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डिजिटल इंडिया पुरस्कार 2022 की यूपीएससी के लिए प्रासंगिकता
भारत का स्मार्ट सिटीज मिशन सरकार की एक पहल है जिसका उद्देश्य शहरों में निवास करने वाले सभी लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए शहरों के सतत एवं स्मार्ट आधारिक अवसंरचना का विकास करना है।
स्मार्ट सिटीज मिशन के लिए डिजिटल इंडिया पुरस्कार 2022 यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2023 एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा (जीएस पेपर 2- शहरों के डिजिटलीकरण सहित विभिन्न क्षेत्रों के लिए शासन पहल) के लिए भी महत्वपूर्ण है।
डिजिटल इंडिया अवार्ड्स 2022 चर्चा में क्यों है?
- स्मार्ट सिटीज मिशन, आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने डिजिटल इंडिया अवार्ड्स 2022 में प्लेटिनम आइकन जीता।
- भारत के स्मार्ट सिटीज मिशन ने ‘ सामाजिक आर्थिक विकास हेतु डाटा साझाकरण एवं उपयोग’ (डेटा शेयरिंग एंड यूज फॉर सोशियो इकोनॉमिक डेवलपमेंट) श्रेणी के तहत अपनी पहल “डेटा स्मार्ट सिटीज: एम्पावरिंग सिटीज थ्रू डेटा” के लिए पुरस्कार जीता।
डिजिटल इंडिया अवार्ड्स 2022
- पृष्ठभूमि: डिजिटल क्षेत्र में विभिन्न सरकारी संस्थाओं के प्रयासों का सम्मान करने के लिए 2009 में स्थापित पुरस्कार भारत में अपनी तरह के प्रथम पुरस्कार हैं।
- डिजिटल इंडिया पुरस्कार के बारे में: डिजिटल इंडिया अवार्ड्स (डीआईए) एक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय प्रतियोगिता है जो डिजिटल इंडिया विजन को साकार करने में सरकारी संस्थाओं द्वारा अभिनव डिजिटल समाधानों को प्रोत्साहित करने एवं सम्मानित करने का प्रयास करती है।
- श्रेणी ‘सामाजिक आर्थिक विकास के लिए डेटा साझाकरण एवं उपयोग’ देश में एक जीवंत डेटा पारिस्थितिकी तंत्र निर्मित करने हेतु मंत्रालयों/विभागों/संगठनों, राज्यों, शहरों तथा शहरी स्थानीय निकायों (अर्बन लोकल बॉडीज/यूएलबी) द्वारा निम्नलिखित से संबंधित सरकारी डेटा साझा करने पर बल देती है-
- विश्लेषण,
- निर्णय निर्माण,
- नवाचार,
- सेवाएं,
- आर्थिक विकास एवं
- जनकल्याण।
- मूल मंत्रालय: ये इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी/MeitY) के तहत राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (नेशनल इनफॉर्मेटिक्स सेंटर/NIC) द्वारा संचालित किए जाते हैं।
- डिजिटल इंडिया अवार्ड्स (डीआईए) का सातवां संस्करण 2022 में आयोजित किया जा रहा है।
डिजिटल इंडिया अवार्ड्स (DIA) का महत्व
- डिजिटल इंडिया अवार्ड्स (डीआईए) भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज एवं ज्ञान अर्थव्यवस्था में रूपांतरित करने हेतु अपनाई जा रही डिजिटल पहलों को सामने लाने का अवसर प्रदान करता है।
- डिजिटल इंडिया पुरस्कार 2022 का उद्देश्य न केवल सरकारी संस्थाओं बल्कि स्टार्ट-अप्स को भी डिजिटल इंडिया विजन को पूरा करने के लिए प्रेरित करना है।
- सरकारी संस्थाओं द्वारा सभी स्तरों पर अभिनव डिजिटल समाधानों को प्रोत्साहित करने एवं सम्मानित करने के लिए भारत के राष्ट्रीय पोर्टल के तत्वावधान में डिजिटल इंडिया अवार्ड्स (डीआईए) की स्थापना की गई है।
डेटा स्मार्ट सिटी पहल के लिए मुख्य विवरण – स्मार्ट सिटी मिशन
- डेटा स्मार्ट सिटीज पहल का उद्देश्य भारत के 100 स्मार्ट शहरों में बेहतर प्रशासन के लिए डेटा की शक्ति का उपयोग करना है।
- ‘पीपुल, प्लेटफॉर्म, प्रोसेस’ रणनीति के आधार पर, यह पहल प्रदर्शन प्रबंधन, समुदायों के सशक्तिकरण, एवं अनुसंधान, सह-निर्माण तथा मुक्त नवाचार हेतु मंत्रालय के प्रयासों के अभिसरण की ओर अग्रसर है।
- अभिज्ञ उपकरणों एवं प्रणालियों के एक नेटवर्क के माध्यम से शहरों में उत्पन्न होने वाले मूल्यवान डेटा का लाभ उठाने एवं उपयोग करने हेतु, स्मार्ट सिटी मिशन, आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय (मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स/MoHUA) ने 100 स्मार्ट शहरों में डेटा स्मार्ट सिटीज़ (DSC) पहल प्रारंभ की।
- DSC शहर के कामकाज में डेटा जागरूकता एवं डेटा उपयोग की संस्कृति को आत्मसात करने के लिए तीन-आयामी दृष्टिकोण – लोग, प्रक्रिया, प्लेटफ़ॉर्म (पीपल, प्रोसेस, प्लेटफार्म)- का उपयोग करता है।
- शहरों को बेहतर प्रबंधन, साझा करने एवं उपलब्ध डेटा का लाभ उठाने में सक्षम बनाने के लिए विभिन्न डिजिटल प्लेटफॉर्म विकसित किए गए हैं। इसमे निम्नलिखित सम्मिलित हैं-
- स्मार्ट सिटी ओपन डाटा पोर्टल (एससीओडीपी),
- भारत शहरी वेधशाला (इंडियन अर्बन ऑब्जर्वेटरी/IUO),
- इंडिया अर्बन डेटा एक्सचेंज (आईयूडीएक्स),
- रहने योग्य, समावेशी एवं भविष्य हेतु तैयार शहरी भारत (असेसमेंट एंड मॉनिटरिंग प्लेटफॉर्म लिवेबल इंक्लूसिव एंड फ्यूचर रेडी अर्बन इंडिया/AMPLIFI) के लिए मूल्यांकन एवं निगरानी मंच तथा
- भू-स्थानिक प्रबंधन सूचना प्रणाली (जियोस्पतियल मैनेजमेंट इनफॉरमेशन सिस्टम/GMIS)
- ये प्लेटफॉर्म एक साथ 55,000+ डेटा के समुच्चय एवं 1,400+ एपीआई की मेजबानी करते हैं, जो साक्ष्य-आधारित योजना, क्रॉस-सिटी आकलन, बहु-अनुशासनात्मक अनुसंधान एवं सामाजिक-आर्थिक परिणामों में सुधार के लिए 15 लाख से अधिक उपयोगकर्ताओं को शामिल करते हैं।
- कार्यक्रम ने 100 शहरी डेटा कार्यालयों एवं 50 से अधिक डेटा नीतियों के माध्यम से शहरों में एक डेटा पारिस्थितिकी तंत्र को संस्थागत रूप प्रदान किया है।
- स्मार्ट सिटीज़ ओपन डेटा पोर्टल शून्य से सभी 100 स्मार्ट सिटीज़ में रूपांतरित हो गया है जो अब मुक्त डाटा समुच्चय (ओपन डेटासेट) प्रकाशित कर रहा है एवं डेटा ब्लॉग्स तथा प्रत्यक्षीकरण (विज़ुअलाइज़ेशन) में योगदान दे रहा है, जिससे 1.2+ लाख डाउनलोड एवं ~ 6 लाख व्यूज हो गए हैं।
- इस पहल से विभिन्न हितधारकों के सहयोग से 180 से अधिक नवीन, मापन योग्य (स्केलेबल) एवं प्रतिकृति योग्य उपयोग के मामले सामने आए हैं जिनका उपयोग शहरों द्वारा बेहतर कामकाज एवं नागरिक जुड़ाव के लिए किया जा रहा है।
- वडोदरा चिकित्सा हरित गलियारा (वडोदरा मेडिकल ग्रीन कॉरिडोर), सूरत रीयल-टाइम बस सीट अधिभोग, अगरतला स्मार्ट ट्रैफिक कंट्रोल एवं अन्य।
- 100 स्मार्ट शहरों में इस पहल की सफलता में भारत के सभी शहरों पर डेटा के परिवर्तनकारी प्रभाव के साथ सुधार का एक नैतिक चक्र बनाने की क्षमता है।
स्मार्ट सिटीज मिशन (SCM)
- स्मार्ट सिटीज मिशन (SCM) के बारे में: स्मार्ट सिटीज मिशन (SCM) एक परिवर्तनकारी मिशन है जिसका उद्देश्य देश में शहरी विकास के अभ्यास में एक आदर्श परिवर्तन लाना है।
- स्मार्ट सिटीज मिशन (एससीएम) 25 जून, 2015 को भारत के प्रधानमंत्री द्वारा प्रारंभ किया गया था।
- स्मार्ट सिटीज मिशन के तहत विकसित परियोजनाएं बहु-क्षेत्रीय हैं एवं स्थानीय आबादी की आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करती हैं।
- परियोजना पूर्णता: एससीएम के अंतर्गत कुल प्रस्तावित परियोजनाओं में से-
- अब तक 1,93,143 करोड़ रुपये (मूल्य के हिसाब से 94%) की 7,905 परियोजनाओं के लिए निविदा जारी की जा चुकी है।
- लगभग 1,80,508 करोड़ रुपये (मूल्य के हिसाब से 88%) की 7,692 परियोजनाओं के लिए कार्य आदेश जारी किए गए हैं।
- 60,919 करोड़ रुपये (मूल्य के अनुसार 33%) की 3,830 परियोजनाएँ भी पूर्ण रूप से क्रियान्वित हो चुकी हैं एवं क्रियान्वयन के चरण में हैं (10 अप्रैल 2022)।
- निधियों का आवंटन एवं उपयोग: स्मार्ट सिटीज मिशन के तहत 2,05,018 करोड़ रुपये के कुल निवेश में से 93,552 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को केंद्र एवं राज्य के फंड से विकसित करने का प्रस्ताव था।
- आज तक, 92,300 करोड़ रुपये की इन परियोजनाओं में से लगभग 100% के लिए कार्य आदेश जारी किया जा चुका है।
- 2018 से जब मिशन में कुल व्यय 1,000 करोड़ रुपये था, यह बढ़कर 45,000 करोड़ रुपये हो गया है।
- शहरों को जारी किए गए भारत सरकार के कुल निधियों का उपयोग प्रतिशत 91% है।
- एकीकृत कमान एवं नियंत्रण केंद्र (इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर्स/ICCCs): वर्तमान तिथि तक, देश में 80 स्मार्ट शहरों ने अपने इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर्स (ICCCs) को विकसित एवं संचालित किया है।
- इन क्रियाशील ICCCs ने कोविड-19 प्रबंधन के लिए वॉर रूम के रूप में कार्य किया।
- मिशन के तहत विकसित अन्य स्मार्ट आधारिक अवसंरचना के साथ, एकीकृत कमान एवं नियंत्रण केंद्र (ICCCs) ने सूचना प्रसार, संचार में सुधार, भविष्यसूचक विश्लेषण एवं प्रभावी प्रबंधन का समर्थन करके महामारी से लड़ने में शहरों की सहायता की।
डिजिटल इंडिया अवार्ड्स 2022 के संदर्भ में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न डिजिटल इंडिया अवार्ड्स 2022
प्र. डिजिटल इंडिया पुरस्कार 2022 किसने जीता?
उत्तर. स्मार्ट सिटीज मिशन, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने डिजिटल इंडिया अवार्ड्स 2022 में प्लेटिनम आइकन जीता।
प्र. डिजिटल इंडिया अवार्ड्स (DIA) क्या है?
उत्तर. डिजिटल इंडिया अवार्ड्स (डीआईए) एक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय प्रतियोगिता है जो डिजिटल इंडिया विजन को साकार करने में सरकारी संस्थाओं द्वारा अभिनव डिजिटल समाधानों को प्रोत्साहित करने एवं सम्मानित करने का प्रयास करती है।
प्र. डेटा स्मार्ट सिटी पहल का उद्देश्य क्या है?
उत्तर. डाटा स्मार्ट सिटी पहल (डेटा स्मार्ट सिटीज़ इनिशिएटिव/डीएससी) शहर के कामकाज में डेटा जागरूकता एवं डेटा उपयोग की संस्कृति को आत्मसात करने हेतु त्रि-आयामी दृष्टिकोण – लोग, प्रक्रिया, प्लेटफ़ॉर्म (पीपल, प्रोसेस, प्लेटफार्म)- का उपयोग करता है।