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यूपीएससी आईएएस प्रारंभिक परीक्षा के लिए 31 मई 2023 की दैनिक समसामयिकी, सिविल सर्विसेज के लिए करेंट अफेयर्स

यूपीएससी आईएएस प्रारंभिक परीक्षा के लिए 31 मई 2023 की दैनिक समसामयिकी: हम आपके लिए ‘यूपीएससी आईएएस प्रारंभिक परीक्षा के लिए दैनिक समसामयिकी’ लेकर आए हैं, जो यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के उम्मीदवारों को सिविल सेवाओं के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण दैनिक समसामयिकी के साथ अपडेट करने के सिद्धांत पर आधारित है। गुणवत्ता से समझौता किए बिना यूपीएससी उम्मीदवारों के कीमती समय को बचाने के लिए ये दैनिक समसामयिकी हमारी टीम द्वारा बिट फॉर्म / संक्षिप्त रूप में तैयार किए गए हैं। यूपीएससी आईएएस  प्रारंभिक परीक्षा के लिए आज, 31 मई 2023 की दैनिक समसामयिकी में, हम नीचे दिए गए टॉपिक्स को कवर कर रहे हैं।

खीर भवानी मेला 2023

खीर भवानी मेला 2023 चर्चा में क्यों है?

हाल ही में, वह खीर भवानी मेला 2023 न केवल कश्मीरी पंडित समुदाय द्वारा बल्कि कश्मीर घाटी के स्थानीय निवासियों द्वारा भी अत्यधिक उत्साह के साथ मनाया गया।

खीर भवानी मेला 2023 से संबंधित विवरण

वार्षिक रूप से, ज्येष्ठ अष्टमी के शुभ दिन पर, कश्मीरी पंडित अपनी हार्दिक श्रद्धा एवं भक्ति अर्पित करने के लिए श्रद्धेय माता राघन्य देवी मंदिर, जिसे खीर भवानी मंदिर के नाम से जाना जाता है, की तीर्थ यात्रा करते हैं।

  • कश्मीर में ज्येष्ठ अष्टमी पर मनाया जाने वाला खीर भवानी मेला कश्मीरी पंडित समुदाय के लिए अत्यधिक धार्मिक महत्व रखता है।
  • यह बहनों एवं भाइयों के लिए एक पवित्र जमाव के रूप में कार्य करता है, जो उनकी आध्यात्मिक मान्यताओं में गहराई से निहित हैं।
  • इस वर्ष, मेले में भारी भीड़ देखी गई, जिसमें 25,000 से अधिक श्रद्धालु उपस्थित थे।
  • विगत वर्ष ज्येष्ठ अष्टमी के शुभ अवसर के दौरान, लगभग 18,000 श्रद्धालु एवं कश्मीरी पंडित प्रसिद्ध माता खीर भवानी मंदिर में एकत्रित हुए थे।
  • खीर भवानी कश्मीरी पंडित समुदाय के मध्य अत्यधिक श्रद्धेय हैं, जिन लोगों का देवी से गहरा संबंध है।
  • समय के साथ, खीर भवानी मेला सांप्रदायिक सद्भाव एवं एकता के प्रतीक के रूप में विकसित हुआ है, जो कश्मीर के क्षेत्र में भाईचारे की भावना को दर्शाता है।

सागर परिक्रमा यात्रा

 सागर परिक्रमा यात्रा चर्चा में क्यों है

हाल ही में, श्री पुरुषोत्तम रूपाला ने अंडमान में सागर परिक्रमा यात्रा के छठे चरण का शुभारंभ किया। सागर परिक्रमा चरण-VI, यात्रा अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के क्षेत्रों को कवर करेगी, जिसमें कोडियाघाट, पोर्ट ब्लेयर, पानी घाट मत्स्य अवतरण केंद्र, वी के पुर मत्स्य अवतरण केंद्र, हुतबे, नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप इत्यादि शामिल हैं।

सागर परिक्रमा यात्रा

केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री पुरुषोत्तम रुपाला ने “सागर परिक्रमा” कार्यक्रम का शुभारंभ किया है। इस पहल में मछुआरों, मत्स्य पालन किसानों एवं सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को शामिल करने के उद्देश्य से संपूर्ण देश में तटीय क्षेत्रों का दौरा करने के लिए एक योजनाबद्ध समुद्री मार्ग यात्रा शामिल है।

  • सागर परिक्रमा कार्यक्रम सरकार के व्यापक नीतिगत दृष्टिकोण का उदाहरण है, जिसमें तटीय क्षेत्रों में आने वाली चुनौतियों के बारे में अंतर्दृष्टि प्राप्त करने के लिए मछुआरों एवं मत्स्य पालक किसानों के साथ सीधे जुड़ाव पर जोर दिया गया है।
  • मछुआरों के लिए विकास रणनीति में पर्याप्त बदलाव को बढ़ावा देकर, सागर परिक्रमा उनकी आजीविका एवं समग्र कल्याण पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने के लिए तैयार है।
  • इसका प्रभाव जलवायु परिवर्तन, सतत विकास एवं मछुआरों तथा मत्स्य पालकों  के समग्र विकास जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं तक विस्तृत है।
  • जैसे-जैसे कार्यक्रम आगे बढ़ेगा, इसके दूरगामी प्रभावों से भविष्य के चरणों को आकार देने तथा इन समुदायों में सकारात्मक परिवर्तन लाने की संभावना है।

सागर परिक्रमा यात्रा के चरण

प्राथमिक उद्देश्य इन व्यक्तियों के साथ प्रत्यक्ष संपर्क स्थापित करना है, उनकी चिंताओं, सुझावों एवं प्रतिपुष्टियों (फीडबैक) को सुनना है ताकि मछुआरों एवं अन्य हितधारकों के कल्याण के लिए मत्स्य पालन क्षेत्र को बढ़ाया जा सके।

  • “सागर परिक्रमा” का उद्घाटन चरण 5 मार्च 2022 को मांडवी, गुजरात से प्रारंभ हुआ।
  • आज तक, कार्यक्रम ने पश्चिमी तट के साथ अपने पांच चरणों में गुजरात, दमन एवं दीव, महाराष्ट्र तथा कर्नाटक के तटीय क्षेत्रों को सफलतापूर्वक कवर किया है।
  • सागर परिक्रमा के आगामी छठे चरण में अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह की खोज पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिसमें कोडियाघाट, पोर्ट ब्लेयर, पानी घाट मछली लैंडिंग सेंटर, वी के पुर फिश लैंडिंग सेंटर, हटबे तथा नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप जैसे महत्वपूर्ण स्थान शामिल हैं।

नेट-जीरो फ्यूचर प्रूफ बिल्डिंग 2022-2023 के लिए सोलर डेकाथलॉन इंडिया डिजाइन चैलेंज

सोलर डेकाथलॉन इंडिया डिज़ाइन चैलेंज चर्चा में क्यों है

हाल ही में, मैसूर में इंफोसिस के परिसर में आयोजित सोलर डेकाथलॉन इंडिया (एसडीआई) डिजाइन चैलेंज के तीसरे संस्करण के दौरान कुल 12 टीमें नेट-जीरो फ्यूचर प्रूफ बिल्डिंग के अपने उत्कृष्ट डिजाइन के लिए विभिन्न श्रेणियों में विजेता बनकर उभरीं।

सोलर डेकाथलॉन   इंडिया डिजाइन चैलेंज 2022-23

सोलर डेकाथलॉन इंडिया (एसडीआई) डिज़ाइन चैलेंज एक वार्षिक प्रतियोगिता है जिसे विशेष रूप से स्नातक एवं स्नातकोत्तर छात्रों के लिए डिज़ाइन किया गया है।

  • यह उनके लिए भारत में भवन निर्माण क्षेत्र में अत्याधुनिक समाधान विकसित करके अपने नवाचार एवं रचनात्मकता को प्रदर्शित करने हेतु एक मंच के रूप में कार्य करता है।
  • सोलर डेकाथलॉन इंडिया डिज़ाइन चैलेंज 2022-23 अभिनव, निवल-शून्य ऊर्जा- जल तथा जलवायु- लोचशील डिजाइन बनाने पर केंद्रित है।
  • सोलर डेकाथलॉन इंडिया एक विशिष्ट मंच के रूप में कार्य करता है जो नवाचार को बढ़ावा देता है एवं युवा प्रतिभागियों के मध्य प्रतिस्पर्धा की भावना का पोषण करता है।
  • यह उन्हें रचनात्मक रूप से सोचने तथा निवल-शून्य समाधान डिजाइन करने के लिए पारंपरिक सीमाओं से परे जाने के लिए प्रेरित करता है।
  • सोलर डेकाथलॉन इंडिया डिज़ाइन चैलेंज 2022-23 ने जलवायु परिवर्तन की वैश्विक चुनौतियों से निपटने में प्रतिभागियों द्वारा प्रस्तुत उल्लेखनीय आविष्कार तथा कल्पनाशील दृष्टिकोण का प्रदर्शन किया।

 

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