Table of Contents
अंतर्राष्ट्रीय अम्बेडकर सभा- यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 1: भारतीय इतिहास:भारतीय इतिहास- आधुनिक भारतीय इतिहास अठारहवीं शताब्दी के मध्य से लेकर वर्तमान तक- महत्वपूर्ण घटनाएं, व्यक्तित्व, मुद्दे।
- जीएस पेपर 2: विकास प्रक्रियाएं एवं विकास उद्योग– गैर सरकारी संगठनों, एसएचजी, विभिन्न समूहों एवं संघों, दाताओं, न्यासों, संस्थागत एवं अन्य हितधारकों की भूमिका
अंतर्राष्ट्रीय अम्बेडकर सभा- संदर्भ
- हाल ही में, भारत के राष्ट्रपति ने नई दिल्ली, भारत में पांचवें अंतरराष्ट्रीय अम्बेडकर सभा का उद्घाटन किया।
अंतर्राष्ट्रीय अम्बेडकर सभा- प्रमुख बिंदु
- अंतर्राष्ट्रीय अम्बेडकर सभा के बारे में: अंतर्राष्ट्रीय अम्बेडकर सभा एक ऐसा मंच है जो सामाजिक एवं आर्थिक न्याय के प्रमुख मुद्दों पर प्रकाश डालता है तथा डॉ. अम्बेडकर के मंतव्यों एवं विचारों को प्रसारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- आयोजक: अंतर्राष्ट्रीय अम्बेडकर कॉन्क्लेव का आयोजन एससी एवं एसटी विधायकों तथा सांसदों के मंच एवं डॉ. अम्बेडकर चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा किया जा रहा है।
- 5वें अंतर्राष्ट्रीय अम्बेडकर सभा के फोकस क्षेत्र: यह संवैधानिक अधिकारों के मुद्दों के साथ-साथ शिक्षा, उद्यमिता, नवाचार एवं आर्थिक विकास पर केंद्रित है।
- उद्देश्य: अंतरराष्ट्रीय अम्बेडकर सभा का उद्देश्य अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों को आगे ले जाना है जो विकास यात्रा में पीछे छूट गए हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय अम्बेडकर सभा का उद्देश्य अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों के मध्य उनके अधिकारों एवं उनके कल्याण के लिए विभिन्न सरकारी पहलों के बारे में जागरूकता सुनिश्चित करना है।
बी. आर. अम्बेडकर- प्रमुख बिंदु
- बी. आर. अम्बेडकर के बारे में: बी. आर. अम्बेडकर एक भारतीय दार्शनिक, राजनीतिक नेता, लेखक, अर्थशास्त्री, सामाजिक-धार्मिक सुधारक थे एवं भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकारों में से एक के रूप में जाने जाते थे।
- उन्हें सामान्यतया बाबासाहेब अम्बेडकर के नाम से जाना जाता है।
- बी. आर. अम्बेडकर को समाज में अनेक प्रकार के अन्याय एवं भेदभाव का सामना करना पड़ा क्योंकि उनका जन्म एक ऐसी जाति में हुआ था जिसे समकालीन समाज में अछूत माना जाता था।
- उनका कार्य समाज में जाति आधारित भेदभाव को खत्म करने पर केंद्रित था एवं दलितों को संगठित होने तथा उनके अधिकारों की मांग करने के लिए प्रेरित किया।
- जन्म एवं मृत्यु: बाबासाहेब अम्बेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश में हिंदू महार जाति में हुआ था।
- बाबासाहेब अम्बेडकर की मृत्यु 6 दिसंबर 1956 को दिल्ली, भारत में हुई थी।
- बी. आर. अम्बेडकर की शिक्षा: वह एक अर्थशास्त्री थे एवं उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय तथा लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की थी।
- बी. आर. अम्बेडकर की महत्वपूर्ण रचनाएं: मूकनायक (साप्ताहिक) 1920; जनता (साप्ताहिक) 1930; द एन्निहिलेशन ऑफ़ कास्ट (जाति का विनाश) 1936; पाकिस्तान ऑर द पार्टीशन ऑफ इंडिया (पाकिस्तान या भारत का विभाजन); ‘बुद्ध एवं उनका धर्म’; अछूत 1948; बुद्ध या कार्ल मार्क्स 1956, इत्यादि।
- अन्य महत्वपूर्ण तथ्य:
- दलितों के मध्य शिक्षा एवं संस्कृति के प्रसार के लिए 1923 में बी. आर. अम्बेडकर द्वारा ‘बहिष्कृत हितकारिणी सभा (आउटकास्ट वेलफेयर एसोसिएशन)‘ की शुरुआत की गई थी।
- डॉ. अम्बेडकर ने भारतीय समाज के अछूतों के हितों का प्रतिनिधित्व करते हुए लंदन में सभी तीन गोलमेज सभाों (1930-32) में भाग लिया था।
- अम्बेडकर 1947 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार में प्रथम विधि मंत्री बने।
- बी. आर. अम्बेडकर को 1952 में राज्य सभा के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया था एवं वे आजीवन (अपनी मृत्यु तक) सदस्य बने रहे।
- डॉ. बी. आर. अम्बेडकर को 1990 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।