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पोषाहार विफलता- यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां- केंद्र तथा राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं एवं इन योजनाओं का प्रदर्शन।
प्रधानमंत्री पोषाहार योजना- संदर्भ
- हाल ही में, आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 2025-26 तक पीएम पोषाहार योजना के विस्तार को स्वीकृति प्रदान की है।
- यह विस्तार एक महत्वपूर्ण समय पर आया है जब वास्तविक आय में गिरावट आई है एवं कोविड-19 महामारी के आर्थिक प्रभाव ने परिवारों की उचित – पोषण सुनिश्चित करने की क्षमता को दुष्प्रभावित किया है।
बच्चों में कुपोषण की स्थिति- एनएफएचएस-5 के निष्कर्ष
- राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण -5 ने दिसंबर 2020 में 22 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों हेतु अपने प्रथम चरण की रिपोर्ट जारी की।
- प्रमुख निष्कर्ष-
- 13 राज्यों में बाल्यावस्था वृद्धिरोध (स्टंटिंग) में वृद्धि हुई है,
- बच्चों एवं महिलाओं में रक्ताल्पता का उच्च प्रसार था, एवं
- 12 राज्यों में कृशता (वेस्टिंग) एक गंभीर चिंता का विषय था।
- विगत सर्वेक्षण अवधि में गिरावट कुपोषण के बिगड़ते संकट को प्रकट करती है, जिससे लाखों बच्चों को पूर्ण रूप से उत्पादक वयस्क जीवन से वंचित होने का खतरा है।
प्रधानमंत्री पोषाहार योजना- प्रमुख विशेषताएं
- 8 करोड़ बच्चों को आच्छादित करने वाले सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयोंमें केंद्र समर्थित गर्म भोजन कार्यक्रमों को उच्च रक्ताल्पता वाले चिन्हित आकांक्षी जिलों तथा क्षेत्रों में पोषक तत्वों के साथ पूरक किया जाएगा।
- इस योजना को प्राथमिक कक्षा-पूर्व (प्री-प्राइमरी) बच्चों तक विस्तारित करने का प्रस्ताव है।
- पीएम पोषाहार योजना निम्नलिखित हेतु प्रावधान करती है-
- सामाजिक अंकेक्षण (सोशल ऑडिट),
- ताजा उपज के स्रोत के लिए विद्यालय पोषाहार उद्यानों का निर्माण,
- प्रदाताओं के रूप में कृषक-उत्पादक संगठनों की भागीदारी, एवं
- स्थानीय खाद्य परंपराओं पर बल देता है।
प्रच्छन्न भूख का मुकाबला: चावल का प्रबलीकरण
पीएम पोषाहार योजना- आगे की राह
- सरकार को बजटीय परिव्यय में वृद्धि करनी चाहिए एवं योजना के परिणाम के मूल्यांकन हेतु मापने योग्य मानक प्रदान करना चाहिए।
- जबकि कुछ बाल विकास मापन विज्ञान (मेट्रिक्स) जैसे वृद्धिरोध (स्टंटिंग) को मापने के लिए एक लंबे गवाक्ष (लॉन्गर विंडो) की आवश्यकता होती है, एनीमिया एवं कम वजन जैसी समस्याएं तेजी से सुधार हेतु स्वयं को योगदान देती हैं।
- सरकार को यह सिद्ध करना चाहिए कि सक्षम आंगनवाड़ी-मिशन पोषण 0 अपने पूर्ववर्ती घटक भागों की तुलना में वित्तीय रूप से अधिक सत्ता है।
- सक्षम आंगनवाड़ी-मिशन पोषण 0- यह पोषण अभियान एवं आंगनवाड़ी, शिशुगृहों (क्रेच) एवं किशोर बालिकाओं को सम्मिलित करने वाली योजनाओं को समामेलित करता है।
- पोषाहार योजना: नवीकृत पोषाहार योजना में आहार की और अधिक विविधता को सम्मिलित किया जाना चाहिए जो सूक्ष्म पोषक तत्वों एवं प्रोटीन की कमी की भरपाई करता है।
निष्कर्ष
- विद्यालय में, समुदाय में, तथा शिशु देखभाल केंद्रों में पोषण का सशक्त पूरक महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से जब खाद्य मुद्रास्फीति एवं महामारी प्रेरित आय में गिरावट ने आवश्यक उपभोग को कम कर दिया है।