Home   »   भारत का प्रथम ड्यूगोंग केंद्र

भारत का प्रथम ड्यूगोंग केंद्र

प्रासंगिकता

  • जीएस 3: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण एवं अवक्रमण।

प्रसंग

  • हाल ही में, तमिलनाडु सरकार ने घोषणा की कि शीघ्र ही पाक की खाड़ी में 500 वर्ग किलोमीटर का हस्ति मकर (ड्यूगोंग) संरक्षण आरक्षित केंद्र स्थापित किया जाएगा।
  • यह भारत का प्रथम ड्यूगोंग रिजर्व होगा।

मुख्य बिंदु

  • प्रस्तावित संरक्षण क्षेत्र में देश में ड्यूगोंग का उच्चतम संकेंद्रण है।
  • स्थानीय समुदायों को पारंपरिक विधि से मछली पकड़ने की गतिविधियों को जारी रखने की अनुमति प्रदान की गई है। हालांकि, जाल से मछली पकड़ने का कार्य (ट्रॉलिंग) एवं क्लम जाल (गिल नेट) पर प्रतिबंध है।
  • मछली पकड़ने वाले समुदायों के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं एवं उन मछुआरों को प्रशंसा पुरस्कार दिए जाते हैं जो संयोगवश पकड़े गए ड्यूगोंग को मुक्त कर देते हैं।
  • हालांकि, पूर्व में ड्यूगोंग का मांस के लिए अवैध शिकार किया जाता था, अब जागरूकता के साथ, यह पूर्ण रूप से बंद हो गया है।

ड्यूगोंग क्या हैं?

  • ड्यूगोंग्स (डुगोंग डुगोन) एक शाकाहारी स्तनपायी है।
  • उन्हें समुद्री गाय भी कहा जाता है।
  • वे तीन मीटर तक लंबे हो सकते हैं, उनका वजन लगभग 300 किलोग्राम होता है, एवं वे लगभग 65 से 70 वर्ष की आयु तक जीवित रहते हैं, समुद्री घास चरते हैं एवं श्वास लेने हेतु सतह पर आते हैं।
  • वे 30 से अधिक देशों में पाए जाते हैं।
  • भारत में, वे मन्नार की खाड़ी, कच्छ की खाड़ी, पाक खाड़ी तथा अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में देखे जाते हैं।

संरक्षण की आवश्यकता क्यों?

  • विकासात्मक गतिविधियों के कारण समुद्री घास के पर्यावासों की समाप्ति, जल प्रदूषण एवं तटीय पारिस्थितिकी तंत्र के क्षरण ने इन धीमी गति से चलने वाले जानवरों के लिए जीवन कठिन बना दिया है।
  • ड्यूगोंग मछली पकड़ने के जाल में आकस्मिक रूप से फंसने एवं नावों तथा जाल-नौकाओं(ट्रॉलरों) से टकराने के शिकार भी होते हैं।
  • इन कारणों से, ड्यूगोंग को आईयूसीएन की संकटग्रस्त प्रजातियों की लाल सूची में असुरक्षित के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
  • विश्व स्तर पर, जंगली जीवों एवं वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों (सीआईटीईएस) में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर अभिसमय के परिशिष्ट I में ड्यूगोंग सूचीबद्ध हैं।
    • सीआईटीईएस एक संधि है जो प्रजातियों तथा उसके शारीरिक अंगों के व्यापार को प्रतिबंधित करती है।

Sharing is caring!