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नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए)- यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: भारतीय संविधान- वैधानिक, नियामक एवं विभिन्न अर्ध-न्यायिक निकाय।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए)- संदर्भ
- हाल ही में, संयुक्त राज्य अमेरिका के उड्डयन प्रहरी (एविएशन वॉचडॉग), फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) ने भारत के सुरक्षा नियामक, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) का पांच दिवसीय अंकेक्षण प्रारंभ किया।
- यह एक नियमित जांच है जो प्रत्येक दो से तीन वर्ष में की जाती है। इस बार कोविड-19 के कारण इसमें विलंब हुआ।
फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) द्वारा अंतर्राष्ट्रीय विमानन सुरक्षा आकलन (आईएएसए) कार्यक्रम
- इसके तहत, एफएए यह निर्धारित करता है कि किसी अन्य देश की अपनी एयरलाइनों का निरीक्षण जो संयुक्त राज्य अमेरिका में संचालित होती है या यूएसए एयरलाइन के साथ कोडशेयर समझौता है, अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षा मानकों का अनुपालन करती है।
- यह अंतरराष्ट्रीय विमानन सुरक्षा मानकों का पालन करने की भारत की क्षमता एवं निम्नलिखित से संबंधित अनुशंसित प्रथाओं की जांच करेगा-
- विमान की उड़ान योग्यता,
- विमान का संचालन एवं
- कार्मिक अनुज्ञापन।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए)- प्रमुख बिंदु
- नागर विमानन महानिदेशालय के बारे में: नागरिक विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) नागरिक विमानन के क्षेत्र में नियामक निकाय है, जो मुख्य रूप से सुरक्षा मुद्दों से निपटता है।
- इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित हैं एवं भारत के विभिन्न भागों में क्षेत्रीय कार्यालय हैं।
- अधिदेश: डीजीसीए भारत में / से / के भीतर हवाई परिवहन सेवाओं के नियमन एवं नागरिक हवाई नियमों, हवाई सुरक्षा एवं उड़ान योग्यता मानकों को लागू करने हेतु उत्तरदायी है।
- अंतरराष्ट्रीय समन्वय हेतु नोडल एजेंसी: डीजीसीए अंतर्राष्ट्रीय नागरिक विमानन संगठन (आईसीएओ) के साथ सभी नियामक कार्यों का समन्वय भी करता है।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए)- प्रमुख कार्य
- नागरिक विमान का पंजीकरण।
- भारत में पंजीकृत नागरिक विमानों के लिए उड़ान योग्यता के मानकों का निरूपण एवं ऐसे विमानों को उड़ान योग्यता प्रमाणपत्र प्रदान करना।
- पायलटों, विमान रखरखाव इंजीनियरों एवं उड़ान इंजीनियरों को लाइसेंस प्रदान करना एवं उस उद्देश्य के लिए परीक्षाएं और जांच आयोजित करना।
- हवाई यातायात नियंत्रकों को अनुज्ञप्ति प्रदान करना।
- दुर्घटनाओं/घटनाओं की जांच करना एवं सुरक्षा उड्डयन प्रबंधन कार्यक्रमों के क्रियान्वयन सहित दुर्घटना की रोकथाम हेतु आवश्यक कदम उठाना।
- नागरिक एवं सैन्य हवाई यातायात एजेंसियों द्वारा हवाई क्षेत्र के नम्य उपयोग के लिए राष्ट्रीय स्तर पर समन्वय एवं भारतीय हवाई क्षेत्र के माध्यम से नागरिक उपयोग के लिए अधिक हवाई मार्गों के प्रावधान के लिए आईसीएओ के साथ अंतःक्रिया।
- उत्प्रेरक कारक के रूप में कार्य करते हुए विमान एवं वायुयान के घटकों के स्वदेशी डिजाइन एवं निर्माण को प्रोत्साहन प्रदान करना।
- खतरनाक वस्तुओं की ढुलाई के लिए संचालकों के प्रशिक्षण कार्यक्रमों को स्वीकृति प्रदान करना, खतरनाक वस्तुओं की ढुलाई हेतु अधिकार पत्र जारी करना इत्यादि।