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धारावी पुनर्विकास परियोजना- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- सामान्य अध्ययन I: शहरीकरण, उनकी समस्याएं एवं उपचार
धारावी पुनर्विकास परियोजना: चर्चा में क्यों है?
- महाराष्ट्र सरकार ने प्रथम बार प्रस्तावित किए जाने के लगभग दो दशक पश्चात धारावी पुनर्विकास परियोजना में नवीन निविदाओं को स्वीकृति प्रदान की है।
धारावी के बारे में
- विश्व की सर्वाधिक वृहद मलिन बस्तियों में से एक के रूप में प्रसिद्ध धारावी, भारत की वित्तीय राजधानी – मुंबई के केंद्र में अवस्थित है।
- धारावी मलिन बस्ती 1884 में अस्तित्व में आई। यह मूल रूप से मछुआरों द्वारा बसा हुआ था जब यह क्षेत्र अभी भी खाड़ी, दलदल था।
- एक शहर के भीतर एक शहर, यह संकरी गंदी गलियों, खुले सीवरों और तंग झोपड़ियों का एक अंतहीन विस्तार है।
- यह दक्षिण मुंबई एवं अन्य स्थानों के प्रवासी श्रमिकों के लिए आकर्षक हो गया जब प्राकृतिक एवं कृत्रिम कारणों से दलदल भरने लगा।
- यह क्षेत्र बढ़ता गया क्योंकि निर्धन ग्रामीण भारतीय, शहरी मुंबई में प्रवास कर गए।
- आज, धारावी में अनुमानित 600,000 से 10 लाख लोग ठसाठस भीड़-भाड़ में रहते हैं।
- जबकि भूमि (535 एकड़ का क्षेत्र) सरकार के स्वामित्व में है, घरों का रखरखाव व्यक्तियों द्वारा स्वयं किया जाता है।
धारावी पुनर्विकास परियोजना: आर्थिक महत्व
- धारावी भारत के सर्वाधिक समृद्ध व्यापारिक जिले, बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स के समीप अवस्थित है, जहां वाणिज्यिक कार्यालय प्रीमियम देश में सर्वाधिक संख्या में हैं।
- 2.8 वर्ग किमी में फैली हुई झुग्गी बस्ती चमड़े एवं मिट्टी के बर्तन के एक अनौपचारिक उद्योग का घर है जिसमें एक लाख से अधिक लोग कार्यरत हैं।
धारावी पुनर्विकास परियोजना क्या है?
- राज्य ने इस विस्तार को बेहतर शहरी बुनियादी ढांचे के साथ ऊंची इमारतों के समूह में रूपांतरित करने की परिकल्पना की थी।
- इसमें झुग्गी-झोपड़ियों एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों वाले लोगों सहित 68,000 लोगों का पुनर्वास सम्मिलित था।
- राज्य को निवासियों को 300 वर्ग फुट के घर निशुल्क में इस साक्ष्य के साथ उपलब्ध कराने थे कि उनकी झुग्गी संरचना 1 जनवरी 2000 से पूर्व अस्तित्व में थी।
- इस परियोजना का प्रारंभ 2004 में हुआ था, किंतु विभिन्न कारणों से यह वास्तविकता में परिवर्तित नहीं हुआ।
धारावी पुनर्विकास परियोजना: ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
- 1999 में, सरकार ने प्रथम बार धारावी के पुनर्विकास का प्रस्ताव रखा।
- इसके बाद, महाराष्ट्र सरकार ने वर्ष 2003-04 में धारावी को एक एकीकृत नियोजित टाउनशिप के रूप में पुनर्विकास करने का निर्णय लिया।
- पुनर्विकास की कार्ययोजना को सरकारी प्रस्ताव जारी कर स्वीकृति प्रदान की गई।
- स्लम पुनर्वास योजना के आधार पर एक विक्रय घटक के माध्यम से विकास की लागत को क्रॉस-सब्सिडी देने हेतु संसाधन के रूप में भूमि का उपयोग करके धारावी को विकसित करने का निर्णय लिया गया।
- सरकार ने पूरे धारावी को अविकसित क्षेत्र के रूप में अधिसूचित करने एवं इसके विकास के लिए एक विशेष योजना प्राधिकरण नियुक्त करने का भी निर्णय लिया।
- 2011 में, सरकार ने सभी निविदाओं को रद्द कर दिया तथा एक महायोजना (मास्टर प्लान) तैयार की।