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फिशरीज स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 3: भारतीय कृषि– पशु-पालन का अर्थशास्त्र।
फिशरीज स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज- संदर्भ
- “फिशरीज स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज” का उद्घाटन हाल ही में मत्स्य पालन विभाग, भारत सरकार ने स्टार्टअप इंडिया, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के सहयोग से किया था।
पशुपालन स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज 2.0
फिशरीज स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज- प्रमुख बिंदु
- फिशरीज स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज के बारे में: मत्स्य पालन स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज को मत्स्य पालन विभाग, भारत सरकार द्वारा स्टार्टअप इंडिया, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के सहयोग से लॉन्च किया गया है।
- उद्देश्य: मत्स्य पालन स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज देश के भीतर स्टार्ट-अप को मत्स्य पालन एवं जलीय कृषि क्षेत्र के भीतर अपने अभिनव समाधान प्रदर्शित करने हेतु एक मंच प्रदान करने के उद्देश्य से आरंभ किया गया है।
- आवेदन प्रक्रिया: मत्स्य विभाग द्वारा आज आरंभ किया गया “मत्स्य स्टार्टअप चैलेंज” स्टार्ट-अप इंडिया पोर्टल- startupindia.gov.in पर आवेदन जमा करने के लिए 45 दिनों तक लाइव रहेगा।
- विषय वस्तु: मत्स्य पालन स्टार्ट-अप ग्रैंड चैलेंज के अंतर्गत समस्या विवरण प्रस्तुत करने के लिए निम्नलिखित विषयवस्तुओं का अभिनिर्धारण किया गया है-
- उत्पादकता में वृद्धि करने हेतु प्रौद्योगिकी / समाधान डिजाइन करना एवं विकसित करना जिससे मछुआरे एवं मत्स्य पालक बेहतर मूल्य प्राप्त कर सकें
- बुनियादी ढांचे एवं मत्स्यन पश्चात प्रबंधन समाधान विकसित करना जो मछुआरों, मत्स्य पालकों को मूल्य संवर्धन, मूल्य सृजन एवं मूल्य प्राप्ति में सक्षम बनाएगा तथा मत्स्य पालन मूल्य श्रृंखला में न्यूनतम अपव्यय सुनिश्चित करेगा।
- व्यावसायिक समाधान एवं पहुंच (आउटरीच) गतिविधियों का विकास करना जो मत्स्य एवं मत्स्य उत्पादों को देश में मांस का उपभोग करने वाली आबादी के मध्य सरलता से सुलभ, स्वीकार्य एवं लोकप्रिय बना दें।
- मृदा अपरदन को कम करने/रोकने, जलाशयों की गाद को कम करने/रोकने के लिए सतत समाधान विकसित करना एवं तटीय मछुआरों के लिए पर्यावरण के अनुकूल समाधान विकसित करना।
- अपेक्षित परिणाम: फिशरीज स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज से इस क्षेत्र के अंतर्गत स्टार्ट-अप संस्कृति को प्रोत्साहित करने एवं उद्यमशीलता मॉडल की मजबूत नींव स्थापित करने की संभावना है।
- वित्त पोषण: मत्स्य पालन विभाग ने मत्स्य स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज के लिए 44 करोड़ रुपये की धनराशि निर्धारित की है।
- पुरस्कार: इस चैलेंज के चयनित 12 विजेताओं को उनके ‘आइडिया टू पीओसी’ का अनुवाद करने के लिए 10 लघु सूचीबद्ध (शॉर्टलिस्ट) किए गए स्टार्ट-अप्स को 00 लाख रुपये के नकद अनुदान से सम्मानित किया जाएगा।
- अंतिम दौर में विजेताओं को उनके विचारों को प्रभावी प्रवर्तक में रूपांतरित करने हेतु 00 लाख रुपए (सामान्य श्रेणी) एवं 30.00 लाख रुपए (एससी/एसटी/महिला) तक का अनुदान प्रदान किया जाएगा।
- इन प्रवर्तकों का आगे व्यावसायीकरण में रूपांतरित किया जाएगा।