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एनएसए की भारत-मध्य एशिया पहली बैठक: क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए महत्व?

एनएसए की पहली भारत-मध्य एशिया बैठक की यूपीएससी के लिए प्रासंगिकता

एनएसए की पहली भारत-मध्य एशिया बैठक: एनएसए की पहली भारत-मध्य एशिया बैठक यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा एवं मुख्य परीक्षा दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। इसमें जीएस पेपर 2 के निम्नलिखित खंड सम्मिलित है: अंतर्राष्ट्रीय संबंध- द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह तथा भारत से जुड़े एवं/या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समझौते।

 

एनएसए की पहली भारत-मध्य एशिया बैठकचर्चा में क्यों है?

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों/सुरक्षा परिषदों के सचिवों की पहली भारत-मध्य एशिया बैठक 6 दिसंबर, 2022 को नई दिल्ली में आयोजित की गई थी।

 

एनएसए की पहली भारत-मध्य एशिया बैठककी पृष्ठभूमि?

एनएसए की पहली भारत-मध्य एशिया बैठक क्षेत्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए सुरक्षा परिषद के सचिवों की नियमित बैठक आयोजित करने से संबंधित प्रथम भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन के दौरान हुए समझौते का परिणाम है।

 

एनएसए की पहली भारत-मध्य एशिया बैठक का महत्व

भारत-मध्य एशिया राजनयिक संबंधों की 30वीं वर्षगांठ

  • यह बैठक ऐसे समय में आयोजित हो रही है जब भारत एवं  मध्य एशियाई देश अपने राजनयिक संबंधों की स्थापना की 30वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।
  • राजनीतिक, व्यापार, अर्थव्यवस्था, सुरक्षा एवं रक्षा क्षेत्रों सहित भारत तथा मध्य एशियाई देशों के मध्य आपसी विश्वास, समझ तथा मित्रता के आधार पर बहुमुखी एवं पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंधों में  रूपांतरित हो गया है।

प्रतिभागी कौन थे?

बैठक में भारत गणराज्य, कजाकिस्तान गणराज्य, किर्गिज गणराज्य, ताजिकिस्तान गणराज्य एवं उज़्बेकिस्तान गणराज्य की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषदों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों/सचिवों ने भाग लिया।

What is India-Australia FTA?_70.1

 

 

एनएसए की पहली भारत-मध्य एशिया बैठक के दौरान किन मुद्दों पर चर्चा की गई?

एनएसए की पहली भारत-मध्य एशिया बैठक के दौरान, सुरक्षा परिषदों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों/सचिवों ने निम्नलिखित मुद्दों पर चर्चा की:

  • अफगानिस्तान में वर्तमान स्थिति एवं क्षेत्र की सुरक्षा एवं स्थिरता पर इसका प्रभाव।
  • इस बात पर बंद देकर कहा कि अफगानिस्तान के क्षेत्र का उपयोग किसी भी आतंकवादी कृत्यों को प्रश्रय देने, प्रशिक्षण देने, योजना बनाने या वित्तपोषण करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए एवं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल/यूएनएससी) संकल्प 2593 (2021) के महत्व की  पुनः पुष्टि की, कि यूएनएससी संकल्प 1267 द्वारा नामित आतंकवादी संगठनों सहित किसी भी आतंकवादी संगठन को प्रश्रय प्रदान नहीं किया जाना चाहिए या अफगानिस्तान के क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
  • मौजूदा बिगड़ती मानवीय स्थिति एवं अफगानिस्तान के लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए संयुक्त रूप से कार्य करने की आवश्यकता पर ध्यान दिया।
  • आतंकवाद के सभी रूपों एवं आविर्भाव की कड़े शब्दों में निंदा की तथा इस खतरे से लड़ने के लिए सामूहिक रूप से कार्य करने की आवश्यकता को रेखांकित किया।
  • सहमति व्यक्त की कि आतंकवादी प्रचार, भर्ती एवं धन उगाहने के प्रयासों के क्षेत्र के लिए गंभीर सुरक्षा निहितार्थ हैं एवं इसलिए, एक सामूहिक तथा समन्वित प्रतिक्रिया आवश्यक है।
  • नई एवं उभरती प्रौद्योगिकियों का दुरुपयोग, हथियारों तथा मादक द्रव्यों की तस्करी, सीमा पार आतंकवाद के लिए आतंकवादी प्रॉक्सी का उपयोग, दुष्प्रचार फैलाने के लिए साइबर स्पेस का दुरुपयोग एवं मानव रहित हवाई प्रणालियां आतंकवाद विरोधी प्रयासों में नई चुनौतियां पेश करती हैं एवं सामूहिक कार्रवाई की मांग करती हैं।
  • अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र व्यापक अभिसमय को शीघ्रता से अपनाने हेतु दृढ़ता से आह्वान किया।
  • दोहराया कि व्यापार एवं वाणिज्य को बढ़ाने के साथ-साथ भारत एवं मध्य एशियाई देशों के मध्य घनिष्ठ संपर्क के लिए व्यापक संपर्क एक बल गुणक हो सकता है।
  • चाबहार पोर्ट ने अफगानिस्तान में मानवीय संकट के दौरान निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका एवं व्यापार  तथा  संपर्क को बढ़ाने के साथ-साथ मध्य एशियाई देशों के रसद आधारिक संरचना में इसकी अपार क्षमता पर  बल दिया।

व्यापार पर चर्चा:

  • राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर/एनएसए) की भारत-मध्य एशिया बैठक में शहीद बहिश्ती टर्मिनल, चाबहार पोर्ट के माध्यम से भारत एवं मध्य एशियाई देशों के मध्य व्यापार में वृद्धि पर भी ध्यान दिया गया एवं इस परिवहन गलियारे के और विकास पर चर्चा की गई।
  • प्रतिभागियों ने अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा (इंटरनेशनल नॉर्थ साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर/INSTC) के ढांचे के भीतर चाबहार बंदरगाह को शामिल करने के भारत के प्रस्ताव का समर्थन किया।
  • अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा (INSTC) के भारत एवं मध्य एशियाई सदस्य देशों के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय परिवहन एवं पारगमन गलियारा (ट्रांजिट कॉरिडोर) पर अश्गाबात समझौते ने अन्य मध्य एशियाई देशों से इन पहलों में सम्मिलित होने पर विचार करने का आह्वान किया।

 

सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन एवं व्यापार के क्षेत्र में भारत-मध्य एशियाई देशों की हालिया पहल

  • आतंकवादी उद्देश्यों के लिए नवीन एवं उदीयमान प्रौद्योगिकियों के उपयोग का मुकाबला करनेपर संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद-रोधी समिति की विशेष बैठक की मेजबानी करने के लिए भारत की पहल, जो 28 से 29 अक्टूबर तक मुंबई एवं नई दिल्ली में आयोजित हुई, जिसके परिणामस्वरूप दिल्ली घोषणा को अपनाया गया।
  • नवंबर 2022 में नई दिल्ली मेंनो मनी फॉर टेररसम्मेलन (आतंकवाद-विरोधी वित्तपोषण) का तीसरा संस्करण, जिसमें आतंक के वित्तपोषण में उभरते रुझानों एवं नई उभरती वित्तीय तकनीकों के दुरुपयोग पर चर्चा की गई।
  • अक्टूबर 2022 में ताजिकिस्तान में आयोजित आतंकवाद रोधी सम्मेलन (काउंटर टेररिज्म कॉन्फ्रेंस) के परिणामस्वरूपआतंकवाद रोधी कार्रवाई पर सीमा सुरक्षा एवं प्रबंधन सहयोग पर दुशांबे घोषणा तथा आतंकवादियों की गतिविधियों को रोकने के महत्व को अपनाया गया।
  • संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में रोग नियंत्रण एवं जैव सुरक्षा के लिए क्षेत्रीय केंद्रों का एक नेटवर्क निर्मित करने के लिए कजाकिस्तान की पहल एवं एक विशेष बहुपक्षीय एजेंसी – इंटरनेशनल एजेंसी फॉर बायोलॉजिकल सेफ्टी (IABS)।
  • जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में किर्गिज गणराज्य की पहल, जिसमें संयुक्त राष्ट्र महासभा के संकल्प को लागू करना शामिल है, जिसमें 2022 को सतत पर्वतीय विकास के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष के रूप में घोषित किया गया है।
  • मध्य एशियाई देशों एवं भारत के मध्य संपर्क के विस्तार में तापी गैस पाइपलाइन परियोजना के कार्यान्वयन के महत्व को तुर्कमेनिस्तान ने बताया।
  • उज़्बेकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान को मानवीय सहायता के वितरण के लिए टर्मेज़ में बहुआयामी परिवहन एवं रसद केंद्र की गतिविधियों का महत्व के संबंध में बताया गया।

 

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