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प्रारूप भारतीय बंदरगाह विधेयक, 2022- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां- विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां एवं अंतः क्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।
प्रारूप भारतीय बंदरगाह विधेयक, 2022 चर्चा में क्यों है?
- हाल ही में, सरकार ने बंदरगाह क्षेत्र के लिए ब्रिटिश युग के कानून को संशोधित करने की अपनी योजना के हिस्से के रूप में हितधारक परामर्श के लिए प्रारूप भारतीय बंदरगाह विधेयक, 2022 जारी किया है।
- भारतीय बंदरगाह विधेयक (आईपी बिल) 2022 का प्रारूप वर्तमान 1908 भारतीय बंदरगाह अधिनियम को निरस्त करने एवं परिवर्तित करने का प्रयास करता है।
प्रारूप भारतीय बंदरगाह विधेयक, 2022
- प्रारूप भारतीय बंदरगाह विधेयक, 2022 के बारे में: बंदरगाहों पर प्रदूषण की रोकथाम एवं परिरोधन हेतु बंदरगाहों से संबंधित कानूनों को समेकित तथा संशोधित करने के लिए इसे तैयार किया गया है।
- इसका उद्देश्य समुद्री संधियों एवं अंतरराष्ट्रीय उपकरणों के तहत देश के दायित्व का अनुपालन सुनिश्चित करना है, जिसमें भारत एक पक्षकार है।
- प्रमुख उद्देश्य: प्रारूप भारतीय बंदरगाह विधेयक 2022 मौजूदा 1908 के अधिनियम को निरस्त करने तथा प्रतिस्थापित करने का प्रयास करता है। प्रस्तावित विधेयक के प्राथमिक उद्देश्य चार प्रकार के हैं:
- विशुद्ध रूप से परामर्शी एवं अनुशंसात्मक ढांचे के माध्यम से राज्यों का आपस में तथा केंद्र-राज्यों के मध्य एकीकृत योजना को प्रोत्साहित करना; 3
- अंतरराष्ट्रीय संधियों के तहत भारत के दायित्वों को सम्मिलित करते हुए भारत में सभी बंदरगाहों के लिए प्रदूषण उपायों की रोकथाम सुनिश्चित करना;
- तेजी से वृद्धि करते बंदरगाह क्षेत्र के लिए आवश्यक विवाद समाधान ढांचे में कमियों को दूर करना;
- डेटा के उपयोग के माध्यम से विकास एवं अन्य पहलुओं में पारदर्शिता तथा सहयोग प्रारंभ करना।
ड्राफ्ट इंडियन पोर्ट्स बिल, 2022
भारतीय बंदरगाह विधेयक 2022 निम्नलिखित हेतु तैयार किया गया है-
- समुद्री संधियों एवं अंतरराष्ट्रीय दस्तावेजों के तहत देश के दायित्व का अनुपालन सुनिश्चित करना, जिसमें भारत एक पक्षकार है;
- बंदरगाहों के संरक्षण के उपाय करना;
- भारत में गैर-प्रमुख बंदरगाहों के प्रभावी प्रशासन, नियंत्रण एवं प्रबंधन के लिए राज्य समुद्री बोर्डों को सशक्त बनाना तथा स्थापित करना;
- बंदरगाह संबंधी विवादों के निवारण के लिए न्यायनिर्णय तंत्र प्रदान करना एवं बंदरगाह क्षेत्र के संरचित वृद्धि तथा विकास को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय परिषद की स्थापना करना, एवं
- भारत के समुद्र तट का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित करना, जैसा आवश्यक हो, तथा
- उसके अनुषंगी एवं आनुषंगिक या उससे जुड़े मामलों के लिए उपबंध करना।
प्रारूप भारतीय बंदरगाह विधेयक, 2022- प्रमुख विशेषताएं
- प्रस्तावित विधेयक अनावश्यक विलंब, असहमति एवं जिम्मेदारियों को परिभाषित करके व्यापारिक सुगमता को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ समुद्री क्षेत्र के विकास को समरूप एवं सुव्यवस्थित करेगा।
- यह राष्ट्रीय ढांचे में राज्य समुद्री बोर्डों को सम्मिलित करेगा।
- इसके अतिरिक्त, समुद्री राज्य विकास परिषद सहकारी संघवाद सुनिश्चित करेगी जहां केंद्र बम राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकारें देश के लिए प्रगतिशील रोड मैप तैयार करने की दिशा में मिलकर कार्य करेंगी।
- अधिनियम के अनावश्यक प्रावधानों को हटा दिया गया है अथवा समकालीन प्रावधानों से प्रतिस्थापित कर दी गई हैं।