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फ्रेजाइल एक्स सिंड्रोम- यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां- स्वास्थ्य से संबंधित सामाजिक क्षेत्र / सेवाओं के विकास एवं प्रबंधन से संबंधित मुद्दे।
फ्रेजाइल एक्स सिंड्रोम- पृष्ठभूमि
- 2017 में, दिल्ली में स्वलीनता (ऑटिज्म) से प्रभावित एक व्यक्ति ने 40 वर्ष की आयु में अपना प्रथम डीएनए रक्त परीक्षण कराया। उसे जांच में फ्रैजाइल एक्स सिंड्रोम (एफएक्सएस) पॉजिटिव पाया गया।
- फ्रेजाइल एक्स सिंड्रोम (एफएक्सएस) एफएमआर1 नामक जीन में परिवर्तन के कारण घटित होता है जो एक महत्वपूर्ण प्रोटीन (एफएमआरपी) निर्मित करता है। मस्तिष्क के विकास हेतु यह प्रोटीन आवश्यक है।
फ्रेजाइल एक्स सिंड्रोम- प्रमुख बिंदु
- फ्रेजाइल एक्स सिंड्रोम के बारे में: फ्रेजाइल एक्स सिंड्रोम एक आनुवंशिक परिस्थिति है जो सीखने की अक्षमता एवं संज्ञानात्मक हानि सहित अनेक विकासात्मक समस्याओं का कारण बनती है।
- सामान्य तौर पर, पुरुष इस विकार से महिलाओं की तुलना में अधिक गंभीर रूप से प्रभावित होते हैं।
- लक्षण: प्रभावित व्यक्तियों में सामान्य तौर पर 2 वर्ष की आयु तक वाक् एवं भाषा का विलंबित विकास होता है।
- फ्रेजाइल एक्स सिंड्रोम वाले अधिकांश पुरुषों में हल्की से मध्यम बौद्धिक अक्षमता होती है, जबकि लगभग एक तिहाई प्रभावित महिलाएं बौद्धिक रूप से अक्षम होती हैं।
- फ्रेजाइल एक्स सिंड्रोम वाले बच्चों में व्यग्रता तथा अतिसक्रिय व्यवहार जैसे कि व्यग्रता अथवा आवेगी क्रियाएं भी हो सकती हैं।
- यह अटेंशन-डेफिसिट-डिसऑर्डर (एडीडी) का कारण भी बन सकता है जिसमें ध्यान बनाए रखने की क्षमता का अभाव एवं विशिष्ट कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई शामिल है।
- फ्रेजाइल एक्स सिंड्रोम से पीड़ित अधिकांश पुरुषों एवं लगभग आधी महिलाओं में विशिष्ट शारीरिक विशेषताएं होती हैं जो उम्र के साथ अधिक स्पष्ट हो जाती हैं। इन विशेषताओं में शामिल हैं-
- एक लंबा तथा संकीर्ण चेहरा, बड़े कान, एक सुस्पष्ट (बाहर निकला हुआ) जबड़ा तथा मस्तक (माथा), असामान्य रूप से लचीली उंगलियां, सपाट पैर, एवं पुरुषों में, यौवन के पश्चात बढ़े हुए अंडकोष।
- रोग का प्रसार: एक मां जो एक वाहक है, उसके बच्चों में उत्परिवर्तित जीन के हस्तांतरण का 50% संभावना है, जो या तो वाहक होंगे या एफएक्सएस होंगे।
- जो पुरुष वाहक होते हैं, वे अपने पुत्रों को को पूर्व-उत्परिवर्तन हस्तांतरित नहीं करते हैं, किंतु मात्र पुत्रियां, इसकी वाहक बन जाती हैं।
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी)
ऑटिज्म तथा फ्रेजाइल एक्स सिंड्रोम
- इसे तीन अमेरिकी आनुवंशिकीविदों- बेन ओस्ट्रा, डेविड नेल्सन एवं स्टीफन वॉरेन द्वारा खोजा गया तथा एफआरएएक्सए नाम दिया गया।
- उन्होंने पाया कि यह विश्व भर में ऑटिज़्म का प्रमुख आनुवंशिक कारण था।
- रोग की व्यापकता: रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार, 7,000 पुरुषों में से एक एवं 11,000 महिलाओं में से एक एफएक्सएस से प्रभावित है। एफएक्सएस संपूर्ण विश्व में 4% आबादी में ऑटिज्म का प्रमुख आनुवंशिक कारण है।
- सीडीसी का अनुमान है कि 259 महिलाओं में से एक एवं 800 पुरुषों में से एक में फ्रेजाइल एक्स का वाहक होता है।
- भारत में व्यापकता: यह अनुमान है कि भारत में 4,00,000 व्यक्तियों में उत्परिवर्तित एफएमआरआई का अभिनिर्धारण हुआ है एवं जीन के 40 लाख अज्ञात वाहक हैं।
- एफएक्सएस द्वारा प्रेरित किया गया ऑटिज्म एक व्यवहारपरक स्थिति है: लक्षण सीखने में कठिनाई, भाषण में देरी, आक्रामक व्यवहार, अति सक्रियता, ध्यान की कमी, अपरिचित का डर, संवेदी प्रसंस्करण विकार तथा पेशीय कौशल में समस्याएं हैं।
- इनका उपचार नहीं किया जा सकता है, किंतु प्रारंभिक चिकित्सा व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकती है।