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यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए डिजिटल शक्ति 4.0 का महत्व?
डिजिटल शक्ति 4.0 देश की महिलाओं के बीच डिजिटल जागरूकता एवं शिक्षा का प्रसार करने के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा एक महत्वपूर्ण तथा सक्रिय पहल है।
साइबर अपराध (विशेष रूप से महिलाओं के विरुद्ध) आज हमारे समाज के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है तथा साइबरस्पेस को सुरक्षित करना आवश्यक है, अतः, यह डिजिटल शक्ति 4.0 यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा एवं मुख्य परीक्षा परिप्रेक्ष्य दोनों के लिए महत्वपूर्ण है।
डिजिटल शक्ति 4.0 सामान्य अध्ययन के द्वितीय प्रश्न पत्र से संबंधित है: लिंग, महिलाओं से संबंधित मुद्दे।
डिजिटल शक्ति 4.0 चर्चा में क्यों है?
- हाल ही में, राष्ट्रीय महिला आयोग (नेशनल कमीशन फॉर वूमेन/NCW) ने डिजिटल शक्ति अभियान के चौथे चरण अर्थात डिजिटल शक्ति 4.0 का शुभारंभ किया।
- राष्ट्रीय महिला आयोग ने साइबरपीस फाउंडेशन एवं मेटा के सहयोग से डिजिटल शक्ति 4.0 का विमोचन किया।
डिजिटल शक्ति क्या है?
- डिजिटल शक्ति साइबर स्पेस में महिलाओं एवं बालिकाओं को डिजिटल रूप से सशक्त तथा कुशल बनाने की एक अखिल भारतीय परियोजना है।
- डिजिटल शक्ति महिलाओं को किसी भी अनुचित घटना के विरुद्ध खड़ा करने की पहल है, जो वे ऑनलाइन स्पेस में देख सकती हैं।
- यह विभिन्न विधियों को समझने हेतु प्रशिक्षण प्रदान करता है जिसमें गोपनीयता से समझौता किया जा सकता है।
डिजिटल शक्ति 4.0 का विमोचन क्यों किया गया है?
- बढ़ते मामलों के आलोक में, डेटा से ज्ञात होता है कि भारत में डराने-धमकाने के मामलों की संख्या तीसरी सर्वाधिक है, इसीलिए डिजिटल शक्ति (डिजिटल शक्ति 4.0) का चौथा चरण अब प्रारंभ किया गया है।
- मिशन को कौशल उन्नयन (अपस्किलिंग) से क्षमता निर्माण तथा कौशल विकास तक ले जाने के लिए डिजिटल शक्ति 4.0 का विमोचन किया गया है।
डिजिटल शक्ति 4.0 का फोकस क्या है?
- महिलाओं एवं बालिकाओं के लिए ऑनलाइन सुरक्षित स्थान निर्मित करने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, डिजिटल शक्ति 4.0 महिलाओं को डिजिटल रूप से कुशल बनाने तथा ऑनलाइन किसी भी अवैध/अनुचित गतिविधि के विरुद्ध खड़े होने के लिए जागरूक बनाने पर केंद्रित है।
- डिजिटल शक्ति 3 लाख से अधिक महिलाओं के लिए एक समर्थकर्ता रही है एवं चरण 4 के विमोचन के साथ, इसका उद्देश्य 1 मिलियन से अधिक महिलाओं को संवेदनशील बनाना है। समावेशिता बनाए रखने के लिए, अभियान न केवल अंग्रेजी बल्कि 5 अन्य भारतीय भाषाओं में प्रारंभ किया गया है।
डिजिटल शक्ति अभियान के पूर्व के चरण
डिजिटल शक्ति का पहला चरण (डिजिटल शक्ति 1.0)
- डिजिटल शक्ति को 2018 में चंडीगढ़ से प्रारंभ किया गया था। तत्पश्चात, इसने भारत के 8 राज्यों की 60,000 महिलाओं के कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित किया।
डिजिटल शक्ति का दूसरा चरण (डिजिटल शक्ति 2.0)
- दूसरा चरण फरवरी 2020 में प्रारंभ किया गया था एवं 167 से अधिक कार्यशालाओं को पूरा किया।
- इस चरण ने भारत के सभी राज्यों को सम्मिलित करते हुए केवल 12 महीनों में पूरा करके इतिहास रच दिया।
- जब तक दूसरा चरण प्रारंभ हुआ, तब तक कोविड-19 फैलना प्रारंभ हो गया था एवं इसलिए विभिन्न कार्यशालाएं (वर्कशॉप) आभासी रूप से आयोजित की गईं।
डिजिटल शक्ति का तीसरा चरण (डिजिटल शक्ति 3.0)
- बदलते समय के आलोक में, कार्यक्रम का तीसरा चरण मार्च 2021 में लेह में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष द्वारा उपराज्यपाल श्री राधा कृष्ण माथुर तथा जामयांग त्सेरिंग नामग्याल, सांसद, लद्दाख की उपस्थिति में विमोचन के साथ प्रारंभ किया गया था।।
- तीसरे चरण में, एक महिला के किसी साइबर अपराध का सामना करने की स्थिति में रिपोर्ट करने के सभी तरीकों पर जानकारी प्रदान करने के लिए परियोजना के तहत एक संसाधन केंद्र भी विकसित किया गया था।
मेटा डिजिटल शक्ति में किस प्रकार सहायता कर रहा है?
- मेटा डिजिटल शक्ति का मार्गदर्शक है।
- मेटा केवल पारस्परिक संपर्क एवं मनोरंजन के लिए एक मंच नहीं है बल्कि व्यक्तियों को शिक्षित तथा सशक्त बनाने के लिए विभिन्न पहल आयोजित कर रहा है।
- मेटा द्वारा 6वीं से 8वीं तक के छात्रों के लिए एक पाठ्यक्रम भी विकसित किया गया था।
डिजिटल इंडिया 4.0 के तहत 5 उपकरण
डिजिटल इंडिया 4.0 के विमोचन ने साइबर सुरक्षा के प्रयासों को प्रोत्साहित करने हेतु 5 उपकरण भी प्रस्तुत किए, ये हैं:
टूल 1: डिजिटल स्वास्थ्य
टूल 2: सुरक्षा एवं गोपनीयता सेटिंग
टूल 3: स्कैम्स की पहचान करना
टूल 4: महत्वपूर्ण विचार एवं सोशल मीडिया सुरक्षा
टूल 5: इंटरनेट पर अवैध गतिविधियों की सूचना देना।