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भारत का प्रथम यूरो ग्रीन बॉन्ड

प्रासंगिकता

  • जीएस 3: निवेश प्रतिरूप।

 

प्रसंग

  • हाल ही में, पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएफसी), ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी एनबीएफसी, ने सफलतापूर्वक अपना प्रथम यूरो 300 मिलियन 7-वर्षीय यूरो ऋण पत्र (बॉन्ड) जारी किया है।

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मुख्य बिंदु

  • यह भारत की ओर से प्रचालित (जारी होने वाला) अब तक का प्रथम यूरो मूल्यवर्ग का हरित ऋण पत्र (ग्रीन बॉन्ड) है। इसके अतिरिक्त, यह किसी भारतीय एनबीएफसी द्वारा  जारी किया जाने वाला प्रथम ऋण पत्र  एवं 2017 के बाद से भारत  द्वारा जारी प्रथम ऋण पत्र है।
  • इसके प्रचालन ने संपूर्ण एशिया एवं यूरोप के संस्थागत निवेशकों द्वारा 82 खातों की भागीदारी के साथ एक सशक्त भागीदारी देखी और इसे 65 गुना अति स्वीकृत (ओवर सब्सक्राइब) किया गया।

ग्लोबल बॉन्ड इंडेक्स इंडिया

महत्व

  • यह अक्षय ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु भारत की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।
  • इसके अतिरिक्त, इस बॉन्ड को जारी करने से पीएफसी को अपनी मुद्रा बही के साथ-साथ निवेशक आधार में विविधता लाने में  सहायता प्राप्त होगी।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना

हरित ऋण पत्र (ग्रीन बॉन्ड) क्या है?

  • हरित बॉन्ड एक प्रकार का निश्चित आय वाला उपकरण है जिसे विशेष रूप से जलवायु एवं पर्यावरण परियोजनाओं के निमित्त धन एकत्रित करने हेतु निर्धारित किया गया है।
  • ये बॉन्ड सामान्य तौर पर परिसंपत्ति सहलग्न होते हैं एवं जारीकर्ता इकाई के तुलन पत्र (बैलेंस शीट) द्वारा समर्थित होते हैं, इसलिए वे आम तौर पर अपने जारीकर्ता के अन्य ऋण दायित्वों के समान क्रेडिट रेटिंग वहन करते हैं।
  • 21 वीं सदी के प्रथम दशक में, हरित ऋण पत्रों को यदा-कदा जलवायु ऋण पत्रों के रूप में संदर्भित किया जाता है, किंतु दोनों शब्द रूप सदैव समानार्थी नहीं होते हैं।

 

यूरो ग्रीन बॉन्ड क्या हैं?

  • चूंकि ये हरित ऋण पत्र यूरोपीय संघ आयोग द्वारा विनियमित होते हैं, इसलिए इन्हें यूरो ग्रीन बॉन्ड कहा जाता है।

चुनावी ऋण-पत्र

हरित ऋण पत्र बनाम जलवायु ऋण पत्र

  • हरित ऋण पत्र ‘चिह्नित’ शब्द जारीकर्ता द्वारा ‘हरित’ के रूप में विपणन किए गए बॉन्डों को संदर्भित करता है, जहां लाभ जलवायु / हरित परिसंपत्तियों या परियोजनाओं के निमित्त होती है।
  • ‘जलवायु- विषय वस्तु वाले बॉन्ड’ को व्यापक श्रेणी के बॉन्डों द्वारा प्रदर्शित किया जाता है जिनके लाभ जलवायु परियोजनाओं के निमित्तहोते हैं किंतु उन्हें (अभी तक) हरित के रूप में चिन्हित नहीं किया गया है। यह ‘लेबल वाले हरित बॉन्ड बाजार’ की तुलना में अत्यंत व्यापक है।

 

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