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यूपीएससी आईएएस प्रारंभिक परीक्षा के लिए 17 मार्च 2023 की दैनिक समसामयिकी: हम आपके लिए ‘यूपीएससी आईएएस प्रारंभिक परीक्षा के लिए दैनिक समसामयिकी’ लेकर आए हैं, जो यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के उम्मीदवारों को सिविल सेवाओं के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण दैनिक समसामयिकी के साथ अपडेट करने के सिद्धांत पर आधारित है। गुणवत्ता से समझौता किए बिना यूपीएससी उम्मीदवारों के कीमती समय को बचाने के लिए ये दैनिक समसामयिकी हमारी टीम द्वारा बिट फॉर्म / संक्षिप्त रूप में तैयार किए गए हैं। यूपीएससी आईएएस प्रारंभिक परीक्षा के लिए आज, 17 मार्च 2023 के दैनिक करंट अफेयर्स में, हम नीचे दिए गए टॉपिक्स को कवर कर रहे हैं।
हरित हाइड्रोजन मिशन
हरित/ग्रीन हाइड्रोजन मिशन चर्चा में क्यों है?
हाल ही में, केंद्रीय नवीकरणीय ऊर्जा एवं ऊर्जा मंत्री श्री आर.के. सिंह लोकसभा में ने बताया कि हरित हाइड्रोजन मिशन से 2030 तक 1 लाख करोड़ रुपये के जीवाश्म ईंधन के आयात एवं लगभग 50 एमएमटी प्रतिवर्ष कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को कम करने की संभावना है।
राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन
- राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के बारे में: राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन 2023 को कम से कम पांच मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) की हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता विकसित करने एवं 2030 तक लगभग 125 गीगावाट (जीडब्ल्यू) की संबद्ध नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता बढ़ाने के लक्ष्य के साथ प्रारंभ किया गया था।
- संबद्ध मंत्रालय: राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के समग्र पर्यवेक्षण तथा मार्गदर्शन में कार्यान्वित किया जाएगा।
- अनुदान: राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के लिए प्रारंभिक परिव्यय 19,744 करोड़ रुपये होगा, जिसमें-
- साइट (SIGHT) कार्यक्रम के लिए 17,490 करोड़ रुपए,
- प्रायोगिक परियोजनाओं के लिए 1,466 करोड़ रुपए,
- अनुसंधान एवं विकास (आर एंड डी) के लिए 400 करोड़ रुपए, एवं
- अन्य मिशन घटकों के लिए 388 करोड़ रुपए।
हरित हाइड्रोजन मिशन के घटक
मिशन के हिस्से के रूप में निम्नलिखित घटकों की घोषणा की गई है-
- निर्यात एवं घरेलू उपयोग के माध्यम से मांग निर्माण को सुगम बनाना;
- ग्रीन हाइड्रोजन ट्रांजिशन (साइट) कार्यक्रम के लिए सामरिक अंतःक्षेप, जिसमें विद्युत अपघटन (इलेक्ट्रोलाइजर) के निर्माण एवं हरित हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए प्रोत्साहन शामिल हैं;
- स्टील, मोबिलिटी, शिपिंग इत्यादि हेतु प्रायोगिक परियोजना;
- हरित हाइड्रोजन केंद्र का विकास;
- अवसंरचना विकास के लिए सहायता;
- नियमों एवं मानकों का एक मजबूत ढांचा स्थापित करना;
- अनुसंधान एवं विकास कार्यक्रम;
- कौशल विकास कार्यक्रम; तथा
- जन जागरूकता एवं पहुंच कार्यक्रम।
हरित हाइड्रोजन मिशन के अपेक्षित परिणाम
2030 तक राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के अपेक्षित परिणाम इस प्रकार हैं:
- भारत का लक्ष्य आयातित जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने हेतु वार्षिक 5 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करना है।
- इस लक्ष्य की प्राप्ति से 2030 तक 1 लाख करोड़ रुपये मूल्य के जीवाश्म ईंधन के आयात में कमी आने की संभावना है।
- मिशन के लक्ष्यों को प्राप्त करके, यह अनुमान लगाया गया है कि हरित हाइड्रोजन की लक्षित मात्रा के उत्पादन एवं उपयोग के माध्यम से प्रति वर्ष लगभग 50 एमएमटी कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन से बचा जा सकेगा।
आर्द्रभूमियों के संरक्षण के लिए मिशन सहभागिता
मिशन सहभागिता चर्चा में क्यों है?
हाल ही में, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री, श्री अश्विनी कुमार चौबे ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि मंत्रालय ने आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर मिशन सहभागिता का शुभारंभ किया है।
मिशन सहभागिता
मिशन सहभागिता भागीदारी पूर्ण संरक्षण एवं आर्द्रभूमि के विवेकपूर्ण उपयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मिशन सहभागिता आर्द्रभूमि पारिस्थितिकी प्रणालियों के संरक्षण की दिशा में एक सहभागी दृष्टिकोण है।
- मिशन सहभागिता का उद्देश्य आर्द्रभूमि संरक्षण विधियों में सर्वाधिक अग्रणी रहने वाले समुदायों के साथ समाज के स्वामित्व के दृष्टिकोण को सक्षम बनाना है।
- विश्व आर्द्रभूमि दिवस 2023 के अवसर पर गोवा में मिशन सहभागिता के एक भाग के रूप में मंत्रालय द्वारा ‘वेटलैंड्स अभियान’ भी प्रारंभ किया गया था।
भारत में आर्द्रभूमि क्या है?
- आर्द्रभूमि (संरक्षण एवं प्रबंधन) नियम 2017 के अनुसार दलदली, पंकभूमि (फेन), पीट भूमि अथवा जल का क्षेत्र; चाहे प्राकृतिक हो या कृत्रिम, स्थायी या अस्थायी, जल के साथ जो स्थिर या बहता है, ताजा, खारा अथवा लवणीय, जिसमें समुद्री जलीय क्षेत्र शामिल हैं, जिनकी गहराई निम्न ज्वार पर छह मीटर से अधिक नहीं होती है, उन्हें आर्द्रभूमि माना जाता है।
युद्धाभ्यास सी ड्रैगन 23
एक्सरसाइज सी ड्रैगन 23 चर्चा में क्यों है?
हाल ही में, भारतीय नौसेना का P8I विमान ‘एक्सरसाइज सी ड्रैगन 23’ के तीसरे संस्करण में भाग लेने के लिए अमेरिका के गुआम पहुंचा है।
युद्धाभ्यास सी ड्रैगन 2023
युद्धाभ्यास सी ड्रैगन 23 एक समन्वित बहु-पार्श्व पनडुब्बी रोधी युद्ध कला (मल्टीलेटरल एंटी-सबमरीन वारफेयर/एएसडब्ल्यू) युद्धाभ्यास है जिसमें विभिन्न देशों के लंबी दूरी के एमआर एएसडब्ल्यू विमान सम्मिलित होते हैं। अमेरिकी नौसेना द्वारा युद्धाभ्यास सी ड्रैगन 23 का आयोजन किया गया था।
- सी ड्रैगन 23 अभ्यास का आयोजन 15 से 30 मार्च 2023 तक निर्धारित है।
- सी ड्रैगन 23 युद्धाभ्यास भाग लेने वाले देशों के बीच समन्वित एएसडब्ल्यू क्षमताओं को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगा एवं इसमें उन्नत एएसडब्ल्यू युद्धाभ्यास शामिल होंगे।
- सी ड्रैगन 23 युद्ध अभ्यास में अमेरिकी नौसेना के P8A, जापानी समुद्री आत्मरक्षा बल के P1, रॉयल कैनेडियन वायु सेना के CP 140, एवं RoKN के P3C विमान सहित विभिन्न देशों की भागीदारी शामिल होगी।
युद्धाभ्यास सी ड्रैगन 23 का महत्व
- एक्सरसाइज Sea Dragon 23 का प्राथमिक उद्देश्य कृत्रिम (सिम्युलेटेड) एवं जीवंत (लाइव) जलमग्न लक्ष्यों को ट्रैक करने के साथ-साथ आपसी विशेषज्ञता साझा करने में भाग लेने वाले विमानों की क्षमताओं का परीक्षण करना है।
- अभ्यास का व्यापक लक्ष्य एक मुक्त, समावेशी भारत-प्रशांत क्षेत्र को प्रोत्साहित करने हेतु उनके साझा मूल्यों एवं प्रतिबद्धता के आधार पर मित्रवत नौसेनाओं के मध्य सामंजस्य एवं समन्वय के उच्च स्तर को प्राप्त करना है।
दैनिक समसामयिकी के संदर्भ में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न
प्र. युद्धाभ्यास सी ड्रैगन 23 क्या है?
उत्तर: एक्सरसाइज सी ड्रैगन 23 एक समन्वित बहु-पार्श्व पनडुब्बी रोधी युद्ध कला (मल्टीलेटरल एंटी-सबमरीन वारफेयर/एएसडब्ल्यू) युद्धाभ्यास है, जिसमें अमेरिकी नौसेना द्वारा आयोजित विभिन्न देशों के लंबी दूरी के MR ASW विमान शामिल हैं।
प्र. सी ड्रैगन 23 अभ्यास कब होने वाला है?
उत्तर: अभ्यास सी ड्रैगन 23 15 से 30 मार्च 2023 तक आयोजित होने वाला है।
प्र. मिशन सहभागिता क्या है?
उत्तर: मिशन सहभागिता, आर्द्रभूमियों के सहभागी संरक्षण एवं विवेकपूर्ण उपयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मिशन सहभागिता आर्द्रभूमि पारिस्थितिक तंत्र के संरक्षण की दिशा में एक सहभागी दृष्टिकोण है।