य प्रणाली की नींव के रूप में कल्पना करता है।
- एबी-एचडब्ल्यूसी योग, ध्यान, ज़ुम्बा, इत्यादि जैसी स्वास्थ्य गतिविधियों सहित नि शुल्क आवश्यक दवाएं एवं नैदानिक सेवाएं, टेली-परामर्श एवं स्वास्थ्य संवर्धन प्रदान करते हैं।
- फ्रंटलाइन-हेल्थ केयर वर्कर्स में गैर-संचारी रोगों की जांच एवं शीघ्रता से पता लगाने के लिए इन केंद्रों पर ‘फिट हेल्थ वर्कर‘ अभियान भी प्रारंभ किया गया था।
प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY)
- 23 सितंबर 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रांची, झारखंड में इस योजना का विमोचन किया गया।
- यह पूर्ण रूप से सरकार द्वारा वित्तपोषित विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा/आश्वासन योजना है।
- यह प्रति परिवार प्रति वर्ष (फैमिली फ्लोटर आधार पर) 500,000 रुपये का लाभ कवर प्रदान करता है।
- यह नवीनतम सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (सोशियो इकोनामिक कास्ट सेंसस/एसईसीसी) डेटा (लगभग 50 करोड़ लाभार्थी) के अनुसार निर्धन, वंचित ग्रामीण परिवारों एवं शहरी श्रमिकों के परिवारों की पहचान की गई व्यावसायिक श्रेणियों को वित्तीय सुरक्षा (स्वास्थ्य सुरक्षा) प्रदान करेगा।
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन
- 27 सितंबर, 2021 को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) (जिसे पूर्व में राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के रूप में जाना जाता था) के राष्ट्रव्यापी प्रारंभ की घोषणा की।
- आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) के तहत, नागरिक अपना ABHA (आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता) नंबर बना सकेंगे, जिससे उनके डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड को जोड़ा जा सकेगा।
प्रधानमंत्री-आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन
- प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (जिसे पूर्व में प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना के रूप में जाना जाता था) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 25 अक्टूबर, 2021 को प्रारंभ किया गया था। यह संपूर्ण देश में निगरानी प्रयोगशालाओं का एक नेटवर्क विकसित करके एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थितियों तथा रोग के प्रकोपों का प्रभावी ढंग से पता लगाने, जांच करने, रोकने एवं मुकाबला करने के लिए प्रवेश के बिंदुओं पर स्वास्थ्य इकाइयों को मजबूत करके एक सूचना प्रौद्योगिक सक्षम रोग निगरानी प्रणाली निर्मित करने का लक्ष्य रखता है।
भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग एवं व्यापार समझौता (इंड-ऑस ईसीटीए) प्रवर्तन में आया
इंड-ऑस ईसीटीए चर्चा में क्यों है?
- प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग एवं व्यापार समझौते (इंडिया-ऑस्ट्रेलिया इकोनॉमिक कोऑपरेशन एंड ट्रेड एग्रीमेंट/इंड-ऑस ईसीटीए) के हाल ही में प्रवर्तन में आने पर प्रसन्नता व्यक्त की है।
- श्री मोदी ने कहा कि यह हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है।
इंड-ऑस ईसीटीए
- भारत-ऑस्ट्रेलिया ईसीटीए दोनों देशों के मध्य व्यापार को प्रोत्साहित करने एवं सुधारने के लिए एक संस्थागत तंत्र प्रदान करता है। इसमें भारत एवं ऑस्ट्रेलिया द्वारा संचालित लगभग सभी प्रशुल्क (टैरिफ) लाइनें शामिल हैं।
- भारत को निर्यात हित के सभी श्रम प्रधान क्षेत्रों जैसे रत्न एवं आभूषण, वस्त्र, चमड़ा, जूते, फर्नीचर, खाद्य पदार्थों एवं कृषि उत्पादों, इंजीनियरिंग उत्पाद, चिकित्सा उपकरण एवं ऑटोमोबाइल सहित ऑस्ट्रेलिया द्वारा अपनी प्रशुल्क लाइनों के 100% पर अधिमानी बाजार पहुंच से भारत को लाभ होगा।
- दूसरी ओर, भारत अपनी टैरिफ लाइनों के 70% से अधिक पर ऑस्ट्रेलिया को अधिमानता देने की पेशकश करेगा, जिसमें ऑस्ट्रेलिया को निर्यात ब्याज की लाइनें शामिल हैं, जो मुख्य रूप से कच्चा माल एवं कोयला, खनिज अयस्क तथा शराब (वाइन) जैसे मध्यवर्ती हैं।
- जहां तक सेवाओं में व्यापार का संबंध है, ऑस्ट्रेलिया ने लगभग 135 उप-क्षेत्रों में व्यापक प्रतिबद्धताओं की पेशकश की है एवं 120 उप-क्षेत्रों में सर्वाधिक अधिमानी राष्ट्र (मोस्ट फेवर्ड नेशन/एमएफएन) का दर्जा प्रदान किया है, जिसमें भारत के हित के प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं।
- दूसरी ओर, भारत ने लगभग 103 उप-क्षेत्रों में ऑस्ट्रेलिया को बाज़ार पहुँच प्रदान की है एवं 11 व्यापक सेवा क्षेत्रों जैसे ‘व्यावसायिक सेवाएँ’, ‘संचार सेवाएँ’, ‘निर्माण तथा संबंधित यात्री की सेवाएं’, एवं अन्य 31 उप-क्षेत्रों में सर्वाधिक अधिमानी राष्ट्र का दर्जा प्रदान किया है।
- दोनों पक्ष इस समझौते के तहत औषधि (फार्मास्युटिकल) उत्पादों पर एक अलग अनुबंध पर भी सहमत हुए हैं, जो पेटेंट, जेनेरिक एवं बायोसिमिलर दवाओं के लिए फास्ट-ट्रैक अनुमोदन को सक्षम करेगा।
- अनुमान है कि ईसीटीए के तहत भारत में अतिरिक्त 10 लाख नौकरियां सृजित होंगी। भारतीय योग शिक्षक एवं प्रधान रसोइया (शेफ) वार्षिक वीज़ा कोटा के साथ लाभ प्राप्त करने हेतु तैयार हैं।
- ईसीटीए के तहत 1 लाख से अधिक भारतीय छात्रों को अध्ययन उपरांत कार्य वीजा (18 माह से 4 वर्ष की अवधि के लिए) का लाभ प्राप्त होगा।
- समझौते से निवेश के अवसरों में वृद्धि, निर्यात को प्रोत्साहित करने, महत्वपूर्ण अतिरिक्त रोजगार सृजित करने एवं दोनों देशों के मध्य मजबूत संबंध स्थापित करने की भी संभावना है।
घरेलू प्रवासियों के लिए रिमोट वोटिंग
घरेलू प्रवासियों के लिए रिमोट वोटिंग चर्चा में क्यों है?
- हाल ही में, भारतीय निर्वाचन आयोग ने प्रोटोटाइप मल्टी-कांस्टीट्यूएंसी रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन/RVM) विकसित की एवं प्रोटोटाइप रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन अथवा आरवीएम के प्रदर्शन के लिए राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया।
घरेलू प्रवासियों के लिए रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (आरवीएम)
- तकनीकी प्रगति के युग में वास्तव में प्रवासन आधारित मताधिकार समाप्ति कोई विकल्प नहीं है।
- आम चुनाव 2019 में मतदाता उपस्थिति 67.4% थी तथा भारत का निर्वाचन आयोग 30 करोड़ से अधिक मतदाताओं के अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर पाने एवं विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में अलग-अलग मतदाताओं की उपस्थिति के मुद्दे के बारे में चिंतित है।
- यह समझा जाता है कि एक मतदाता के नए निवास स्थान में पंजीकरण न कराने के कई कारण हैं, इस प्रकार वह मतदान के अधिकार का प्रयोग करने से चूक जाता है।
- आंतरिक प्रवासन (घरेलू प्रवासियों) के कारण मतदान करने में असमर्थता मतदाता उपस्थिति में सुधार लाने एवं सहभागी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख कारणों में से एक है।
- हालांकि देश के भीतर प्रवासन के लिए कोई केंद्रीय डेटाबेस उपलब्ध नहीं है, सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध आंकड़ों का विश्लेषण कार्य, विवाह एवं शिक्षा से संबंधित प्रवासन को घरेलू प्रवास के महत्वपूर्ण घटकों के रूप में इंगित करता है।
- समग्र घरेलू प्रवास में ग्रामीण आबादी के बीच उत्प्रवास (आउट-माइग्रेशन) प्रमुख है। आंतरिक प्रवासन का लगभग 85% राज्यों के भीतर है।
ब्रह्मोस का विस्तारित मारक क्षमता संस्करण
ब्रह्मोस चर्चा में क्यों है?
- भारतीय वायु सेना ने आज सुखोई-30 एमकेआई विमान से जलपोत लक्ष्य के खिलाफ ब्रह्मोस एयर लॉन्च मिसाइल के विस्तारित रेंज संस्करण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
- मिसाइल ने बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में वांछित मिशन उद्देश्यों को प्राप्त किया। इसके साथ, भारतीय वायु सेना ने अत्यधिक लंबी दूरी पर जमीन/समुद्री लक्ष्यों के खिलाफ सुखोई-30 एमकेआई विमान से सटीक हमले करने के लिए एक महत्वपूर्ण क्षमता वृद्धि हासिल की है।
- सुखोई-30 एमकेआई विमान के उच्च प्रदर्शन के साथ युग्मित मिसाइल की विस्तारित मारक क्षमता भारतीय वायु सेना (इंडियन एयर फोर्स/आईएएफ) को एक रणनीतिक पहुंच प्रदान करती है एवं इसे भविष्य के युद्ध क्षेत्रों पर प्रभुत्व स्थापित करने की अनुमति देती है।
ब्रह्मोस मिसाइल- प्रमुख बिंदु
- ब्रह्मोस मिसाइल के बारे में: ब्रह्मोस सतह से सतह पर मार करने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जिसे भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन/DRDO) एवं रूस के NPOM द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है।
- ब्रह्मोस नाम: ब्रह्मोस का नाम दो नदियों- ब्रह्मपुत्र (भारत) एवं मोस्क्वा (रूस) नदियों से लिया गया है।
- ब्रह्मोस मिसाइल के चरण: ब्रह्मोस मिसाइल के दो चरणों में शामिल हैं-
- प्रथम चरण: एक ठोस प्रणोदक इंजन। ब्रह्मोस मिसाइल के मैक (MACH)-1 अथवा सुपरसोनिक गति तक पहुंचने के बाद इसे अलग किया जाता है।
- दूसरा चरण: तरल रैमजेट। यह चरण क्रूज चरण में ब्रह्मोस मिसाइल को मैक 3 की गति के करीब ले जाता है।
- वारहेड ले जाने की क्षमता: ब्रह्मोस मिसाइल की वहन क्षमता 250-300 किलोग्राम है। ब्रह्मोस मिसाइल एक परंपरागत आयुध के साथ-साथ परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम है।