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डॉ राम मनोहर लोहिया: यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 1: भारतीय इतिहास-भारतीय इतिहास- आधुनिक भारतीय इतिहास अठारहवीं शताब्दी के मध्य से वर्तमान तक – महत्वपूर्ण घटनाएं, व्यक्तित्व, मुद्दे।
डॉ राम मनोहर लोहिया- प्रसंग
- बिहार सरकार ने जे. पी. विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर राजनीति विज्ञान पाठ्यक्रम से वरिष्ठ समाजवादी नेताओं जयप्रकाश नारायण एवं राम मनोहर लोहिया के अध्यायों को हटाने पर गंभीरता से संज्ञान लिया है।
- अन्य प्रख्यात हस्तियां जिनके नाम पाठ्यक्रम से हटा दिए गए हैं, उनमें दयानंद सरस्वती, राजा राम मोहन राय और बाल गंगाधर तिलक शामिल हैं।
डॉ राम मनोहर लोहिया- प्रमुख बिंदु
- जन्म: डॉ राम मनोहर लोहिया का जन्म 23 मार्च 1910 को उत्तर प्रदेश के अकबरपुर में हुआ था।
- 12 अक्टूबर 1967 को उनका निधन हो गया।
- शैक्षिक पृष्ठभूमि: उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री (1929) एवं बर्लिन विश्वविद्यालय (अर्थशास्त्र एवं राजनीति शास्त्र में) से डॉक्टरेट (1932) की उपाधि प्राप्त की।
- उन्होंने अपनी पीएचडी. गांधी के सामाजिक-आर्थिक सिद्धांत पर ध्यान देने के साथ ‘भारत में नमक कराधान‘ विषय पर शोध पत्र लिखा।
डॉ. राम मनोहर लोहिया- स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन के दौरान योगदान
- डॉ. राम मनोहर लोहिया अपनी समाजवादी विचारधारा तथा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भागीदारी के लिए जाने जाते हैं।
- कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी (सीएसपी) के साथ संबंध: 1934 में, वे कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी (सीएसपी) में सक्रिय रूप से सम्मिलित हो गए।
- कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी 1934 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संगठन के अंदर निर्मित किया गया गया एक वामपंथी समूह था।
- डॉ. राम मनोहर लोहिया ने कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी कार्यकारी समिति में कार्य किया एवं इसकी साप्ताहिक पत्रिका का संपादन किया।
- द्वितीय विश्व युद्ध में ब्रिटिश पक्ष से भारतीय भागीदारी का विरोध किया: उन्हें 1939 एवं 1940 में उनके ब्रिटिश विरोधी रुख के लिए गिरफ्तार किया गया था।
- भारत छोड़ो आंदोलन, 1942 में भागीदारी: उन्होंने तथा जय प्रकाश नारायण जैसे अन्य कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी नेताओं ने अपनी भूमिगत गतिविधियों के माध्यम से गांधी जी के नेतृत्व वाले ‘भारत छोड़ो आंदोलन‘ के लिए समर्थन जुटाया। ऐसी विरोधी गतिविधियों के लिए उन्हें 1944-46 में फिर से जेल में डाल दिया गया।
- उन्होंने 1948 में कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी के अन्य नेताओं के साथ कांग्रेस छोड़ दी।
डॉ. राम मनोहर लोहिया- स्वतंत्रता के बाद के भारत में भूमिका
- प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से संबंध: इसकी स्थापना 1952 में जय प्रकाश नारायण ने की थी। डॉ. राम मनोहर लोहिया इसके गठन के पश्चात पार्टी के सदस्य बने एवं एक संक्षिप्त अवधि के लिए महासचिव के रूप में कार्य किया।
- उन्होंने 1955 में आंतरिक संघर्षों के कारण इसे छोड़ दिया।
- 1955 में ‘न्यू सोशलिस्ट पार्टी‘ की स्थापना की: वे इसके अध्यक्ष बने एवं ‘मैनकाइंड‘ नामक इसकी प्रसिद्ध पत्रिका के संपादक भी बने।
- पार्टी ने विभिन्न सामाजिक-राजनीतिक सुधारों की वकालत की, जिसमें जाति व्यवस्था का उन्मूलन, नागरिक स्वतंत्रता की मजबूत सुरक्षा इत्यादि सम्मिलित हैं।
- डॉ राम मनोहर लोहिया की महत्वपूर्ण साहित्यिक रचनाओं में सम्मिलित हैं
- ‘व्हील ऑफ हिस्ट्री’,
- ‘मार्क्स, गांधी एंड सोशलिज्म’,
- ‘गिल्टी मेन ऑफ इंडियाज पार्टीशन’, इत्यादि।