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फ्लाई ऐश प्रबंधन एवं समुपयोग मिशन: प्रासंगिकता
- जीएस 3: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण एवं क्षरण, पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन।
फ्लाई ऐश: प्रसंग
- हाल ही में, राष्ट्रीय हरित अधिकरण (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल/एनजीटी) ने ‘फ्लाई ऐश प्रबंधन एवं समुपयोग मिशन‘ के गठन का निर्देश दिया है ताकि ‘फ्लाई ऐश एवं संबंधित मुद्दों के प्रबंधन तथा निस्तारण से संबंधित मुद्दों का समन्वय एवं अनुश्रवण किया जा सके।’
फ्लाई ऐश प्रबंधन एवं समुपयोग मिशन: प्रमुख बिंदु
- मिशन का नेतृत्व संयुक्त रूप से केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफ एवं सीसी), केंद्रीय कोयला तथा ऊर्जा मंत्रालय के सचिव एवं उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव करेंगे।
- पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के सचिव समन्वय तथा अनुपालन के लिए नोडल एजेंसी होंगे।
- मिशन सिंगरौली एवं सोनभद्र जिलों के बाहर विद्युत परियोजनाओं द्वारा वैज्ञानिक प्रबंधन एवं फ्लाई ऐश के समुपयोग का अनुश्रवण भी कर सकता है।
- फ्लाई ऐश प्रबंधन एवं समुपयोग मिशन से फ्लाई ऐश प्रबंधन प्रक्रिया को सरल एवं कारगर बनाने की संभावना है।
- कोयला आधारित ऊर्जा संयंत्रों में फ्लाई ऐश प्रबंधन की स्थिति का आकलन करने के लिए मिशन एक महीने के भीतर अपनी प्रथम बैठक आयोजित करेगा। मिशन अलग-अलग संयंत्रों द्वारा फ्लाई ऐश के उपयोग के लिए रोड मैप निर्मित करने हेतु कार्य योजना भी तैयार करेगा।
फ्लाई ऐश अधिसूचना, 2021
- दिसंबर 2021 में, सरकार द्वारा फ्लाई ऐश अधिसूचना, 2021 लाई गई।
- इसने कोयला आधारित तापीय ऊर्जा संयंत्रों एवं समुपयोगकर्ता एजेंसियों द्वारा फ्लाई ऐश के समुपयोग की प्रगति एवं अधिसूचना के प्रावधानों के कार्यान्वयन के ‘प्रवर्तन, अनुश्रवण, लेखा परीक्षा तथा रिपोर्टिंग’ का प्रावधान किया है।
- अधिसूचना के प्रभावी कार्यान्वयन के अनुश्रवण हेतु यह अधिसूचना केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) एवं राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एसपीसीबी) को जिम्मेदार ठहराती है।
- मिशन, उपरोक्त निकायों के साथ, राज्यों के मुख्य सचिवों को भी फ्लाई ऐश प्रबंधन का उत्तरदायित्व प्रदान करता है।
- अधिसूचना अलग-अलग तापीय ऊर्जा संयंत्रों को फ्लाई ऐश के उत्पादन एवं समुपयोग के बारे में मासिक सूचना अपने वेब पोर्टल पर अपलोड करने हेतु अधिदेशित करती है।
फ्लाई ऐश अधिसूचना 2021 एवं फ्लाई ऐश प्रबंधन तथा समुपयोग मिशन
क्र.सं. | प्रावधान | फ्लाई ऐश अधिसूचना, 2021 | फ्लाई ऐश प्रबंधन एवं समुपयोग मिशन |
1. | फ्लाई ऐश के स-समय समुपयोग का अनुश्रवण | + | + |
2. | संकुल अथवा स्वचलित ((स्टैंडअलोन) में स्थित सभी ऊर्जा संयंत्रों के लिए संपूर्ण रिक्थ फ्लाई ऐश के समुपयोग एवं निस्तारण हेतु रोडमैप विकसित करना। | – | + |
3. | फ्लाई ऐश के समुपयोग के आकार में वृद्धि करने पर कार्य करना – समुपयोगकर्ता एजेंसियों को टैग करना / फ्लाई ऐश के समुपयोग के तरीकों की सं1स्तुति करना। | + | + |
4. | ताप विद्युत संयंत्रों द्वारा फ्लाई ऐश के निस्तारण हेतु तृतीय पक्ष अनुपालन लेखापरीक्षा। | + | – |
5. | ऐश भित्तियों (डाइक) की सुरक्षा ऑडिट | + | + |
6. | फ्लाई ऐश तालाबों एवं बांधों के संबंध में यथा स्थान (ऑन-साइट) एवं ऑफ-साइट संकट प्रबंधन योजनाएँ। | – | + |
7. | ‘फ्लाई ऐश तालाबों की अवस्थिति, निस्तारण, अनुरक्षण एवं नियमन हेतु स्थल चयन, डिजाइन एवं इंजीनियरिंग मानकों’ के लिए दिशानिर्देश। | – | + |
8. | कोयला आधारित विद्युत संयंत्रों से फ्लाई ऐश बांध टूटने जैसी पर्यावरणीय क्षति के ‘पीड़ित’ भी वैधानिक क्षतिपूर्ति हेतु मिशन से संपर्क कर सकते हैं | – | + |
फ्लाई ऐश क्या है?
- फ्लाई ऐश एक कोयला आधारित तापीय ऊर्जा संयंत्र में कोयले के दहन का एक अवांछित अदग्ध अवशेष है।
- यह एक भट्टी में कोयले को जलाने के दौरान फ्लू गैसों के साथ उत्सर्जित होता है एवं स्थिर वैद्युत विक्षेप अवक्षेपकों (इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रेसिपिटेटर) का समुपयोग करके एकत्र किया जाता है।
- विगत कुछ वर्षों में इस उप-उत्पाद के सकल अल्प समुपयोग के कारण 1,670 मिलियन टन फ्लाई ऐश का संचय हुआ है।