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यूपीएससी आईएएस प्रारंभिक परीक्षा के लिए 7 अप्रैल 2023 की दैनिक समसामयिकी: हम आपके लिए ‘यूपीएससी आईएएस प्रारंभिक परीक्षा के लिए दैनिक समसामयिकी’ लेकर आए हैं, जो यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के उम्मीदवारों को सिविल सेवाओं के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण दैनिक समसामयिकी के साथ अपडेट करने के सिद्धांत पर आधारित है। गुणवत्ता से समझौता किए बिना यूपीएससी उम्मीदवारों के कीमती समय को बचाने के लिए ये दैनिक समसामयिकी हमारी टीम द्वारा बिट फॉर्म / संक्षिप्त रूप में तैयार किए गए हैं। यूपीएससी आईएएस प्रारंभिक परीक्षा के लिए आज, 7 अप्रैल 2023 के दैनिक समसामयिकी में, हम नीचे दिए गए टॉपिक्स को कवर कर रहे हैं।
घरेलू गैस मूल्य निर्धारण संशोधित दिशानिर्देश
संशोधित घरेलू गैस मूल्य निर्धारण दिशा निर्देश चर्चा में क्यों है?
हाल ही में, विशिष्ट नामांकन क्षेत्रों से घरेलू रूप से उत्पादित प्राकृतिक गैस के मूल्य निर्धारण के लिए संशोधित दिशानिर्देशों को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा अनुमोदित किया गया है।
घरेलू गैस मूल्य निर्धारण संशोधित दिशा निर्देश
अनुमोदित संशोधित घरेलू प्राकृतिक गैस मूल्य निर्धारण दिशानिर्देश ओएनजीसी/ओआईएल, एनईएलपी ब्लॉकों तथा पूर्व-एनईएलपी ब्लॉकों के नामांकन क्षेत्रों पर लागू होते हैं, जहां कीमतें उत्पादन साझेदारी अनुबंध (प्रोडक्शन शेयरिंग कॉन्ट्रैक्ट/पीएससी) के अनुसार सरकार के अनुमोदन के अधीन हैं।
- निर्दिष्ट प्राकृतिक गैस के मूल्य निर्धारण की मासिक अधिसूचना भारतीय क्रूड बास्केट के मासिक औसत के 10% पर निर्धारित की जाएगी।
- ओएनजीसी एवं ओआईएल के नामांकन ब्लॉक-उत्पादित गैस के लिए, प्रशासित मूल्य तंत्र (एडमिनिस्टर्ड प्राइस मैकेनिज्म/एपीएम) मूल्य की न्यूनतम एवं अधिकतम सीमा होगी।
- उनके नामांकन क्षेत्रों में नए ड्रिल किए गए अथवा अंतःक्षेप किए गए कुओं को उनकी उत्पादित गैस के लिए प्रशासित मूल्य तंत्र (एपीएम) मूल्य से 20% प्रीमियम की अनुमति होगी।
घरेलू गैस मूल्य निर्धारण संशोधित दिशानिर्देशों का महत्व
संशोधित दिशानिर्देशों का उद्देश्य घरेलू गैस उपभोक्ताओं के लिए एक सुसंगत मूल्य निर्धारण प्रणाली स्थापित करना है, साथ ही उत्पादन को बढ़ावा देने तथा बाजार की अस्थिरता के विरुद्ध सुरक्षा के लिए उत्पादकों को प्रोत्साहन भी प्रदान करना है।
- सरकार ने 2030 तक भारत के प्राथमिक ऊर्जा मिश्रण में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी मौजूदा 6.5% से बढ़ाकर 15% करने का लक्ष्य रखा है।
- इन सुधारों का उद्देश्य प्राकृतिक गैस के उपयोग को प्रोत्साहित करना है, जिसके परिणामस्वरूप उत्सर्जन में कमी आती है तथा निवल शून्य प्राप्त करने के लक्ष्य की ओर प्रगति होती है।
- संशोधन से घरों में पाइप के माध्यम से पहुंचाई गई प्राकृतिक गैस (पाइप्ड नेचुरल गैस/पीएनजी) एवं परिवहन के लिए उपयोग की जाने वाली संपीड़ित प्राकृतिक गैस (कंप्रेस्ड नेचुरल गैस/सीएनजी) की कीमतों में भारी कमी आने की संभावना है।
- इन कीमतों में कटौती से उर्वरक सब्सिडी का बोझ भी कम होगा एवं घरेलू ऊर्जा क्षेत्र को सहायता मिलेगी।
समुद्रयान परियोजना
समुद्रयान परियोजना चर्चा में क्यों है?
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा को बताया कि सितंबर 2021 में गंभीर महासागरीय मिशन (डीप ओशन मिशन) के तहत 119 करोड़ रुपये के बजट के साथ समुद्रयान परियोजना का शुभारंभ किया गया था। समुद्रयान परियोजना की स्थापना के पश्चात से इसके लिए कुल बजट आवंटन, संवितरण एवं व्यय 119 करोड़ रुपये है।
समुद्रयान परियोजना कार्यान्वयन एवं उपलब्धियां
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि परियोजना के प्रारंभ होने के पश्चात से किए गए गहरे समुद्र के अन्वेषणों के लिए, मध्य हिंद महासागर बेसिन में पॉलिमेटेलिक मैगनीज नोड्यूल के लिए गंभीर महासागरीय अन्वेषण (डीप ओशन एक्सप्लोरेशन) का प्रारंभिक परीक्षण दिसंबर 2022 में किया गया था। परीक्षण में 5270 मीटर की गहराई पर भूभौतिकीय, महासागरीय एवं समुद्री तल की जानकारी एकत्र करने हेतु एक स्वायत्त जलमग्न यान (महासागर खनिज अन्वेषक अथवा ओशन मिनरल एक्सप्लोरर- 6000 – ओएमई 6000) का उपयोग शामिल था।
- पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस) और नेशनल सेंटर फॉर पोलर एंड ओशन रिसर्च (एनसीपीओआर) ने हिंद महासागर में मध्य-महासागर के आसपास के गहरे समुद्र क्षेत्रों से व्यापक समुद्र विज्ञान, भूभौतिकीय, भूवैज्ञानिक और जैविक डेटा एकत्र किया है।
- मिशन का उद्देश्य मल्टी-मेटल हाइड्रोथर्मल सल्फाइड्स के लिए आशाजनक साइटों की जांच करना था।
- डेटा के विश्लेषण के साथ-साथ सूचना के एकीकरण और व्याख्या ने हिंद महासागर के समुद्र तल पर हाइड्रोथर्मल वेंटिंग और खनिजकरण के कई संभावित स्थानों का अनावरण किया।
- इसके अलावा, कई पूर्व अज्ञात जैविक प्रजातियों की मैपिंग और पहचान भी पूरी की जा चुकी है।
जी-20 की पर्यटन कार्य समूह की दूसरी बैठक
जी20 की पर्यटन कार्य समूह की दूसरी बैठक चर्चा में क्यों है?
1 से 4 अप्रैल 2023 तक सिलीगुड़ी, दार्जिलिंग जिले में पर्यटन कार्य समूह की दूसरी बैठक के सफल समापन के उपरांत, सचिव (पर्यटन) श्री अरविंद सिंह ने राष्ट्रीय मीडिया को संबोधित किया।
जी20 की पर्यटन कार्य समूह की दूसरी बैठक 2023
पर्यटन मंत्रालय द्वारा आयोजित दूसरी जी20 पर्यटन कार्य समूह (टूरिज्म वर्किंग ग्रुप) की बैठक ‘सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के साधन के रूप में साहसिक पर्यटन’ (‘एडवेंचर टूरिज्म एज ए मींस ऑफ़ अचिविंग सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स’)पर एक पैनल चर्चा के साथ प्रारंभ हुई।
- कार्यक्रम का स्थान: दार्जिलिंग जिले के सिलीगुड़ी में G20 द्वितीय पर्यटन कार्य समूह की दूसरी बैठक 2023 का आयोजन किया गया।
- भारत की जी-20 समूह की अध्यक्षता के तहत पर्यटन कार्य समूह (टूरिज्म वर्किंग ग्रुप) की पहली बैठक 7 से 9 फरवरी 2023 तक गुजरात के कच्छ के रण में आयोजित की गई थी।
- भागीदारी: कार्य समूह की बैठक में 17 सदस्य देशों, 8 आमंत्रित देशों एवं 4 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के 56 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
- इस कार्यक्रम में ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, जापान, सिंगापुर, मैक्सिको, इंडोनेशिया एवं कोरिया सहित G20 के सात देशों के राजदूतों ने भी भाग लिया।
- ध्यानाकर्षण क्षेत्र: साहसिक पर्यटन (एडवेंचर टूरिज्म) पर फोकस करते हुए कार्य समूह की बैठकों के दौरान दो सह कार्यक्रम आयोजित किए गए। इन आयोजनों का उद्देश्य भारत के पर्यटन परिदृश्य एवं उत्तर पूर्व क्षेत्र दोनों में साहसिक पर्यटन की क्षमता पर बल देना था। ये दो कार्यक्रम थे-
- ‘सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक वाहन के रूप में साहसिक पर्यटन’
- ‘टूरिज्म इन मिशन मोड: एडवांटेज एडवेंचर टूरिज्म’।
दैनिक समसामयिकी के बारे में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न
प्र. G20 पर्यटन कार्य समूह की बैठक क्या है?
उत्तर. G20 पर्यटन कार्य समूह (टूरिज्म वर्किंग ग्रुप) मीटिंग एक ऐसा मंच है जहां सदस्य देश सतत पर्यटन व्यवहार पर चर्चा करने तथा प्रोत्साहित करने, सूचना एवं सर्वोत्तम पद्धतियों का आदान-प्रदान करने एवं पर्यटन उद्योग में चुनौतियों तथा अवसरों को संबोधित करने के लिए एक साथ आते हैं।
प्र. पर्यटन कार्य समूह कीदूसरी बैठक कब और कहाँ आयोजित की गई थी?
उत्तर. 1 से 4 अप्रैल 2023 तक सिलीगुड़ी, दार्जिलिंग जिले में पर्यटन कार्य समूह (टूरिज्म वर्किंग ग्रुप) की दूसरी बैठक आयोजित की गई।
प्र. समुद्रयान परियोजना क्या है?
उत्तर. समुद्रयान परियोजना भारत सरकार द्वारा सितंबर 2021 में गंभीर महासागरीय मिशन (डीप ओशन मिशन) के एक भाग के रूप में प्रारंभ किया गया एक गंभीर महासागरीय अन्वेषण मिशन है।
प्र. समुद्रयान परियोजना के लिए बजटीय परिव्यय क्या है?
उत्तर. समुद्रयान परियोजना के लिए बजटीय परिव्यय 119 करोड़ रुपये है।
प्र. समुद्रयान परियोजना का उद्देश्य क्या है?
उत्तर. समुद्रयान परियोजना का उद्देश्य खनिजों तथा नई जैविक प्रजातियों की खोज के लिए हिंद महासागर के गहरे समुद्र क्षेत्रों का पता लगाना है।