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यूपीएससी आईएएस प्रारंभिक परीक्षा के लिए 29 मई 2023 की दैनिक समसामयिकी: हम आपके लिए ‘यूपीएससी आईएएस प्रारंभिक परीक्षा के लिए दैनिक समसामयिकी’ लेकर आए हैं, जो यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के उम्मीदवारों को सिविल सेवाओं के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण दैनिक समसामयिकी के साथ अपडेट करने के सिद्धांत पर आधारित है। गुणवत्ता से समझौता किए बिना यूपीएससी उम्मीदवारों के कीमती समय को बचाने के लिए ये दैनिक समसामयिकी हमारी टीम द्वारा बिट फॉर्म / संक्षिप्त रूप में तैयार किए गए हैं। यूपीएससी आईएएस प्रारंभिक परीक्षा के लिए आज, 29 मई 2023 की दैनिक समसामयिकी में, हम नीचे दिए गए टॉपिक्स को कवर कर रहे हैं।
दिव्य कला शक्ति कार्यक्रम
दिव्य कला शक्ति कार्यक्रम चर्चा में क्यों है?
हाल ही में, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, विकलांग व्यक्तियों के अधिकारिता विभाग के सचिव श्री राजेश अग्रवाल, आईएएस द्वारा वाराणसी में रुद्राक्ष सम्मेलन तथा सांस्कृतिक केंद्र में ‘दिव्य कला शक्ति’ कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया।
दिव्य कला शक्ति कार्यक्रम 2023
दिव्य कला शक्ति कार्यक्रम 2023 में छह राज्यों, अर्थात पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड के लगभग 100 कलाकारों ने प्रदर्शन किया।
- कार्यक्रम का आयोजन स्थल: दिव्य नगरी वाराणसी में छठा दिव्य कला शक्ति कार्यक्रम आयोजित किया गया।
- आयोजक मंत्रालय: सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘दिव्य कला शक्ति – विकलांगता में क्षमता का साक्षी’ का आयोजन विकलांग व्यक्तियों के अधिकारिता विभाग (दिव्यांगजन), सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा सीआरसी-लखनऊ के माध्यम से किया गया ।
- महत्व: दिव्य कला शक्ति कार्यक्रम 2023 में उपरोक्त सभी क्षेत्रों के लोक तथा क्षेत्रीय नृत्य रूपों का एक अनूठा संयोजन परिलक्षित हुआ।
- प्रमुख कार्यक्रम: विभाग ने कोरियोग्राफर के साथ उनके पूर्वाभ्यास एवं युद्धाभ्यास सत्र की व्यवस्था की तथा ऐसे बच्चों के बीच समय एवं प्रदर्शन का अनुशासन एवं सटीकता उनकी बौद्धिक, रचनात्मक तथा अव्यक्त क्षमताओं का सबसे बड़ा उदाहरण है, जिन्हें उनके इष्टतम आत्म-बोध के लिए उपयोग करने की आवश्यकता है।
दिव्य कला शक्ति कार्यक्रम 2023 के अंतर्गत भागीदारी
दिव्य कला शक्ति कार्यक्रम 2023 में वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों, रचनात्मक व्यक्तित्वों, शिक्षकों, प्रधानाचार्यों तथा विभिन्न विकलांगता समर्थन समूहों सहित अन्य लोगों द्वारा देखा गया।
- छठे दिव्य कला शक्ति कार्यक्रम 2023 में विभिन्न पृष्ठभूमियों से लगभग 1,600 दर्शकों ने भाग लिया।
- उपस्थित लोगों में जनप्रतिनिधि, राज्य प्रशासन के सदस्य, गैर-सरकारी संगठन, आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक, विश्वविद्यालय के छात्र, संगीत घराने के प्रतिनिधि, पुनर्वास पेशेवर तथा विभाग के हितधारक शामिल थे।
- प्रतिभाशाली दिव्यांग बच्चों एवं युवाओं द्वारा असाधारण प्रदर्शन देखने के लिए विविध क्षेत्रों से आए ये व्यक्ति एक साथ आए।
रिवार्ड (REWARD) कार्यक्रम
रिवार्ड कार्यक्रम
भारत सरकार (गवर्नमेंट ऑफ इंडिया/जीओआई) के तहत भूमि संसाधन विभाग (डिपार्टमेंट ऑफ लैंड रिसोर्सेज/डीओएलआर) के सचिव श्री अजय तिर्की ने रिवार्ड (REWARD) कार्यक्रम के लिए कार्यान्वयन सहायता मिशन की व्यापक समीक्षा की। रिवार्ड (REWARD) कार्यक्रम विश्व बैंक द्वारा सहायता प्राप्त है तथा इसका उद्देश्य जल संभर (वाटरशेड) का कायाकल्प करना, कृषि लोचशीलता को बढ़ावा देना एवं नवोन्मेषी विकास को प्रोत्साहित करना है।
रिवार्ड कार्यक्रम से संबंधित विवरण
REWARD विश्व बैंक की सहायता से जल संभर विकास कार्यक्रम है जिसे 2021 से 2026 तक क्रियान्वित किया जा रहा है।
- रिवार्ड कार्यक्रम का विकासात्मक उद्देश्य “भाग लेने वाले राज्यों के चयनित जल संभर में किसानों की लोचशीलता तथा समर्थन मूल्य श्रृंखला बढ़ाने के लिए बेहतर जल संभर प्रबंधन को अपनाने के हेतु राष्ट्रीय एवं राज्य संस्थानों की क्षमताओं को सुदृढ़ करना” है।
- यह कार्यक्रम ग्रामीण विकास मंत्रालय के भूमि संसाधन विभाग एवं कर्नाटक तथा ओडिशा राज्यों में आधुनिक जल संभर पद्धतियों को प्रारंभ करने हेतु क्रियान्वित किया जा रहा है।
- REWARD कार्यक्रम का कुल बजट परिव्यय 4.5 वर्ष की कार्यक्रम अवधि में 167.71 मिलियन अमेरिकी डॉलर है।
- इसमें विश्व बैंक से 115 मिलियन अमेरिकी डॉलर [कर्नाटक (60 मिलियन अमेरिकी डॉलर), ओडिशा (49 मिलियन अमेरिकी डॉलर) तथा DoLR (6 मिलियन अमेरिकी डॉलर)], दो भाग लेने वाले राज्यों [कर्नाटक (25.71 अमेरिकी डॉलर) एवं ओडिशा (21.0 मिलियन अमेरिकी डॉलर) से 46.71 मिलियन अमेरिकी डॉलर एवं DoLR से 6 मिलियन अमेरिकी डॉलर शामिल हैं।
- विश्व बैंक और राज्यों के मध्य वित्त पोषण का पैटर्न 70:30 है, जबकि विश्व बैंक तथा DoLR के मध्य यह 50:50 है।
‘अल मोहम्मद अल हिंदी 23′ युद्धाभ्यास
‘अल मोहम्मद अल हिंदी 23′ युद्धाभ्यास चर्चा में क्यों है?
हाल ही में, द्विपक्षीय युद्धाभ्यास ‘अल मोहम्मद अल हिंदी 23’ के दूसरे संस्करण का समुद्री चरण अल जुबैल, सऊदी अरब के तट पर हुआ।
‘अल मोहम्मद अल हिन्दी 23′ युद्धाभ्यास से संबंधित विवरण
युद्धाभ्यास ‘अल मोहम्मद अल हिंदी 23’ दोनों देशों को अपने सैन्य संबंधों को मजबूत करने तथा अपनी नौसेनाओं के मध्य सहयोग को और गहन करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
- अधिदेश: ‘अल मोहेद अल हिंदी 23’ युद्धाभ्यास का उद्देश्य सामरिक युद्धाभ्यास, खोज एवं बचाव अभियान तथा अंतर-संचालनीयता बढ़ाने के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक युद्ध अभ्यास ड्रिल है।
- भागीदारी: ‘अल मोहम्मद अल हिंदी 23’ युद्धाभ्यास में भारतीय नौसेना एवं रॉयल सऊदी नौसेना फोर्स (RSNF) की भागीदारी शामिल है।
- भारत की ओर से युद्धाभ्यास में INS तरकश, INS सुभद्रा एवं डोर्नियर मैरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट (एमपीए) ने भाग लिया।
- RSNF का प्रतिनिधित्व HMS बद्र और अब्दुल अजीज, MH 60R हेलो तथा मानव रहित विमान (अनमैंड एरियल व्हीकल/UAV) द्वारा किया गया।
- गतिविधियाँ: समुद्र में तीन दिवसीय युद्धाभ्यास के दौरान, समुद्री अभियानों की एक विविध श्रेणी का संचालन किया गया।
- ‘अल मोहम्मद अल हिंदी 23’ युद्धाभ्यास समुद्र में एक डीब्रीफिंग सत्र के साथ संपन्न हुआ, जिसके बाद पारंपरिक स्टीम पास्ट समारोह हुआ।
‘अल मोहम्मद अल हिंदी 23′ युद्धाभ्यास का महत्व
‘अल मोहम्मद अल हिंदी 23’ युद्धाभ्यास ने भारतीय नौसेना एवं रॉयल सऊदी नौसेना फोर्स (आरएसएनएफ) के मध्य व्यावसायिकता, अंतर-सक्रियता तथा सर्वोत्तम व्यवहार के आदान-प्रदान के सराहनीय स्तर का प्रदर्शन किया। द्विपक्षीय ‘अल मोहम्मद अल हिंदी 23’ युद्धाभ्यास ने अपने सभी उद्देश्यों को प्राप्त किया, जिससे दोनों नौसेनाओं के लिए आगामी संस्करण में और अधिक परिष्कृत युद्धाभ्यासों की ओर बढ़ने का मार्ग प्रशस्त हुआ।