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घरेलू प्रवासियों के लिए रिमोट वोटिंग पर भारत के निर्वाचन आयोग का क्या प्रस्ताव है?: विगत कुछ महीनों में, भारतीय निर्वाचन आयोग के एक दल ने सभी सामाजिक-आर्थिक स्तरों पर प्रवासियों की चुनावी भागीदारी को सुविधाजनक बनाने के लिए समावेशी समाधान खोजने हेतु विचार-विमर्श किया है एवं दो-तरफ़ा वोटिंग के वैकल्पिक तरीकों की खोज की है। भौतिक पारगमन डाक मतपत्र, प्रॉक्सी वोटिंग, विशेष प्रारंभिक मतदान केंद्रों पर शुरुआती मतदान, डाक मतपत्रों का एक तरफा या दो तरफा इलेक्ट्रॉनिक प्रसारण (इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन ऑफ पोस्टल बैलट/ईटीपीबीएस), इंटरनेट आधारित मतदान प्रणाली इत्यादि।
क्या प्रसंग है?
- भारतीय निर्वाचन आयोग का कहना है कि उसने एक प्रोटोटाइप, मल्टी-कांस्टीट्यूएंसी रिमोट वोटिंग मशीन (RVM) विकसित किया है एवं इसे प्रदर्शित करने के लिए 16 जनवरी को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
- घरेलू प्रवासियों को परिभाषित करने, आदर्श आचार संहिता के कार्यान्वयन, मतदान की गोपनीयता सुनिश्चित करने, मतदाताओं की पहचान के लिए मतदान एजेंटों की सुविधा, दूरस्थ मतदान की प्रक्रिया एवं पद्धति तथा अन्य मामलों सहित वोटों की गिनती की चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए राजनीतिक दलों के मध्य एक अवधारणा नोट भी प्रसारित किया गया है।
भारतीय निर्वाचन आयोग घरेलू प्रवासियों के लिए रिमोट वोटिंग का प्रस्ताव क्यों देता है?
- आम चुनाव 2019 में मतदाता उपस्थिति 67.4% थी तथा भारत का चुनाव आयोग 30 करोड़ से अधिक मतदाताओं के अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं करने एवं विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में अलग-अलग मतदाताओं की उपस्थिति के मुद्दे के बारे में चिंतित है।
- एक मतदाता के नए निवास स्थान में पंजीकरण न कराने के कई कारण हैं, इस प्रकार वह मतदान के अधिकार का प्रयोग करने से चूक जाता है।
- आंतरिक प्रवासन (घरेलू प्रवासियों) के कारण मतदान करने में असमर्थता मतदाता उपस्थिति में सुधार लाने एवं सहभागी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख कारणों में से एक है।
हमारे देश में घरेलू प्रवासन का मुद्दा कितना बड़ा है?
- हालांकि देश के भीतर प्रवासन के लिए कोई केंद्रीय डेटाबेस उपलब्ध नहीं है, सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध आंकड़ों का विश्लेषण कार्य, विवाह एवं शिक्षा से संबंधित प्रवासन को घरेलू प्रवास के महत्वपूर्ण घटकों के रूप में इंगित करता है।
- समग्र घरेलू प्रवास में ग्रामीण आबादी के मध्य उत्प्रवास (आउट-माइग्रेशन) प्रमुख है। आंतरिक प्रवासन का लगभग 85% राज्यों के भीतर है।
दूरस्थ मतदान केंद्रों पर मतदान को सक्षम करने के लिए एम3 ईवीएम
- एक तकनीकी समाधान खोजने के उद्देश्य से, जो सभी हितधारकों के लिए विश्वसनीय, सुलभ एवं स्वीकार्य हो, मुख्य चुनाव आयुक्त श्री राजीव कुमार की अध्यक्षता वाले भारतीय निर्वाचन आयोग ने चुनाव आयुक्तों श्री अनूप चंद्र पांडे एवं श्री अरुण गोयल के साथ अब घरेलू प्रवासियों के लिए दूरस्थ मतदान केंद्रों अर्थात गृह निर्वाचन क्षेत्र के बाहर के मतदान केंद्रों पर मतदान को सक्षम बनाने के लिए एम3 ईवीएम के समय-परीक्षणित मॉडल के संशोधित संस्करण का उपयोग करने का विकल्प तलाशा है।
- इस प्रकार प्रवासी मतदाता को मतदान के अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए अपने गृह जिले में वापस जाने की आवश्यकता नहीं होगी।
चुनौतियां क्या हैं?
घरेलू प्रवासियों के लिए दूरस्थ मतदान से संबंधित भारतीय निर्वाचन आयोग के प्रस्ताव का कार्यान्वयन सरल नहीं होगा एवं इसमें कुछ स्पष्ट चुनौतियां हैं जैसे: घरेलू प्रवासियों को परिभाषित करना, आदर्श आचार संहिता का कार्यान्वयन, मतदान की गोपनीयता सुनिश्चित करना, मतदाताओं की पहचान के लिए मतदान एजेंटों की सुविधा, प्रक्रिया एवं रिमोट वोटिंग की विधि तथा अन्य मुद्दों सहित वोटों की गिनती।
नीचे 3 सूचियां दी गई हैं जो घरेलू प्रवासियों के लिए दूरस्थ मतदान पर भारत के निर्वाचन आयोग के प्रस्ताव को क्रियान्वित करने में प्रशासनिक, विधिक तथा तकनीकी चुनौतियों को दर्शाती हैं:
बहु निर्वाचन क्षेत्र रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (RVM) क्या है?
- मल्टी कांस्टीट्यूएंसी रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (आरवीएम) इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का एक संशोधित रूप है जो एक सुदूर पोलिंग बूथ से 72 विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों को प्रबंधित कर सकता है।
- पहल, यदि क्रियान्वित की जाती है, तो प्रवासियों के लिए एक सामाजिक परिवर्तन हो सकता है एवं अपनी जड़ों से जुड़ सकते हैं क्योंकि कई बार वे अपने काम के स्थान पर स्वयं को नामांकित करने हेतु अनिच्छुक होते हैं जैसे कि बार-बार बदलते आवास, प्रवास के क्षेत्र के मुद्दों के साथ पर्याप्त सामाजिक एवं भावनात्मक जुड़ाव नहीं होने, उनके घर / मूल निर्वाचन क्षेत्रों की मतदाता सूची में अपना नाम हटाने की अनिच्छा का होना क्योंकि उनके पास स्थायी निवास / संपत्ति इत्यादि हैं।
- एक प्रसिद्ध सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के सहयोग से आयोग अब, उनके घरेलू निर्वाचन क्षेत्रों के लिए मतदान के लिए उनके दूरस्थ स्थानों, अर्थात शिक्षा/रोजगार के प्रयोजनों के लिए उनके वर्तमान निवास स्थान इत्यादि से घरेलू प्रवासियों की भागीदारी की सुविधा के लिए एक बहु निर्वाचन क्षेत्र रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (आरवीएम) प्रायोगिक तौर पर संचालित करने हेतु तैयार है।
आगे क्या?
- भारत के निर्वाचन आयोग ने बहु-निर्वाचन प्रोटोटाइप रिमोट ईवीएम के कामकाज को प्रदर्शित करने के लिए 16.1.2023 को सभी मान्यता प्राप्त 08 राष्ट्रीय एवं 57 राज्य राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया है।
- तकनीकी विशेषज्ञ समिति के सदस्य भी उपस्थित रहेंगे।
- आयोग ने 31.01.2023 तक मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से घरेलू प्रवासियों के लिए विधान में आवश्यक परिवर्तन, प्रशासनिक प्रक्रियाओं में परिवर्तन तथा मतदान पद्धति/आरवीएम/प्रौद्योगिकी, यदि कोई हो, सहित विभिन्न संबंधित मुद्दों पर लिखित विचार भी मांगे हैं।
- विभिन्न हितधारकों से प्राप्त प्रतिपुष्टि (फीडबैक) एवं प्रोटोटाइप के प्रदर्शन के आधार पर आयोग दूरस्थ मतदान विधियों को क्रियान्वित करने की प्रक्रिया को उचित रूप से आगे बढ़ाएगा।