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ई-श्रम पोर्टल: प्रासंगिकता
- जीएस 3: भारतीय अर्थव्यवस्था एवं आयोजना, संसाधनों का अभिनियोजन, वृद्धि, विकास एवं रोजगार से संबंधित मुद्दे।
अनौपचारिक श्रमिकों के लिए ई-श्रम पोर्टल: संदर्भ
- एक ई-श्रम पोर्टल के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, अनौपचारिक श्रमिकों की आय भारतीय समाज में तीव्र असमानता को प्रदर्शित करती है।
ई-श्रम पोर्टल अद्यतन: प्रमुख बिंदु
- ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत 27.69 करोड़ अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों में से 94 प्रतिशत से अधिक की मासिक आय 10,000 रुपये या उससे कम है।
- जबकि 4.36 प्रतिशत की मासिक आय 10,001 रुपये से 15,000 रुपये के मध्य है।
- नामांकित कार्यबल का 74 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एससी) तथा अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से संबंधित है।
- सामान्य श्रेणी के श्रमिकों का अनुपात 25.56 प्रतिशत है।
- आंकड़ों के आयु-वार विश्लेषण से ज्ञात होता है कि पोर्टल पर पंजीकृत 61 प्रतिशत श्रमिक 18 वर्ष से 40 वर्ष की आयु के हैं, जबकि 22 प्रतिशत 40 वर्ष से 50 वर्ष की आयु के हैं।
- लिंग विश्लेषण से पता चलता है कि पंजीकृत श्रमिकों में 52 प्रतिशत महिलाएं हैं तथा 47 प्रतिशत पुरुष हैं।
- पंजीकरण के मामले में शीर्ष -5 राज्य उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश एवं ओडिशा हैं।
- व्यवसाय के लिहाज से, कृषि क्षेत्र से संबंधित 52 प्रतिशत नामांकन के साथ कृषि शीर्ष पर है, इसके बाद घरेलू एवं पारिवारिक श्रमिकों ने 10 प्रतिशत तथा निर्माण श्रमिकों ने 9 प्रतिशत नामांकन किया है।
ई-श्रम पोर्टल क्या है?
- यह एक राष्ट्रीय पोर्टल है जो देश में असंगठित श्रमिकों (नेशनल डाटाबेस ऑफ अनऑर्गेनाइज्ड वर्कर्स/NDUW) का एक व्यापक राष्ट्रीय डेटाबेस निर्मित करने में सहायता करेगा।
- यह न केवल असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को पंजीकृत करेगा बल्कि केंद्र तथा राज्य सरकारों द्वारा लागू की जा रही विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को वितरित करने में भी सहायक होगा।
ई-श्रम पोर्टल की प्रमुख विशेषताएं
- ई-श्रम पोर्टल के तहत पंजीकरण पूर्ण रूप से निशुल्क है तथा श्रमिकों को कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) या कहीं भी अपने पंजीकरण के लिए कुछ भी भुगतान नहीं करना पड़ता है।
- श्रमिकों को एक विशिष्ट यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) के साथ एक ईएसएचआरएम कार्ड जारी किया जाएगा तथा वे इस कार्ड के माध्यम से विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लाभों को कहीं भी कभी भी प्राप्त करने में सक्षम होंगे।
- पोर्टल के तहत पंजीकरण 26 अगस्त 2021 से प्रारंभ हो गया है।
- डेटाबेस का प्रमाणीकरण आधार (97%) के माध्यम से किया जाएगा।