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प्रासंगिकता
- जीएस 3: भारतीय अर्थव्यवस्था एवं आयोजना, संसाधनों का अभिनियोजन, वृद्धि, विकास एवं रोजगार से संबंधित मुद्दे।
प्रसंग
- हाल ही में, श्रम एवं नियोजन मंत्रालय ने युवाओं की रोजगार क्षमता में वृद्धि करने हेतु डिजि सक्षम विमोचित किया है।
मुख्य बिंदु
- यह माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के साथ श्रम मंत्रालय की एक संयुक्त पहल है।
- डिजि सक्षम कौशल, नव-कौशल एवं पुन: कौशल में सहायता करेगा एवं प्रौद्योगिकी उन्नयन के साथ नियोजनीयता योग्यता कौशल को बनाए रखेगा।
- यह एक डिजिटल कौशल कार्यक्रम है जो वृद्धिमान प्रौद्योगिकी संचालित युग में आवश्यक डिजिटल कौशल प्रदान करके युवाओं की रोजगार क्षमता को बढ़ाता है।
- यह ग्रामीण एवं अर्ध-शहरी क्षेत्रों के युवाओं को सहयोग प्रदान करने हेतु सरकार के चल रहे कार्यक्रमों का विस्तार है।
- इसे आगा खान रूरल सपोर्ट प्रोग्राम इंडिया (एकेआरएसपी-I) द्वारा क्षेत्र में लागू किया जाएगा।
1 ट्रिलियन डिजिटल अर्थव्यवस्था हेतु 1000 दिन की योजना
विशेषताएं
- डिजि सक्षम पहल के माध्यम से, प्रथम वर्ष में 3 लाख से अधिक युवाओं को मूलभूत कौशल के साथ-साथ उन्नत कंप्यूटिंग सहित डिजिटल कौशल में निशुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
- नौकरी चाहने वाले राष्ट्रीय वृत्ति सेवा/ नेशनल करियर सर्विस (एनसीएस) पोर्टल (ncs.gov.in) के माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं।
- यह पहल वंचित समुदायों के अर्ध-शहरी क्षेत्रों के रोजगार चाहने वालों को प्राथमिकता देती है, जिनमें कोविड-19 महामारी के कारण अपना रोजगार गंवाने वाले लोग भी शामिल हैं।
- डिजि सक्षम पहल के अंतर्गत, मूल रूप से तीन प्रकार के प्रशिक्षण होंगे:
- स्व- प्रगति अध्ययन,
- वीआईएलटी मोड प्रशिक्षण (आभासी प्रशिक्षक/वर्चुअल इंस्ट्रक्टर के नेतृत्व में) एवं
- आईएलटी मोड प्रशिक्षण (प्रशिक्षक के नेतृत्व में)।
- आईएलटी प्रशिक्षण जो व्यक्तिगत रूप से प्रशिक्षण है, देश भर में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए आदर्श वृत्ति केंद्र/मॉडल कैरियर सेंटर्स (एमसीसी) एवं राष्ट्रीय वृत्ति सेवा केंद्रों/ नेशनल करियर सर्विस सेंटर्स (एनसीएससी) में आयोजित किया जाएगा।
- इस पहल के माध्यम से, एनसीएस पोर्टल पर पंजीकृत लगभग एक करोड़ सक्रिय रोजगार के इच्छुक व्यक्ति जावास्क्रिप्ट, डेटा विज़ुअलाइज़ेशन, एडवांस एक्सेल, प्रोग्रामिंग भाषाओं, कोडिंग का परिचय, आदि जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्राप्त करने में सक्षम होंगे, उन्हें डिजिटल अर्थव्यवस्था में आवश्यक कौशल से लैस किया जाएगा।
लाभ
- यह पहल भारत के डिजिटल अंतराल को पाटने में सहायक सिद्ध होगी।
- यह देश को समावेशी आर्थिक सुधार की राह पर ले जाएगी।
- यह न केवल घरेलू अर्थव्यवस्था की आवश्यकता हो को पूरा करने के लिए बल्कि विदेशी रोजगार के अवसरों को भी पूरा करने के लिए डिजिटल भविष्य में भारत की प्रतिभा को समृद्ध करने हेतु तैयार करेगा।
राष्ट्रीय वित्तीय सूचना प्राधिकरण