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डिफेंस कनेक्ट 2.0

डिफेंस कनेक्ट 2.0: प्रासंगिकता

  • जीएस 3: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियां; प्रौद्योगिकी का स्वदेशीकरण  तथा नवीन तकनीक विकसित करना।

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डिफेंस कनेक्ट 2.0: संदर्भ

  • हाल ही में, रक्षा मंत्रालय ने नई दिल्ली में डिफेंस कनेक्ट 2.0 के दौरान इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस (iDEX) -प्राइम एवं छठी डिफेंस इंडिया स्टार्ट-अप चैलेंज का विमोचन किया।

 

डिफेंस कनेक्ट 2.0: प्रमुख बिंदु

  • iDEX-प्राइम का लक्ष्य रक्षा क्षेत्र में निरंतर बढ़ते स्टार्ट-अप की सहायता के लिए 1.5 करोड़ रुपये से लेकर 10 करोड़ रुपये तक के समर्थन की आवश्यकता वाली परियोजनाओं का समर्थन करना है।
  • छठी रक्षा भारत स्टार्ट-अप चुनौती (डीआईएससी 6): तीन सेवाओं एवं कुछ रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (डीपीएसयू) के अतिरिक्त, जिन्होंने पहले के संस्करणों में भाग लिया है, डीआईएससी 6 नवगठित सात रक्षा कंपनियों, भारतीय तटरक्षक एवं गृह मंत्रालय के तहत पहली बार संगठन की भागीदारी का साक्षी बना है। ।

 

डेफ कनेक्ट 2.0 के बारे में

  • डेफ कनेक्ट 2.0 देश के बढ़ते तकनीकी कौशल का प्रतीक है एवं भारतीय रक्षा स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र के निरंतर विकास का उत्सव है।
  • उन्होंने कहा कि यह iDEX पहल की सफलता का संकेत है जिसने अनेक नवीन एवं स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के विकास में सहायता की है।
  • iDEX ने हमारे विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पेशेवरों को कृत्रिम प्रज्ञान, संवर्धित वास्तविकता (ऑगमेंटेड रियलिटी), ब्लॉक-चेन तथा अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी (स्पेस टेक्नोलॉजी) जैसी भविष्य की तकनीकों को समझने का अवसर प्रदान किया है।
  • इस अवसर पर इनोवेट 4 डिफेंस इंटर्नशिप (i4D) के तीसरे संस्करण का भी विमोचन किया गया, जिसमें  संपूर्ण भारत के छात्रों से आवेदन आमंत्रित किए गए थे।

 

रक्षा स्टार्ट-अप को प्रोत्साहन देने हेतु उठाए गए कदम

  • ‘आत्मनिर्भरता’ को प्रोत्साहन देने हेतु पूंजीगत क्रय बजट का 68 प्रतिशत घरेलू खरीद के लिए निर्धारित किया गया है।
  • रक्षा अनुसंधान एवं विकास बजट का 25 प्रतिशत निजी उद्योग एवं स्टार्ट-अप के लिए आरक्षित किया गया है।
  • 101 मदों की तीसरी सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची का विमोचन।

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डिफेंस कनेक्ट 2.0: लाभ

  • रोजगारः आईडेक्स विजेताओं को विनिर्माण उद्यमों में सम्मिलित करने से लाखों लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। यह अनेक व्यक्तियों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
  • क्षेत्रों का सुदृढ़ीकरण: तीव्र गति से परिवर्तित होती विश्व व्यवस्था से उत्पन्न होने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए iDEX देश के सभी क्षेत्रों, विशेष रूप से सुरक्षा तंत्र को मजबूत करेगा।
  • भविष्य के नए खतरों एवं चुनौतियों से निपटने के लिए विघटनकारी प्रौद्योगिकी का विकास एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है।
  • आत्मनिर्भर भारत: निजी क्षेत्र, व्यक्तिगत नवप्रवर्तन कर्ता, स्टार्ट-अप एवं एमएसएमई नई रक्षा प्रौद्योगिकियों की कल्पना, नवाचार तथा विकास करने एवं उनमें से प्रत्येक में विशिष्टता सुनिश्चित करने के लिए ‘आत्मनिर्भर भारत’ के मजबूत स्तंभ हैं।
  • मैन्युफैक्चरिंग बूम: iDEX ने एक व्यापक सफलता की नींव रखी है जो आने वाले समय में विनिर्माण क्षेत्र की भारत में  होगी। साथ ही, भारत के लिए विनिर्माण केंद्र  (मैन्युफैक्चरिंग हब) बनने के लिए डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग महत्वपूर्ण है।
  • महिला सशक्तिकरण: रक्षा निर्माण में महिला उद्यमियों की संख्या में वृद्धि हो रही है, जो भारत में नवाचार  तथा अनुसंधान एवं विकास की सीमा को आगे बढ़ाएंगे।

 

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