Home   »   COP26 Glasgow Summit of UNFCC   »   कार्रवाई का समय- रोम में जी-20...

कार्रवाई का समय- रोम में जी-20 शिखर सम्मेलन

जी-20 शिखर सम्मेलन- यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 2: अंतर्राष्ट्रीय द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह एवं भारत से जुड़े एवं / या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समझौते

 

रोम में जी-20 शिखर सम्मेलन- संदर्भ

  • हाल ही में, जी 20 के नेताओं ने कोविड-19 महामारी के पश्चात दो वर्षों में प्रथम व्यक्तिगत बैठक के लिए रोम, इटली में मुलाकात की।

UPSC Current Affairs

क्या आपने यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2021 को उत्तीर्ण कर लिया है?  निशुल्क पाठ्य सामग्री प्राप्त करने के लिए यहां रजिस्टर करें

रोम में G20 शिखर सम्मेलन- प्रमुख बिंदु

  • जी-20 नेताओं ने आज वैश्विक समुदाय के समक्ष सर्वाधिक बृहद मुद्दों पर चर्चा की, जिनमें शामिल हैं-
    • कोविड-19 महामारी,
    • जलवायु परिवर्तन,
    • एक प्रमुख कर समझौता, एवं
    • वैश्विक आर्थिक विकास एवं स्थिरता के संबंध में चिंताओं को दूर करने के लिए कदम।

जलवायु सुभेद्यता सूचकांक

रोम में जी 20 शिखर सम्मेलन- कोविड-19 पर

  • डब्ल्यूएचओ के निम्नलिखित लक्ष्यों को समर्थन देने के आश्वासन के साथ वैक्सीन उत्पादन एवं वितरण पर ध्यान केंद्रित किया गया था-
    • 2021 तक 40% या उससे अधिक वैश्विक आबादी का कोविड-19 के प्रति टीकाकरण, एवं
    • 2022 के मध्य तक कम से कम 70% टीकाकरण।
  • आपूर्ति एवं वित्तीय बाधाओं को दूर करने के लिए जी-20 देशों के मध्य सहयोग। इससे विकासशील देशों में टीकों की आपूर्ति को बढ़ावा मिलने की संभावना है।

यूएनएफसीसीसी का कॉप 26 ग्लासगो शिखर सम्मेलन- भारत की प्रतिबद्धताएं

रोम में G20 शिखर सम्मेलन- जलवायु परिवर्तन पर:

  • जी 20 नेताओं ने विकासशील देशों की आवश्यकताओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए अनुकूलन, शमन एवं हरित प्रौद्योगिकियों के लिए प्रति वर्ष 100 अरब डॉलर प्रदान करने के लिए अपने सदस्य देशों की पुनः प्रतिबद्धता व्यक्त की।
    • जी 20 नेताओं ने वैश्विक तापन को 5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने हेतु प्रतिबद्धता व्यक्त की एवं सतत तथा उत्तरदायी उपभोग एवं उत्पादन को “महत्वपूर्ण प्रवर्तक” के रूप में अभिनिर्धारित किया।

 

रोम में जी 20 शिखर सम्मेलन-  कोविड-19 के पश्चात आर्थिक सुधार पर

  • मुद्दे: कोविड -19 के पश्चात देश, बढ़ती मुद्रास्फीति, ऊर्जा की कीमतों में वृद्धि एवं खतरनाक आपूर्ति श्रृंखला बाधाओं इत्यादि का सामना कर रहे हैं।
  • जी 20 नेता इस बात की पुष्टि करते हैं कि राष्ट्रीय प्रोत्साहन नीतियों को समय से पूर्व नहीं हटाया जाएगा।
    • अतः वित्तीय स्थिरता एवं राजकोषीय धारणीयता को संरक्षित रखने के मध्य की कड़ी पर चलना एक चुनौती बनी रहेगी।

एक जलवायु लाभांश- यूएनएफसीसीसी के कॉप 26 में भारत

रोम में G20 शिखर सम्मेलन- वैश्विक कर समझौता:

  • जी 20 नेतृत्व “अधिक स्थिर एवं निष्पक्ष अंतरराष्ट्रीय कर प्रणाली”  निर्मित करने हेतु बहुराष्ट्रीय कंपनियों को न्यूनतम 15% कर आरोपित करने पर सहमत हुए।
  • प्रभाव: यह सिलिकॉन वैली के तकनीकी दिग्गजों को प्रभावित करेगा, क्योंकि इस पहल से ऐसी कंपनियों के लिए अपेक्षाकृत कम कर क्षेत्राधिकार में स्वयं को स्थापित करने से लाभ प्राप्त करना कठिन हो जाएगा।
  • पृष्ठभूमि: ओईसीडी के नेतृत्व वाले इस सुधार को 136 देशों का समर्थन प्राप्त है, जो वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 90% से अधिक है एवं 2023 या उसके पश्चात लागू होने की संभावना है।
  • संबद्ध चुनौती: यू.एस. जैसे राष्ट्र इस बात पर विभाजित हैं कि क्या इस प्रस्ताव को घरेलू स्तर पर अनुमोदित किया जाए एवं जब तक कि चर्चा करने वालों के मध्य सर्वसम्मति न हो, पहल को कार्यान्वयन में विलंब का सामना करना पड़ सकता है।

जलवायु साम्यता अनुश्रवक

रोम में जी-20 शिखर सम्मेलन- निष्कर्ष

  • जी 20 बैठक वैश्विक राजनीतिक अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण में आयोजित हुई है। यदि इसका परिणाम प्रमुख देशों में समय पर, प्रभावी, समन्वित कार्रवाई में होता है, तो पुनः प्राप्ति (रिकवरी) की आशा बनी रहेगी।

UPSC Current Affairs

Sharing is caring!

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *