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लोकतंत्र शिखर सम्मेलन- यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: अंतर्राष्ट्रीय संबंध- द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह तथा भारत से जुड़े एवं / या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समझौते।
लोकतंत्र शिखर सम्मेलन- संदर्भ
- हाल ही में, भारतीय प्रधानमंत्री ने संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा आयोजित प्रथम लोकतंत्र शिखर सम्मेलन में भाग लिया
- लोकतंत्र के लिए प्रथम शिखर सम्मेलन में भाग लेते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि “लोकतांत्रिक भावना, जिसमें विधि के शासन एवं बहुलवादी लोकाचार का सम्मान शामिल है, भारतीयों के चित्त में बसी हुई है”।
लोकतंत्र शिखर सम्मेलन 2021- प्रमुख परिणाम
- प्रथम लोकतंत्र शिखर सम्मेलन 2021 पर भारत के विचार
- अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को संयुक्त रूप से “सोशल मीडिया एवं क्रिप्टोकरेंसी” जैसी प्रौद्योगिकी के लिए वैश्विक मानदंडों को आकार प्रदान करना चाहिए ताकि उनका उपयोग लोकतंत्र को सशक्त बनाने के लिए किया जा सके, ” ना कि इसे कमजोर करने हेतु”।
- लोकतंत्रों को प्रभावित करने की प्रौद्योगिकी की क्षमता को स्वीकार करते हुए, भारत ने कहा कि प्रौद्योगिकी कंपनियों को मुक्त एवं लोकतांत्रिक समाजों के संरक्षण में योगदान देना चाहिए।
- यू.एस. डेमोक्रेटिक समिट में, भारत ने इस बात पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लोकतांत्रिक भावना भारतीय सभ्यता के लोकाचार का अभिन्न अंग है, लिच्छवी एवं शाक्य जैसे निर्वाचित गणतंत्रीय नगर-राज्य भारत में 2,500 वर्ष पूर्व पल्लवित हुए।
- लोकतंत्र के लिए एक आभासी शिखर सम्मेलन में बोलते हुए, भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा कि विधि के शासन एवं बहुलवादी लोकाचार के सम्मान सहित लोकतांत्रिक भावना भारतीयों के चित्त में बसी हुई है।
- प्रजातांत्रिक नवीनीकरण हेतु राष्ट्रपतीय पहल: अमेरिकी राष्ट्रपति ने प्रथम प्रजातांत्रिक सम्मेलन में प्रजातांत्रिक नवीनीकरण हेतु राष्ट्रपतीय पहल (प्रेसिडेंशियल इनिशिएटिव फॉर डेमोक्रेटिक रिन्यूअल) की स्थापना की घोषणा की जो विदेशी सहायता पहल प्रदान करेगी।
- वित्त पोषण: डेमोक्रेटिक रिन्यूअल की पहल को 4 मिलियन अमेरिकी डॉलर द्वारा संचालित किया जाएगा।
- प्रमुख उद्देश्य: इसका उद्देश्य मुक्त मीडिया का समर्थन करना, भ्रष्टाचार से लड़ना, लोकतांत्रिक सुधारों को मजबूत करना, लोकतंत्र के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग एवं स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों की रक्षा करना होगा।
- पाकिस्तान, चीन एवं प्रजातांत्रिक सम्मेलन 2021:
- पाकिस्तान ने अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा आयोजित लोकतंत्र शिखर सम्मेलन को छोड़ दिया, जिसने (अमेरिका ने) लगभग 110 देशों को 9-10 दिसंबर को एक आभासी शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया था।
- चीन को अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा वर्चुअल समिट फॉर डेमोक्रेसी में आमंत्रित नहीं किया गया था जबकि ताइवान को डेमोक्रेटिक समिट 2021 में आमंत्रित किया गया था।
डेमोक्रेसी समिट- महत्वपूर्ण विवरण
- डेमोक्रेसी समिट के बारे में: द समिट फॉर डेमोक्रेसी अमेरिकी राष्ट्रपति की एक पहल है जिसका उद्देश्य मुक्त विश्व के राष्ट्रों की “भावना एवं साझा उद्देश्य को नवीनीकृत करना” है।
- लोकतंत्र के लिए वैश्विक शिखर सम्मेलन एक वार्षिक शिखर सम्मेलन होना है। लोकतंत्र के लिए शिखर सम्मेलन 2022 एक वैयक्तिक रूप से बैठक होने की संभावना है।
- मुख्य उद्देश्य: ग्लोबल समिट फॉर डेमोक्रेसी का उद्देश्य विश्व के सभी लोकतंत्रों को एक साथ लाना है-
- अपने लोकतांत्रिक संस्थाओं को सुदृढ़ करने हेतु,
- उन राष्ट्रों की चुनौती का सच्चरित्रता के साथ सामना करें जो पथभ्रष्ट हो रहे हैं, एवं
- हमारे साझा मूल्यों के लिए खतरों से निपटने के लिए एक साझा एजेंडा तैयार करना।
- डेमोक्रेटिक समिट के प्रमुख विषय: ग्लोबल समिट फॉर डेमोक्रेसी तीन विषयों के आसपास आयोजित किया जाएगा:
- निरंकुशता से रक्षा,
- भ्रष्टाचार से लड़ना,
- मानवाधिकारों के सम्मान को बढ़ावा देना।
- भागीदारी: इस वर्चुअल डेमोक्रेटिक समिट में सरकार, नागरिक समाज एवं निजी क्षेत्र के नेताओं की भागीदारी की परिकल्पना की गई है।
- एशिया-प्रशांत क्षेत्र से डेमोक्रेटिक समिट 2021 में आमंत्रित गणों में भारत, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान, मालदीव एवं फिलीपींस शामिल थे।
- लोकतंत्र के प्रथम शिखर सम्मेलन में चीन एवं बांग्लादेश जैसे देशों को आमंत्रित नहीं किया गया था।