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विदेश व्यापार नीति यूपीएससी: प्रासंगिकता
- जीएस 2: विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां एवं अंतः क्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।
विदेश व्यापार नीति: संदर्भ
- हाल ही में, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने मौजूदा विदेश व्यापार नीति (फॉरेन ट्रेड पॉलिसी/FTP) को 30 सितंबर, 2022 तक विस्तारित कर दिया है।
- भारत से रिकॉर्ड निर्यात वृद्धि के बारे में पढ़ें।
विदेश व्यापार नीति 2015: प्रमुख बिंदु
- मार्च 2020 में, सरकार ने कोरोनोवायरस प्रकोप तथा लॉकडाउन के बीच विदेश व्यापार नीति 2015-20 को एक वर्ष के लिए मार्च 2021 तक विस्तारित कर दिया था।
- एफ़टीपी 2015-2020, जो 1 अप्रैल 2015 को प्रवर्तन में आया, मूल रूप से 5 वर्ष की अवधि के लिए था।
विदेश व्यापार नीति क्या है?
- विदेश व्यापार नीति भारत में वस्तुओं के आयात तथा निर्यात से संबंधित मामलों में विदेश व्यापार महानिदेशालय (डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड/डीजीएफटी) द्वारा स्थापित दिशानिर्देशों एवं निर्देशों का एक समूह है।
- विदेश व्यापार नीति विदेशी व्यापार (विकास और विनियमन), अधिनियम 1992 द्वारा विनियमित की जाति है।
- फोकस क्षेत्र: एफ़टीपी मुख्य रूप से सेवाओं सहित निर्यात के पारंपरिक एवं उभरते क्षेत्रों को प्रोत्साहन देने की दोहरी रणनीति अपनाने पर केंद्रित है।
विदेश व्यापार नीति के उद्देश्य
- भारत के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को सुगम बनाकर अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना।
- भारत के भुगतान संतुलन एवं व्यापार में सुधार करना।
- देश में रोजगार में वृद्धि करने हेतु व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ाना तथा कार्यबल का वातावरण निर्मित करना।
- उपभोक्ताओं को उच्चतम गुणवत्ता एवं प्रभावी लागत की वस्तुएं तथा सेवाएं प्रदान करना।
- देश में व्यापार असंतुलन को कम करने के लिए लघु उद्योगों की आधारिक अवसंरचना को वर्धित करना।
- शुल्क मुक्त आयात की अनुमति देने के लिए एक अग्रिम लाइसेंसिंग प्रणाली स्थापित करना।
- वस्तुओं तथा सेवाओं पर लगे प्रतिबंधों को हटाना एवं उन्हें स्वतंत्र रूप से आयात करने की अनुमति देना।
- निर्यातकों एवं डीजीएफटी के मध्य संघर्ष को कम करने के लिए सभी दस्तावेजों का डिजिटलीकरण।
- स्टार्ट-अप तथा बढ़ती सीमाओं द्वारा क्रेडिट तक पहुंच में सुगमता।
- बाजार के अवसरों में विविधता लाने के लिए आयात की वस्तुओं का मार्ग नियंत्रण।
एफ़टीपी 2015-20 की विशेषताएं
- इसने एक नई योजना, “भारत से व्यापारिक निर्यात योजना (मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट्स फ्रॉम इंडिया स्कीम/एमईआईएस)“ तथा “भारत से सेवा निर्यात योजना (सर्विसेज एक्सपोर्ट्स फ्रॉम इंडिया स्कीम/एसईआईएस)“ आरंभ की।
- विशिष्ट एफ़टीपी के लिए विशिष्ट सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए भारत से पण्य निर्यात (एमईआईएस)।
- भारत से सेवा निर्यात योजना (एसईआईएस) अधिसूचित सेवाओं के निर्यात में वृद्धि करने के निमित्त है।
- एमईआईएस योजना निर्यातकों को ढांचागत अक्षमताओं एवं संबंधित लागतों के प्रतिसंतुलन हेतु पुरस्कार प्रदान करती है।
- ईपीसीजी (एक्सपोर्ट प्रमोशन कैपिटल गुड्स) योजना के तहत निर्यात दायित्व को घटाकर 75% कर दिया गया है।
- ड्यूटी क्रेडिट स्क्रिप्स मुक्त रूप से हस्तांतरणीय हैं तथा सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क एवं सेवा कर के भुगतान के लिए उपयोग योग्य हैं।