Table of Contents
गगनयान मिशन: प्रासंगिकता
- जीएस 3: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियां; प्रौद्योगिकी का स्वदेशीकरण एवं नवीन तकनीक विकसित करना।
गगनयान मिशन: प्रसंग
- हाल ही में, केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा कि भारत का प्रथम मानव अंतरिक्ष मिशन “गगनयान” 2023 में प्रक्षेपित किया जाएगा।
गगनयान मिशन: मुख्य बिंदु
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा है कि इस प्रक्षेपण के साथ, भारत अमेरिका, रूस एवं चीन के पश्चात मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन प्रारंभ करने वाला विश्व का चौथा देश बन जाएगा।
- स्वदेशी स्वास्थ्य अनुसंधान उपयानों (मॉड्यूल) सहित अनेक अनुसंधान मॉड्यूल के साथ गगनयान के शुभारंभ में 500 से अधिक उद्योग सम्मिलित हैं।
- प्रमुख मिशन जैसे क्रू एस्केप सिस्टम के प्रदर्शन के सत्यापन हेतु परीक्षण वाहन उड़ान एवं गगनयान (जी 1) का पहला मानव रहित (अनक्रूड) मिशन 2022 की दूसरी छमाही के प्रारंभ के दौरान निर्धारित किया गया है।
- इसके बाद 2022 के अंत में एक दूसरा मानव रहित मिशन होगा जिसमें इसरो द्वारा विकसित एक अंतरिक्ष यात्री मानव रोबोट “व्योम मित्र“ होगा एवं अंत में 2023 में पहला मानव युक्त गगनयान मिशन होगा।
गगनयान कार्यक्रम क्या है?
- गगनयान कार्यक्रम में अल्पावधि में पृथ्वी की निचली कक्षा (एलईओ) के लिए मानव अंतरिक्ष यान के प्रदर्शन के प्रारंभ की परिकल्पना की गई है एवं यह दीर्घ अवधि में एक सतत भारतीय मानव अंतरिक्ष अन्वेषण कार्यक्रम की नींव रखेगा।
गगनयान कार्यक्रम के लक्ष्य/उद्देश्य क्या हैं?
- गगनयान कार्यक्रम का उद्देश्य पृथ्वी की निचली कक्षा (एलईओ) में मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन प्रारंभ करने हेतु स्वदेशी क्षमता का प्रदर्शन करना है।
- इस कार्यक्रम के भाग के रूप में, दो मानव रहित मिशन एवं एक मानवयुक्त मिशन को भारत सरकार (भारत सरकार) द्वारा अनुमोदित किया गया है।
गगनयान कार्यक्रम के लाभ
- सौर प्रणाली एवं उससे आगे का अन्वेषण करने हेतु एक सतत एवं वहन योग्य मानव एवं रोबोट कार्यक्रम की दिशा में प्रगति।
- मानव अंतरिक्ष अन्वेषण, प्रतिदर्श वापसी मिशन एवं वैज्ञानिक अन्वेषण करने हेतु उन्नत प्रौद्योगिकी क्षमता।
- वैश्विक अंतरिक्ष स्टेशन के विकास में सक्रिय रूप से सहयोग करने एवं राष्ट्र के हित के वैज्ञानिक प्रयोग करने की भविष्य की क्षमता।
- राष्ट्रीय विकास के लिए विकासात्मक गतिविधियों को प्रारंभ करने में व्यापक शिक्षा-उद्योग साझेदारी के लिए एक विस्तृत संरचना निर्मित करना।
- उन्नत विज्ञान एवं शोध तथा विकास गतिविधियों में रोजगार सृजन एवं मानव संसाधन विकास की पर्याप्त संभावनाएं।
- भारतीय युवाओं को प्रेरित करने एवं उत्साहित करने तथा अनेक छात्रों को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में वृत्ति विकास (करियर) की ओर ले जाने का अनूठा अवसर जो ज्ञान, नवाचार एवं रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने वाली चुनौतीपूर्ण नौकरियों की ओर ले जाता है।
- यह कार्यक्रम चुनौतीपूर्ण एवं शांतिपूर्ण लक्ष्यों को साझा करके अंतरराष्ट्रीय साझेदारी एवं वैश्विक सुरक्षा को सुदृढ़ करेगा। एक जीवंत मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम होने से एक शक्तिशाली विदेश नीति उपकरण के रूप में लाभ उठाया जा सकता है।
गगनयान कार्यक्रम की लागत
- गगनयान कार्यक्रम की कुल लागत लगभग 9023 करोड़ रुपये है।
गगनयान कार्यक्रम का क्रियान्वयन
- इसरो द्वारा समग्र कार्यक्रम समन्वय, प्रणालीगत अभियांत्रिकी (सिस्टम इंजीनियरिंग) एवं क्रियान्वयन संपादित किया जाएगा।
गगनयान मिशन: क्रियान्वयन अभिकरण
- भारतीय सशस्त्र बल
- रक्षा अनुसंधान विकास संगठन
- भारतीय समुद्री एजेंसियां - भारतीय नौसेना, भारतीय तटरक्षक बल, भारतीय नौवहन निगम, राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान, राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान।
- भारतीय मौसम विभाग
- सीएसआईआर प्रयोगशालाएं (लैब्स)
- शैक्षणिक संस्थान
- उद्योग भागीदार