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यूपीएससी आईएएस प्रारंभिक परीक्षा के लिए 20 मार्च 2023 की दैनिक समसामयिकी: हम आपके लिए ‘यूपीएससी आईएएस प्रारंभिक परीक्षा के लिए दैनिक समसामयिकी’ लेकर आए हैं, जो यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के उम्मीदवारों को सिविल सेवाओं के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण दैनिक समसामयिकी के साथ अपडेट करने के सिद्धांत पर आधारित है। गुणवत्ता से समझौता किए बिना यूपीएससी उम्मीदवारों के कीमती समय को बचाने के लिए ये दैनिक समसामयिकी हमारी टीम द्वारा बिट फॉर्म / संक्षिप्त रूप में तैयार किए गए हैं। यूपीएससी आईएएस प्रारंभिक परीक्षा के लिए आज, 20 मार्च 2023 के दैनिक समसामयिकी में, हम नीचे दिए गए टॉपिक्स को कवर कर रहे हैं।
ग्लोबल मिलेट्स (श्री अन्ना) सम्मेलन
ग्लोबल मिलेट्स (श्री अन्ना) सम्मेलन चर्चा में क्यों है?
ग्लोबल मिलेट्स (श्री अन्ना) सम्मेलन का उद्घाटन हाल ही में पीएम मोदी ने किया था। उन्होंने कहा कि बाजरा व्यक्तिगत एवं वैश्विक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है क्योंकि उन्हें “उच्च रेशे युक्त खाद्य पदार्थ” माना जाता है।
ग्लोबल मिलेट्स (श्री अन्ना) सम्मेलन
वैश्विक बाजरा (श्री अन्ना) सम्मेलन इन विशेषज्ञों को महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श करने एवं बाजरा के लाभों को प्रोत्साहित करने तथा एक स्वस्थ एवं धारणीय खाद्य प्रणाली में उनके योगदान को बढ़ावा देने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
- अधिदेश: वैश्विक बाजरा सम्मेलन का उद्देश्य सरकार की पहल को आगे बढ़ाने एवं बाजरे की खपत, स्वास्थ्य लाभ, अनुसंधान, नवाचार, धारणीयता तथा खाद्य प्रणाली परिवर्तन से संबंधित विषयों पर चर्चा करने के लिए विभिन्न हितधारकों, जैसे पोषण विशेषज्ञों, स्वास्थ्य विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं, उद्योग जगत के नेतृत्वकर्ताओं एवं अंतर्राष्ट्रीय वक्ताओं को शामिल करना है।
- कार्यक्रम का स्थान: श्री अन्ना सम्मेलन का आयोजन सुब्रमण्यम हॉल, NASC कॉम्प्लेक्स, IARI कैंपस, पूसा नई दिल्ली में किया गया है।
ग्लोबल मिलेट्स (श्री अन्ना) सम्मेलन का महत्व
दो दिवसीय वैश्विक सम्मेलन के दौरान, बाजरा (श्री अन्ना) से संबंधित विभिन्न महत्वपूर्ण पहलुओं जैसे उत्पादकों, उपभोक्ताओं तथा अन्य हितधारकों के मध्य जागरूकता को प्रोत्साहित करना, बाजरा की मूल्य श्रृंखला विकसित करना, स्वास्थ्य एवं पोषण की खोज करना, बाजरा के लाभ, बाजार संबंध स्थापित करना एवं अनुसंधान तथा विकास प्रयासों को आगे बढ़ाने पर चर्चा एवं सत्र होंगे,।
- वैश्विक बाजरा सम्मेलन में विभिन्न देशों के कृषि मंत्री, अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक, पोषण विशेषज्ञ, स्वास्थ्य विशेषज्ञ, स्टार्ट-अप के नेतृत्वकर्ता तथा अन्य हितधारक भाग लेंगे।
- श्री अन्ना सम्मेलन इन विशेषज्ञों को बाजरा के लाभों को प्रोत्साहित करने एवं वैश्विक कृषि एवं खाद्य प्रणालियों में उनके उपयोग को आगे बढ़ाने के लिए सहयोग करने, ज्ञान साझा करने तथा एक साथ काम करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
4वां भारत-मालदीव रक्षा सहयोग संवाद (DCD)
4वां भारत-मालदीव रक्षा सहयोग संवाद (DCD) चर्चा में क्यों है?
हाल ही में, भारत तथा मालदीव ने अपना चौथा रक्षा सहयोग संवाद (डिफेंस कोऑपरेशन डायलॉग/DCD) माले, मालदीव में आयोजित किया। 4वां भारत-मालदीव रक्षा सहयोग वार्ता (DCD) की सह-अध्यक्षता रक्षा सचिव श्री गिरिधर अरमाने एवं उनके मालदीवियन समकक्ष, रक्षा बल के प्रमुख, मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल मेजर जनरल अब्दुल्ला समाल ने की।
4वां भारत-मालदीव रक्षा सहयोग संवाद (DCD)
4वां भारत एवं मालदीव के मध्य रक्षा सहयोग संवाद (DCD) दो राष्ट्रों के बीच उच्चतम संस्थागत संवादात्मक तंत्र के रूप में कार्य करता है, जो उनके सशस्त्र बलों के संबंधों के भविष्य को आकार देने में इसके महत्व पर बल देता है।
- संवाद के दौरान, दोनों पक्षों ने अपनी जारी द्विपक्षीय रक्षा सहयोग गतिविधियों की समीक्षा की तथा जुड़ाव के बढ़ते स्तर पर संतोष व्यक्त किया।
- चर्चाओं में उनकी जटिलता को बढ़ाने के समझौते के साथ मौजूदा द्विपक्षीय अभ्यास भी शामिल थे।
- भारत तथा मालदीव के सशस्त्र बलों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में अपने द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार करने के लिए निरंतर प्रयास उनके संबंधों के भविष्य के लिए एक सकारात्मक संकेतक हैं।
युद्धाभ्यास ला पेरोस 2023
ला पेरोस एक्सरसाइज 2023 चर्चा में क्यों है?
हाल ही में हिंद महासागर क्षेत्र में बहुपक्षीय युद्धाभ्यास ला पेरोस के तीसरे संस्करण का आयोजन किया गया। भारत के निर्देशित मिसाइल फ्रिगेट आईएनएस सह्याद्री एवं फ्लीट टैंकर आईएनएस ज्योति ने ला पेरोस युद्धाभ्यास 2023 में भाग लिया।
युद्ध अभ्यास ला पेरोस 2023
युद्धाभ्यास ला पेरोस फ्रांसीसी नौसेना द्वारा आयोजित एक द्विवार्षिक युद्ध अभ्यास है, जिसका उद्देश्य समुद्री क्षेत्र के संबंध में जागरूकता बढ़ाने तथा भारत-प्रशांत क्षेत्र में भाग लेने वाली नौसेनाओं के मध्य समुद्री समन्वय को अनुकूलित करना है।
- ला पेरोस युद्धाभ्यास 2023 में रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी, फ्रेंच नेवी, इंडियन नेवी, जापानी मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स, रॉयल नेवी और यूनाइटेड स्टेट्स नेवी के कर्मी, जलपोत एवं अभिन्न हेलीकॉप्टर शामिल थे।
- दो दिवसीय युद्ध अभ्यास समान विचारधारा वाली नौसेनाओं को निर्बाध समुद्री कार्रवाईयों को संपादित करने के लिए योजना, समन्वय एवं सूचना साझा करने में घनिष्ठ संबंध स्थापित करने का अवसर प्रदान करता है।
ला पेरूस युद्ध अभ्यास में भारत की भागीदारी
ला पेरोस युद्धाभ्यास में जटिल एवं उन्नत नौसैनिक संचालन शामिल होंगे जैसे कि सतही युद्ध, वायु-रोधी युद्ध, वायु रक्षा अभ्यास, क्रॉस-डेक लैंडिंग एवं सामरिक युद्धाभ्यास।
- स्वदेश निर्मित निर्देशित प्रक्षेपास्त्र जलपोत (गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट) आईएनएस सह्याद्री एवं फ्लीट टैंकर आईएनएस ज्योति युद्धाभ्यास के इस संस्करण में भाग लेंगे।
- युद्धाभ्यास में भारत की भागीदारी मैत्रीपूर्ण नौसेनाओं के मध्य सामंजस्य, समन्वय एवं अंतरसंक्रियता के उच्च स्तर तथा भारत-प्रशांत क्षेत्र में नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को प्रकट करती है।
दैनिक समसामयिकी के संदर्भ में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न. ला पेरोस युद्धाभ्यास क्या है?
उत्तर. ला पेरोस युद्ध अभ्यास एक बहुपक्षीय नौसैनिक युद्धाभ्यास है जो प्रत्येक दो वर्ष में फ्रांसीसी नौसेना द्वारा आयोजित किया जाता है। इस युद्धाभ्यास का उद्देश्य समुद्री क्षेत्र के संबंध में जागरूकता को बढ़ाना तथा भारत-प्रशांत क्षेत्र में भाग लेने वाली नौसेनाओं के मध्य समुद्री समन्वय का अनुकूलन करना है।
प्रश्न. ला पेरोस युद्धाभ्यास में कौन भाग लेता है?
उत्तर. इस युद्धाभ्यास में रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी, फ्रेंच नेवी, इंडियन नेवी, जापानी मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स, रॉयल नेवी एवं यूनाइटेड स्टेट्स नेवी के कर्मचारी, जलपोत तथा अभिन्न हेलीकॉप्टर शामिल हैं।
प्रश्न. भारत-मालदीव रक्षा सहयोग संवाद क्या है?
उत्तर. भारत-मालदीव रक्षा सहयोग संवाद (डिफेंस कोऑपरेशन डायलॉग/DCD) भारत एवं मालदीव के रक्षा प्रतिष्ठानों के मध्य एक उच्च स्तरीय संस्थागत तंत्र है। इसका उद्देश्य दोनों देशों के मध्य रक्षा सहयोग में वृद्धि करना तथा द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है।
प्रश्न. भारत-मालदीव रक्षा सहयोग संवाद की सह-अध्यक्षता कौन करता है?
उत्तर. संवाद की सह-अध्यक्षता भारत के रक्षा सचिव एवं मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बलों के रक्षा बल के प्रमुख द्वारा की जाती है।