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एंडोसल्फान संकट- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- सामान्य अध्ययन III- संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण एवं क्षरण, पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन।
एंडोसल्फान संकट चर्चा में क्यों है?
- सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को केरल में कासरगोड जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को एंडोसल्फान पीड़ितों को प्रदान की जाने वाली चिकित्सा एवं उपशामक देखभाल सुविधाओं का निरीक्षण करने का निर्देश दिया।
एंडोसल्फान क्या है?
- एंडोसल्फान एक ऑर्गनोक्लोरिन कीटनाशी है जिसे पहली बार 20 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध में आरंभ किया गया था एवं इसे आमतौर पर थियोडन के नाम से जाना जाता है।
- यह आमतौर पर कपास, काजू, फल, चाय, धान, तंबाकू इत्यादि जैसी फसलों पर सफेद मक्खियों, एफिड्स, बीटल, कीड़े इत्यादि जैसे कीटों के नियंत्रण के लिए छिड़काव किया जाता है।
एंडोसल्फान के प्रभाव
- पर्यावरण में एंडोसल्फान खाद्य श्रृंखलाओं में जमा हो जाता है जिससे समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
- जल में एंडोसल्फान अवसाद को अवशोषित कर लेता है एवं जलीय जीवों में जैवसंकेंद्रित हो सकता है।
- एंडोसल्फान अंतर्ग्रहण के परिणामस्वरूप शारीरिक विकृति, कैंसर, जन्म संबंधी विकार एवं मस्तिष्क तथा तंत्रिका तंत्र को हानि होती है।
एंडोसल्फान पर प्रतिबंध
- भारत में सर्वोच्च न्यायालय ने 2015 में इसके हानिकारक स्वास्थ्य प्रभावों का हवाला देते हुए संपूर्ण देश में एंडोसल्फान के निर्माण, विक्रय, उपयोग एवं निर्यात पर प्रतिबंध आरोपित कर दिया है।
- एंडोसल्फान को पूर्व सूचित सहमति पर रॉटरडैम अभिसमय एवं स्थायी ऑर्गेनिक प्रदूषकों पर स्टॉकहोम अभिसमय दोनों के तहत सूचीबद्ध किया गया है।
रॉटरडैम अभिसमय 1998
- अभिसमय का उद्देश्य हानिकारक रसायनों एवं कीटनाशकों में व्यापार से निपटने वाले विभिन्न देशों के मध्य सहयोग एवं उत्तरदायित्व साझा करने के उपायों को प्रोत्साहित करना है।
- पीआईसी, पूर्व सूचित सहमति अभिसमय की प्रमुख विशेषता है एवं पक्षकार सदस्यों के लिए विधिक रूप से बाध्यकारी है।
- पूर्व सूचित सहमति पक्षकार सदस्यों के मध्य प्रकृति एवं व्यापार से संबंधित सूचनाओं के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करता है।
- अभिसमय पूर्व सूचित सहमति (पीआईसी) प्रक्रिया के कार्यान्वयन हेतु दायित्व निर्मित करता है।
स्टॉकहोम अभिसमय 2001
- अभिसमय का उद्देश्य स्थायी कार्बनिक प्रदूषकों (परसिस्टेंट ऑर्गेनिक पोल्यूटेंट्स/पीओपी) के संकेंद्रण को कम करना है जो रासायनिक पदार्थ हैं जो न केवल लंबे समय तक वातावरण में रहते हैं बल्कि जैव संचय करने की क्षमता भी रखते हैं।
- अभिसमय ने 12 पीओपी को ‘डर्टी दर्जन’ (डर्टी डोजेन) के रूप में सूचीबद्ध किया।