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प्रासंगिकता
- जीएस 3: समावेशी विकास एवं इससे उत्पन्न होने वाले मुद्दे।
प्रसंग
- हाल ही में, वित्त मंत्रालय ने आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) की समय सीमा 03.2022 तक अथवा योजना के अंतर्गत 4.5 लाख करोड़ रुपये की प्रत्याभूति (गारंटी) जारी होने तक, जो भी पहले हो, तक बढ़ाने का निर्णय लिया है।
योजना में किए गए संशोधन
- ईसीएलजीएस 0 एवं 2.0 के अंतर्गत वर्तमान ऋण ग्राही कुल बकाया ऋण के 10% तक की अतिरिक्त ऋण सहायता के पात्र होंगे।
- जिन व्यवसायों ने ईसीएलजीएस (ईसीएलजीएस 0 या 2.0) के अंतर्गत सहायता प्राप्त नहीं की है, वे अपने बकाए ऋण के 30% तक की ऋण सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
- ईसीएलजीएस 0 के अंतर्गत निर्दिष्ट क्षेत्रों के व्यवसाय, जिन्होंने पहले ईसीएलजीएस का लाभ नहीं उठाया है, वे अपने बकाया ऋण के 40% तक, प्रति ऋण ग्राही अधिकतम 200 करोड़ रुपये तक की ऋण सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
- वर्तमान ईसीएलजीएस ऋण ग्राहियों द्वारा इन सीमाओं के भीतर वार्धिक साख (इंक्रीमेंटल क्रेडिट) का लाभ उठाया जा सकता है, जिनकी पात्रता 02.2020 से विभेदक (कट-ऑफ) तिथि में 31.03.2021 में परिवर्तन के कारण बढ़ी है।
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ईसीएलजीएस: वर्तमान परिदृश्य
- इस योजना ने 15 करोड़ से अधिक सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) एवं व्यवसायों को राहत प्रदान की है।
- योजना के तहत स्वीकृत ऋण 86 लाख करोड़ रुपये को पार कर गए हैं एवं जारी की गई कुल प्रत्याभूतियों में से लगभग 95% प्रत्याभूति सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को स्वीकृत ऋणों हेतु हैं।
ईसीएलजीएस के बारे में
- सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये के कोविड-19 राहत पैकेज के एक हिस्से के रूप में ईसीएलजीएस का प्रारंभ किया, जिसे आत्मनिर्भर भारत अभियान कहा जाता है।
- इसका उद्देश्य कोविड-प्रेरित लॉकडाउन के कारण उत्पन्न संकट को कम करने हेतु एमएसएमई को 3 लाख करोड़ रुपये के संपार्श्विक-मुक्त, 100% सरकारी-प्रत्याभूत ऋण प्रदान करना है।
- योजना के अंतर्गत लाभार्थियों का विस्तार करने हेतु योजना के तीन संस्करण, अर्थात ईसीएलजीएस 0, ईसीएलजीएस 2.0 एवं ईसीएलजीएस 3.0 प्रारंभ किए गए हैं।
मापदंड | ईसीएलजीएस 1.0 | ईसीएलजीएस 2.0 | ईसीएलजीएस 3.0 |
लाभार्थी | एमएसएमई ने कोविड-19 प्रेरित लॉकडाउन के कारण जोर दिया। | कामथ समिति द्वारा 26 तनावग्रस्त क्षेत्रों का अभिनिर्धारण किया गया। | आतिथ्य, यात्रा और पर्यटन, अवकाश एवं खेल क्षेत्रों में व्यावसायिक उद्यम। |
ऋण सीमा | उनके कुल बकाया ऋण का 20 प्रतिशत तक। | उनके कुल बकाया ऋण का 20 प्रतिशत तक। | कुल बकाया ऋण का 40 प्रतिशत तक। |
अधिस्थगन एवं पुनर्भुगतान | 1 वर्ष की अधिस्थगन अवधि एवं 4 वर्ष की पुनर्भुगतान अवधि। | 1 वर्ष की अधिस्थगन अवधि और 4 वर्ष की पुनर्भुगतान अवधि। | ऋण की अवधि छह वर्ष है, जिसमें दो वर्ष की अधिस्थगन अवधि भी शामिल है। |
बकाया ऋण की अधिकतम सीमा | <25 करोड़ रुपए | <50 करोड़ रुपए | <500 करोड़ |
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