Table of Contents
यूपीएससी आईएएस प्रारंभिक परीक्षा के लिए 24 फरवरी 2023 की दैनिक समसामयिकी: हम आपके लिए ‘यूपीएससी आईएएस प्रारंभिक परीक्षा के लिए दैनिक समसामयिकी’ लेकर आए हैं, जो यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के उम्मीदवारों को सिविल सेवाओं के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण दैनिक समसामयिकी के साथ अपडेट करने के सिद्धांत पर आधारित है। गुणवत्ता से समझौता किए बिना यूपीएससी उम्मीदवारों के कीमती समय को बचाने के लिए ये दैनिक समसामयिकी हमारी टीम द्वारा बिट फॉर्म / संक्षिप्त रूप में तैयार किए गए हैं। यूपीएससी आईएएस प्रारंभिक परीक्षा के लिए आज, 24 फरवरी 2023 के दैनिक समसामयिकी में हम नीचे दिए गए टॉपिक्स को कवर कर रहे हैं।
संगीत नाटक अकादमी की फेलोशिप एवं अकादमी पुरस्कार
संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार चर्चा में क्यों है?
हाल ही में, भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में वर्ष 2019, 2020 एवं 2021 के लिए संगीत नाटक अकादमी की फैलोशिप (अकादमी रत्न) तथा संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार (अकादमी पुरस्कार) प्रदान किए।
संगीत नाटक अकादमी फेलोशिप
संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप राष्ट्रीयता, नस्ल, जाति, धर्म, पंथ अथवा लिंग पर विभेद किए बिना संगीत नाटक अकादमी द्वारा प्रदान किया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है।
- मानदंड 50 वर्ष से कम आयु के किसी भी व्यक्ति को सम्मान के लिए सामान्य रूप से सीमित करता है।
- अकादमी की सामान्य परिषद के सदस्यों के साथ वर्तमान अध्येताओं से सिफारिशें प्राप्त की जाती हैं।
- संगीत नाटक अकादमी फेलोशिप (अकादमी रत्न सदस्यता) का सर्वाधिक प्रतिष्ठित एवं दुर्लभ सम्मान 2008 तक किसी भी समय 30 प्रतिष्ठित व्यक्तियों तक सीमित था।
- हालांकि, 29 जनवरी 2010 को महापरिषद की बैठक में नियमों एवं विनियमों में संशोधन के परिणामस्वरूप, अकादमी सदस्यों की दस (10) अतिरिक्त सीटों को पांच वर्षों में चरणबद्ध तरीके से – प्रति वर्ष दो सीटें भरने के लिए बढ़ा दिया गया है।
- अकादमी का पहला फेलो 1954 में चुना गया था एवं अब तक अकादमी ने 153 प्रतिष्ठित व्यक्तियों को अकादमी फेलो (अकादमी रत्न) के रूप में सम्मानित किया है।
- अकादमी फेलोशिप में 3.00 लाख रुपये, एक ताम्रपत्र एवं एक अंगवस्त्रम का पर्स मनी होता है।
संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार
संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार अब सत्तर वर्ष से अधिक पुराना है एवं अकादमी द्वारा सम्मानित प्रदर्शन कलाओं में चिकित्सकों, गुरुओं तथा विद्वानों का बड़ा समूह संगीत, नृत्य एवं नाटक में देश की सर्वोच्च उपलब्धि का प्रतिनिधित्व करता है।
- हिंदुस्तानी एवं कर्नाटक संगीत में पुरस्कारों की स्थापना 1951 के प्रारंभ में की गई थी, अकादमी की स्थापना से भी पूर्व तथा इन्हें राष्ट्रपति पुरस्कारों के रूप में जाना जाता था।
- अकादमी के गठन के साथ पुरस्कारों को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कारों के रूप में जाना जाने लगा एवं अधिष्ठापन अकादमी की जिम्मेदारी बन गई।
- 1952 एवं 1953 के राष्ट्रपति पुरस्कारों को बाद में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कारों की सूची में शामिल किया गया।
- जहां तक संगीत नाटक अकादमी पुरस्कारों का संबंध है, वर्तमान में प्रतिवर्ष प्रदान किए जाने वाले पुरस्कारों की संख्या 41 है एवं अब तक 1298 से अधिक कलाकारों को सम्मानित किया जा चुका है।
- अकादमी पुरस्कारों में, एक ताम्रपत्र, एक अंगवस्त्रम एवं 1 लाख रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान की जाती है।
बारिसू कन्नड़ दिम दिमवा महोत्सव
बारिसू कन्नड़ दिम दिमवा महोत्सव चर्चा में क्यों है?
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 25 फरवरी, 2023 को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में ‘बारिसू कन्नड़ दिम दिमवा’ सांस्कृतिक महोत्सव का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री इस अवसर पर सभा को भी संबोधित करेंगे।
बारिसू कन्नड़ दिम दिमवा महोत्सव
कर्नाटक की संस्कृति, परंपराओं एवं इतिहास का उत्सव मनाने के लिए ‘बारिसू कन्नड़ दिम दिमवा’ सांस्कृतिक उत्सव का आयोजन किया जा रहा है।
- बारिसू कन्नड़ दिम दिमवा महोत्सव प्रधानमंत्री के ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के दृष्टिकोण के अनुरूप आयोजित किया जा रहा है।
- आजादी का अमृत महोत्सव के तत्वावधान में बारिसू कन्नड़ दिम दिमवा महोत्सव उत्सव आयोजित किया जा रहा है।
- बारिसू कन्नड़ दिम दिमवा महोत्सव सैकड़ों कलाकारों को नृत्य, संगीत, नाटक, कविता इत्यादि के माध्यम से कर्नाटक की सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करेगा।
जी-20 कार्य समूह (कल्चरल वर्किंग ग्रुप/CWG) की बैठक
संस्कृति की जी-20 कल्चरल कार्य समूह की बैठक चर्चा में क्यों है?
हाल ही में, महाराजा छत्रसाल कन्वेंशन सेंटर (MCCC), खजुराहो, मध्य प्रदेश में संस्कृति की पहली जी-20 कार्य समूह (CWG) की बैठक का उद्घाटन सत्र आयोजित किया गया था। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार तथा संस्कृति राज्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने सत्र को संबोधित किया।
संस्कृति की जी-20 सीडब्ल्यूजी बैठक
जी-20 समूह के एजेंडे के भीतर संस्कृति को एकीकृत करना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि रही है एवं आर्थिक विकास, सामाजिक सामंजस्य तथा पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहित करने हेतु संस्कृति एक शक्तिशाली उपकरण हो सकती है। यह अधिक अंतर-सांस्कृतिक समझ एवं सहयोग को बढ़ावा देने में भी सहायता कर सकता है, जो आज विश्व के समक्ष उपस्थित होने वाली जटिल चुनौतियों का समाधान करने के लिए आवश्यक है।
- संस्कृति की पहली जी-20 वर्किंग ग्रुप (CWG) बैठक में चार कार्य समूह (वर्किंग ग्रुप) सत्र होंगे, जिसमें जी-20 सदस्य राज्य, अंतर्राष्ट्रीय संगठन संस्कृति मंत्रालय के अधिकारियों के साथ भाग ले रहे हैं।
- बैठक की अवधि के दौरान 25 फरवरी तक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है जिसमें खजुराहो नृत्य महोत्सव सांस्कृतिक प्रदर्शन भी शामिल है।
भारत का जी-20 संस्कृति ट्रैक
भारत का जी-20 संस्कृति ट्रैक सतत जीवन के लिए एक अभियान के रूप में “Culture for LiFE” के विचार पर बनाया गया है।
- यह विचार सतत जीवन पद्धतियों को प्रोत्साहित करना चाहता है जो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत में गहराई से स्थापित हैं जैसे कि कृषि, जल संरक्षण एवं अपशिष्ट प्रबंधन के पर्यावरण की अनुकूल विधियां।
- जी-20 की थीम वसुधैव कुटुंबकम- 2023 का एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य (वन अर्थ,वन फैमिली, वन फ्यूचर) जी-20 एक सतत, समग्र एवं उत्तरदायी रीति से विश्व में सभी के लिए एक न्यायसंगत एवं समान विकास के लिए प्रयास करने का एक शक्तिशाली संदेश देता है।
- जी-20 में कल्चर वर्किंग ग्रुप देशों के मध्य सेतु का कार्य करता है तथा यह समूह मानवीय प्रयास एवं मानवता को सांस्कृतिक नजरिए से देखता है क्योंकि संस्कृति हम सभी को जोड़ती है।
दैनिक समसामयिकी के संदर्भ में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न. संस्कृति की पहली जी-20 वर्किंग ग्रुप (CWG) की बैठक कहाँ आयोजित की जा रही है?
उत्तर. संस्कृति की पहली जी-20 वर्किंग ग्रुप (CWG) की बैठक महाराजा छत्रसाल कन्वेंशन सेंटर (MCCC), खजुराहो, मध्य प्रदेश में आयोजित की गई थी।
प्रश्न. भारत के जी-20 कल्चर ट्रैक के पीछे क्या विचार है?
उत्तर. भारत का जी-20 कल्चर ट्रैक सतत जीवन के लिए एक अभियान के रूप में “Culture for LiFE” के विचार पर बनाया गया है।
प्रश्न. भारत की जी-20 अध्यक्षता के तहत जी-20 थीम क्या है?
उत्तर. भारत की जी-20 की अध्यक्षता के तहत जी-20 की थीम ‘वसुधैव कुटुम्बकम- एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ है। यह सतत, समग्र एवं उत्तरदायी रीति से विश्व में सभी के लिए न्यायसंगत एवं समान विकास के लिए प्रयास करने का एक शक्तिशाली संदेश देता है।
प्रश्न. जी-20 में संस्कृति कार्य समूह का क्या महत्व है?
उत्तर. जी-20 में कल्चर वर्किंग ग्रुप देशों के मध्य सेतु का कार्य करता है तथा यह ग्रुप मानवीय प्रयास एवं मानवता को सांस्कृतिक नजरिए से देखता है क्योंकि संस्कृति हम सभी को जोड़ती है।