Table of Contents
यूपीएससी आईएएस प्रारंभिक परीक्षा के लिए 16 फरवरी 2023 की दैनिक समसामयिकी: हम आपके लिए ‘यूपीएससी आईएएस प्रारंभिक परीक्षा के लिए दैनिक समसामयिकी’ लेकर आए हैं, जो यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के उम्मीदवारों को सिविल सेवाओं के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण दैनिक समसामयिकी के साथ अपडेट करने के सिद्धांत पर आधारित है। गुणवत्ता से समझौता किए बिना यूपीएससी उम्मीदवारों के कीमती समय को बचाने के लिए ये दैनिक समसामयिकी हमारी टीम द्वारा बिट फॉर्म / संक्षिप्त रूप में तैयार किए गए हैं। यूपीएससी आईएएस प्रारंभिक परीक्षा के लिए आज, 16 फरवरी 2023 के दैनिक समसामयिकी में हम निम्नलिखित टॉपिक्स को शामिल कर रहे हैं: स्वायत्त जिला परिषदें (ऑटोनॉमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल/ADCs), निक्की हेली, जल-जन अभियान, शिंकू ला सुरंग एवं ट्राइफेड (TRIFED)।
स्वायत्त जिला परिषदें (ऑटोनॉमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल/एडीसी)
स्वायत्त जिला परिषदें (एडीसी) चर्चा में क्यों हैं?
- लद्दाख में विभिन्न नागरिक समाज के नेता मांग कर रहे हैं कि केंद्र शासित प्रदेश को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 244 की छठी अनुसूची में शामिल किया जाए, जो मुख्य रूप से जनजातीय (आदिवासी) आबादी वाले क्षेत्र के समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास को सुनिश्चित करता है।
- चूंकि 2019 में संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू एवं कश्मीर के पूर्ववर्ती राज्य की विशेष स्थिति संसद द्वारा हटा दी गई थी, लद्दाख में नागरिक समाज संगठन भूमि, संसाधनों एवं नौकरियों की सुरक्षा के लिए आह्वान कर रहे हैं।
स्वायत्त जिला परिषदों (एडीसी) के बारे में
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 244 के तहत छठी अनुसूची स्वायत्त जिला परिषदों (एडीसी) नामक स्वायत्त प्रशासनिक क्षेत्रों के गठन के लिए प्रदान करती है।
- इन्हें राज्य के भीतर विधायी, न्यायिक एवं प्रशासनिक मामलों पर कुछ स्वायत्तता प्राप्त है।
- स्वायत्त जिला परिषदों (एडीसी) में पांच वर्ष के कार्यकाल के साथ अधिकतम 30 सदस्य होते हैं एवं भूमि, वन, जल, कृषि, ग्राम परिषद, स्वास्थ्य, स्वच्छता, गांव तथा शहर स्तर की पुलिसिंग इत्यादि के संबंध में कानून, नियम और विनियम बना सकते हैं।
- वर्तमान में, यह पूर्वोत्तर राज्यों असम, मेघालय, मिजोरम (तीन परिषदों में से प्रत्येक) एवं त्रिपुरा (एक परिषद) पर लागू होता है।
लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद (लद्दाख ऑटोनॉमस हिल डेवलपमेंट काउंसिल/LAHDC) के बारे में
- लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद (एलएएचडीसी), लेह एक स्वायत्त जिला परिषद है जो लद्दाख के लेह जिले का प्रशासन करती है।
- यह परिषद 1995 के लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद अधिनियम के तहत निर्मित की गई थी।
- 28 अगस्त, 1995 को प्रथम निर्वाचन कराने के बाद परिषद अस्तित्व में आई।
- हिल काउंसिल जिला प्रशासन में पारदर्शिता एवं उत्तरदायित्व सुनिश्चित कर विकास कार्यों की त्वरित निगरानी दर्ज करने का प्रयास कर रही है।
- पार्षदों, पंचों व सरपंचों को विश्वास में लेकर जमीनी स्तर पर कार्य योजनाएं बनाई जा रही हैं एवं मुख्य कार्यकारी पार्षद व कार्यकारी पार्षदों की उपस्थिति में प्रखंड मुख्यालय में इसकी समीक्षा की जा रही है.
निक्की हेली
चर्चा में क्यों है?
संयुक्त राष्ट्र में पूर्व अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने 15 फरवरी, 2023 को चार्ल्सटन, दक्षिण कैरोलिना, अमेरिका में एक अभियान कार्यक्रम में 2024 रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के नामांकन के लिए अपनी दौड़ की घोषणा की।
निक्की हेली के बारे में
भारतीय मूल: निक्की हेली भारतीय मूल की एक रिपब्लिकन नेता हैं।
ट्रंप के खिलाफ मुकाबला: निक्की हेली की औपचारिक घोषणा का अर्थ है कि वह अपने पूर्ववर्ती 76 वर्षीय बॉस ट्रंप के खिलाफ प्रतियोगिता में शामिल होने वाली पहली दावेदार होंगी, जिन्होंने विगत वर्ष के अंत में व्हाइट हाउस के लिए अपनी तीसरी बोली की घोषणा की थी।
आगे क्या? राष्ट्रपति पद के चुनाव में प्रवेश करने से पूर्व हेली को रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करनी है जो अगले साल जनवरी में प्रारंभ होगी। अगला अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 5 नवंबर, 2024 को होना है।
जल-जन अभियान
जल-जन अभियान चर्चा में क्यों है?
प्रधानमंत्री मोदी 16 फरवरी, 2023 को राजस्थान के सिरोही से जल-जन अभियान का आभासी रूप से उद्घाटन करेंगे।
जल-जन अभियान के बारे में
- भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय एवं ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा संयुक्त रूप से संचालित किया जा रहा जल-जन अभियान मानव एवं मानवता को सुरक्षित करने हेतु जल संरक्षण की दिशा में एक सकारात्मक पहल है।
- जल एवं प्रकृति के संरक्षण के प्रति लोगों में सामूहिक चेतना उत्पन्न करके ही जल संरक्षण के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। इसी लक्ष्य को ध्यान में रखकर यह अभियान चलाया गया है।
- जल जन अभियान संपूर्ण देश में आठ माह तक ब्रह्माकुमारी संस्थान एवं भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से संचालित किया जाएगा।
- इसके माध्यम से दस करोड़ लोगों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करने का लक्ष्य रखा गया है।
शिंकू ला सुरंग
शिंकू ला सुरंग चर्चा में क्यों है?
- 15 फरवरी, 2023 को सुरक्षा से संबंधित कैबिनेट समिति (कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी/CCS) ने लद्दाख क्षेत्र के लिए शिंकू ला सुरंग को अपनी स्वीकृति प्रदान की, जो संपूर्ण देश के साथ लद्दाख क्षेत्र को सभी मौसम में संपर्क प्रदान करेगी।
- 2025 तक, लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्रों को सभी मौसम में संपर्क (कनेक्टिविटी) प्रदान करने के लिए निमू-पदम-दारचा रोड लिंक पर 4.1 किलोमीटर लंबी शिंकू ला सुरंग का निर्माण किया जाएगा।
शिंकू ला सुरंग के प्रमुख लाभ
- जहां तक देश की सुरक्षा एवं संरक्षा का प्रश्न है, शिंकू ला सुरंग परियोजना अत्यंत महत्वपूर्ण है
- यह उस क्षेत्र में हमारे सुरक्षाबलों के आवागमन में सहायता करेगा।
- शिंकू ला सुरंग परियोजना सुरक्षा के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि लद्दाख में निमू कारगिल के साथ-साथ लेह के समीप अवस्थित है एवं किसी भी तनावपूर्ण स्थिति में क्षेत्र में सुरक्षा बलों तथा उपकरणों की त्वरित तैनाती में सशस्त्र बलों की सहायता करेगी।
- शिंकु ला सुरंग लद्दाख क्षेत्र, विशेष रूप से जांस्कर घाटी को संपूर्ण देश से जोड़ने में सहायता करेगी।
क्षेत्र में अन्य महत्वपूर्ण सुरंगें
अटल सुरंग: अटल सुरंग मनाली को लेह से जोड़ती है एवं साल भर प्रत्येक मौसम में संपर्क प्रदान करती है।
जोजिला सुरंग: एक अन्य सुरंग जो निर्माणाधीन है, श्रीनगर-कारगिल-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर जोजिला सुरंग है जिसे शीघ्र ही समर्पित किया जाएगा।
ट्राइफेड
ट्राइफेड चर्चा में क्यों है?
- 16 फरवरी, 2023 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी नई दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में राष्ट्रीय जनजातीय महोत्सव ‘आदि महोत्सव’ का उद्घाटन करेंगे।
- आदि महोत्सव, जो जनजातीय संस्कृति, शिल्प, व्यंजन, वाणिज्य एवं पारंपरिक कला की भावना का उत्सव मनाता है, जनजातीय मामलों के मंत्रालय के तहत जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ लिमिटेड (ट्राईबल कोऑपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन लिमिटेड/TRIFED) की एक वार्षिक पहल है।
- थीम: इस वर्ष के आदि महोत्सव कार्यक्रम को “शिल्प, संस्कृति, व्यंजन और वाणिज्य का उत्सव” (सेलिब्रेशन ऑफ क्राफ्ट्स,कल्चर, कुजिन एंड कॉमर्स ) की थीम के आसपास आयोजित किया गया है।
ट्राइफेड के बारे में
- तत्कालीन बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम 1984 के तहत पंजीकृत, TRIFED 1987 में जनजातीय मामलों के मंत्रालय के तत्वावधान में राष्ट्रीय नोडल एजेंसी के रूप में अस्तित्व में आया, जो सभी राज्यों के जनजातीय लोगों के सामाजिक-आर्थिक विकास की दिशा में कार्य कर रहा था।
- ट्राइफेड ने 1988 में अपना परिचालन प्रारंभ किया।
- इसका मिशन दलित जनजातीय लोगों को संपूर्ण भारत में उनके समुदायों के आर्थिक कल्याण को प्रोत्साहित कर (विपणन के विकास एवं उनके कौशल के निरंतर उन्नयन के माध्यम से) सशक्त बनाना है।
- ट्राइफेड ने 1999 में नई दिल्ली में ट्राइब्स इंडिया नामक अपने पहले खुदरा विक्रय केंद्र (रिटेल आउटलेट) के माध्यम से आदिवासी कला एवं शिल्प वस्तुओं की खरीद तथा विपणन प्रारंभ किया।
प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न
प्र. ट्राइफेड क्या है?
उत्तर. तत्कालीन बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम 1984 के तहत पंजीकृत, TRIFED 1987 में जनजातीय मामलों के मंत्रालय के तत्वावधान में राष्ट्रीय नोडल एजेंसी के रूप में अस्तित्व में आया, जो सभी राज्यों के जनजातीय लोगों के सामाजिक-आर्थिक विकास की दिशा में कार्य कर रहा था।
प्र. लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद (लद्दाख ऑटोनॉमस हिल डेवलपमेंट काउंसिल/LAHDC) क्या है?
उत्तर. लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद (एलएएचडीसी), लेह एक स्वायत्त जिला परिषद है जो लद्दाख के लेह जिले को प्रशासित करती है। यह परिषद 1995 के लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद अधिनियम के तहत निर्मित की गई थी।
प्र. जोजिला सुरंग कहाँ है?
उत्तर. जोजिला सुरंग श्रीनगर-कारगिल-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन है।
प्र. शिंकू ला सुरंग का निर्माण किस सड़क पर किया जाएगा?
उत्तर. 2025 तक, लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्रों को सभी मौसम में संपर्क प्रदान करने के लिए निमू-पदम-दारचा रोड लिंक पर 4.1 किलोमीटर लंबी शिंकू ला सुरंग का निर्माण किया जाएगा।