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राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम (एनडीएमए), 2005
पिछले लेख में, हमने आपदा प्रबंधन की मूलभूत बातों एवं आपदा प्रबंधन के संबंध में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों पर चर्चा की है। यह लेख हमारी 3-लेख श्रृंखला का अंतिम लेख होगा। इस लेख में, हम आपदा प्रबंधन के संबंध में भारत में विधायी एवं संस्थागत ढांचे पर चर्चा करेंगे। इन 3 लेखों के पश्चात, सिविल सेवा परीक्षा के उम्मीदवारों को आपदा प्रबंधन पर अधिक जानकारी हेतु कहीं अन्यत्र जाने की आवश्यकता नहीं है एवं यूपीएससी पाठ्यक्रम के इस विषय पर बेहतर कमांड रखने के लिए प्रश्नों को हल करने का प्रयास करें।
आपदा प्रबंधन: संविधान क्या कहता है?
- एक विषय के रूप में ‘आपदा प्रबंधन’ का उल्लेख हमारे संविधान की सातवीं (VII) अनुसूची की तीन सूचियों में से किसी में भी नहीं है।
- इसका तात्पर्य है कि आपदा प्रबंधन से संबंधित प्रावधान संघ सूची की प्रविष्टि 97 के तहत संघ की अवशिष्ट शक्तियों के अंतर्गत आते हैं।
- संविधान के कार्यकरण की समीक्षा हेतु गठित राष्ट्रीय आयोग (एनसीआरसीडब्ल्यू) ने निम्नलिखित की सिफारिश की “आपदाओं एवं प्राकृतिक अथवा मानव निर्मित आपात स्थितियों के प्रबंधन को सूची तीन , अर्थात भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची की समवर्ती सूची” में समाविष्ट किया जाना चाहिए।
विधायी ढांचा एवं संस्थागत ढांचा
- 2001 में गुजरात भूकंप के बाद, केंद्र सरकार ने देश में सभी स्तरों पर संकट प्रबंधन के विधिक एवं संस्थागत ढांचेहेतु एक व्यापक आपदा प्रबंधन विधान निर्मित करने का निर्णय लिया। आपदा प्रबंधन विधेयक मई 2005 में संसद में प्रस्तुत किया गया था एवं अंतिम रूप से दिसंबर 2005 में अधिनियमित किया गया था।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम (एनडीएमए), 2005: प्रमुख प्रावधान
- अधिनियम आपदा को ‘किसी भी क्षेत्र में प्राकृतिक अथवा मानव निर्मित कारणों से या दुर्घटना अथवा लापरवाही से उत्पन्न होने वाली आपदा, दुर्घटना, आपदा या गंभीर घटना के रूप में परिभाषित करता है, जिसके परिणामस्वरूप जीवन की व्यापक क्षति या मानवीय कष्टों या संपत्ति की क्षति एवं विनाश होता है, या पर्यावरण को क्षति अथवा क्षरण एवं इस तरह की प्रकृति या परिमाण का है जो प्रभावित क्षेत्र के समुदाय की मुकाबला करने की क्षमता से परे है।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण
- यह अधिनियम एक राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की स्थापना का प्रावधान करता है, जिसमें प्रधान मंत्री पदेन अध्यक्ष एवं अन्य सदस्य होंगे, जिनकी संख्या नौ से अनधिक (अधिक नहीं) होगी, जिनमें से एक उपाध्यक्ष होंगे।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के कार्य
- आपदा प्रबंधन पर नीतियां निर्धारित करना
- राष्ट्रीय योजना को स्वीकृति प्रदान करना
- आपदा प्रबंधन के लिए नीति एवं योजना के प्रवर्तन एवं क्रियान्वयन में समन्वय स्थापित करना
- राष्ट्रीय योजना के अनुसार भारत सरकार के मंत्रालयों अथवा विभागों द्वारा तैयार की गई योजनाओं का अनुमोदन करना;
राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति:
- अधिनियम अन्य कार्यों को संपादित करने के अतिरिक्त, राष्ट्रीय नीति, राष्ट्रीय योजना एवं राज्य योजना के कार्यान्वयन के समन्वय एवं अनुश्रवण हेतु एक राष्ट्रीय कार्यकारी समिति (एनईसी) के गठन का भी प्रावधान करता है।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण:
- राज्य स्तर पर, यह अधिनियम राज्य आपदा प्रबंधन योजना निर्मित करने हेतु एक राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की स्थापना का प्रावधान करता है जिसमें मुख्यमंत्री पदेन अध्यक्ष एवं अन्य सदस्य होंगे (नौ से अधिक नहीं एवं राज्य कार्यकारी समिति के अध्यक्ष को पदेन सदस्य के रूप में शामिल करते हैं)।
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण
- जिला स्तर पर, अधिनियम एक जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की स्थापना का प्रावधान करता है, जिसमें जिला आपदा योजना निर्मित करने हेतु जिलाधिकारी/ कलेक्टर पदेन अध्यक्ष होता है।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान
- अधिनियम आगे राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीएम) के गठन का प्रावधान करता है।
- संस्थान में एक शासी निकाय होगा जो ऐसी शक्तियों का प्रयोग करेगा और ऐसे कार्यों का निर्वहन करेगा जिन्हें विनियमों द्वारा निर्धारित किया जाए।
- अधिनियम के प्रावधानों के अधीन, एनआईडीएम राष्ट्रीय प्राधिकरण द्वारा निर्धारित व्यापक नीतियों एवं दिशानिर्देशों के अंतर्गत कार्य करेगा एवं आपदा प्रबंधन, प्रलेखन एवं राष्ट्रीय स्तर के सूचना आधार के विकास के क्षेत्र में प्रशिक्षण एवं अनुसंधान की योजना निर्मित करने एवं प्रोत्साहन देने हेतु उत्तरदायी होगा।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल
- अधिनियम आगे आपदा अथवा आशंकाप्रद आपदा हेतु विशेषज्ञ प्रतिक्रिया के उद्देश्य से राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की स्थापना का प्रावधान करता है।
- बल का सामान्य अधीक्षण, निर्देशन एवं नियंत्रण एनडीएमए में निहित होगा।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष
- अधिनियम ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष के गठन हेतु भी प्रावधान किया है जिसे एनईसी एवं राष्ट्रीय आपदा शमन कोष को उपलब्ध कराया जाएगा जिसे एनडीएमए द्वारा लागू किया जाएगा।