Table of Contents
एफएसआईबी यूपीएससी: प्रासंगिकता
- जीएस 2: विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकारी नीतियां एवं अंतः क्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।
एफएसआईबी इंडिया: प्रसंग
- हाल ही में, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट की नियुक्ति समिति (अप्वाइंटमेंट कमेटी ऑफ द कैबिनेट/एसीसी) ने बैंक बोर्ड ब्यूरो के प्रतिस्थापन निकाय के रूप में वित्तीय सेवा संस्थान ब्यूरो (फाइनेंशियल सर्विसेज इंस्टीट्यूशंस ब्यूरो/एफएसआईबी) की स्थापना करने का निर्णय लिया है।
वित्तीय सेवा संस्थान ब्यूरो: प्रमुख बिंदु
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पब्लिक सेक्टर बैंक/पीएसबी), सार्वजनिक क्षेत्र के बीमाकर्ताओं ( पब्लिक सेक्टर इन्श्योरर/पीएसआई) तथा वित्तीय संस्थानों (फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस/एफआई) में निदेशकों की नियुक्ति के लिए सिफारिशें करने हेतु एफएसआईबी की स्थापना एकल इकाई के रूप में की गई है।
- FSIB के अध्यक्ष दो वर्ष के कार्यकाल के लिए बैंक्स बोर्ड ब्यूरो के पूर्व अध्यक्ष भानु प्रताप शर्मा होंगे।
- नई इकाई गैर-जीवन पीएसआई में महाप्रबंधकों तथा निदेशकों के चयन के लिए भी सिफारिशें करेगी।
- एसीसी से अनुमोदन प्राप्त करने के पश्चात, वित्त मंत्रालय में वित्तीय सेवा विभाग (डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज/डीएफएस) को 1980 की राष्ट्रीयकृत बैंकों (प्रबंधन तथा विविध प्रावधान) योजना में कुछ प्रावधानों को संशोधित करने की संभावना है।
- FSIB अपने मामलों में स्वायत्तता के साथ एक पेशेवर निकाय होगा तथा इसका अपना सचिवालय होगा।
वित्तीय सेवा संस्थान ब्यूरो: उत्तरदायित्व
- एफएसआईबी राज्य द्वारा संचालित वित्तीय सेवा संस्थानों के पूर्णकालिक निदेशकों एवं गैर-कार्यकारी अध्यक्षों के लिए एक उपयुक्त निष्पादन मूल्यांकन प्रणाली पर सरकार को परामर्श देगा।
- निकाय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB), वित्तीय संस्थानों एवं बीमा कंपनियों के प्रदर्शन से संबंधित एक डेटा बैंक का निर्माण करेगा।
- यह इन संस्थानों में “पूर्णकालिक निदेशकों के लिए आचार संहिता तथा नैतिकता के निर्माण एवं प्रवर्तन” पर सरकार को परामर्श देगा।
- एफएसआईबी इन सरकारी बैंकों, वित्तीय संस्थानों तथा बीमा कंपनियों को व्यावसायिक रणनीतियां विकसित करने एवं पूंजी जुटाने की योजना इत्यादि में भी सहायता करेगा।
एफएसआईबी के सदस्य
- FSIB में सम्मिलित होंगे
- केंद्र सरकार द्वारा नामित एक अध्यक्ष;
- वित्तीय सेवाओं एवं सार्वजनिक उद्यमों के विभागों के सचिव;
- भारतीय बीमा नियामक तथा विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष; तथा
- भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के एक डिप्टी गवर्नर।
- उनके अतिरिक्त, तीन सदस्य बैंकों एवं अन्य वित्तीय संस्थानों के ज्ञान के साथ, तथा तीन अन्य बीमा क्षेत्र के ज्ञान के साथ होंगे।
- भविष्य में, FSIB के अध्यक्ष तथा बैंकिंग एवं वित्तीय संस्थानों से संबंधित मामलों का प्रबंधन करने वाले तीन सदस्यों का चयन एक खोज समिति द्वारा किया जाएगा जिसमें आरबीआई के गवर्नर एवं वित्तीय सेवाओं तथा कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभागों के सचिव शामिल होंगे।
बीबीबी के लिए आगे क्या है?
- एफएसआईबी की स्थापना का तात्पर्य बैंक बोर्ड ब्यूरो (बीबीबी) का अंत होगा, जिसका गठन 2016 में एक स्वायत्त निकाय के रूप में किया गया था।
- निकाय को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय संस्थानों एवं सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों के बोर्ड के लिए व्यक्तियों की खोज तथा चयन करने एवं इन संस्थानों में कॉर्पोरेट प्रशासन में सुधार के उपायों की सिफारिश करने हेतु अधिदेशित किया गया था।