Home   »   Global Declaration on Future on Internet   »   Global Declaration on Future on Internet

इंटरनेट के भविष्य पर वैश्विक घोषणा 

इंटरनेट के भविष्य पर वैश्विक घोषणा यूपीएससी: प्रासंगिकता

  • जीएस 3: सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, कंप्यूटर के क्षेत्र में जागरूकता।

हिंदी

इंटरनेट के भविष्य पर वैश्विक घोषणा: संदर्भ

  • हाल ही में, कई अंतरराष्ट्रीय भागीदारों ने एक विश्वसनीय इंटरनेट के दृष्टिकोण एवं सिद्धांतों को निर्धारित करने तथा डिजिटल निरंकुशता को रोकने के लिए इंटरनेट के भविष्य के लिए एक घोषणा का प्रस्ताव दिया है।

 

इंटरनेट के भविष्य पर वैश्विक घोषणा: प्रमुख बिंदु

  • घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करने वाले अंतर्राष्ट्रीय साझेदार देशों में हस्ताक्षरकर्ताओं में अमेरिका, यूरोपीय संघ, यूनाइटेड किंगडम, कनाडा तथा फ्रांस सम्मिलित हैं।
  • घोषणा इंटरनेट  एवं डिजिटल प्रौद्योगिकियों के लिए एक सकारात्मक  दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए भागीदार देशों के मध्य एक राजनीतिक प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करती है।
  • भारत, चीन तथा रूस उन बड़े राष्ट्रों में से हैं जिन्होंने  घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं
  • घोषणा पत्र में भागीदार इस बात की पुष्टि करते हैं कि इंटरनेट को मूल लोकतांत्रिक सिद्धांतों, मौलिक स्वतंत्रता  तथा मानवाधिकारों को सुदृढ़ करना चाहिए जैसा कि मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा में परिलक्षित होता है।
  • घोषणा राजनीतिक प्रकृति की है। घोषणा में निहित सिद्धांतों का पालन करने से इसके हस्ताक्षरकर्ताओं के लिए विधिक रूप से बाध्यकारी प्रभाव उत्पन्न नहीं होता है।

 

इंटरनेट के भविष्य पर वैश्विक घोषणा: इसकी आवश्यकता क्यों है?

  • बढ़ती डिजिटल सत्तावाद जहां कुछ राज्य अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाने के लिए कार्य करते हैं, स्वतंत्र समाचार साइटों को सेंसर करते हैं, चुनावों में हस्तक्षेप करते हैं, दुष्प्रचार को बढ़ावा देते हैंएवं अपने नागरिकों को अन्य मानवाधिकारों से वंचित करते हैं।
  • लाखों लोग अभी भी पहुंच में बाधाओं का सामना करते हैं एवं साइबर सुरक्षा जोखिम तथा खतरे नेटवर्क के भरोसे और विश्वसनीयता को क्षीण करते हैं।
  • यूक्रेन में वर्तमान स्थिति नाटकीय रूप से इंटरनेट के गंभीर व्यवधान के जोखिम को, विशेष रूप से कुल या आंशिक शटडाउन के रूप में प्रदर्शित करती है, ।

 

इंटरनेट के भविष्य पर वैश्विक घोषणा के बारे में: प्रमुख प्रस्ताव

  • घोषणा के सिद्धांतों में सम्मिलित हैं:
    • मानव अधिकारों एवं सभी लोगों की मौलिक स्वतंत्रता की रक्षा करने की प्रतिबद्धता,
    • एक वैश्विक इंटरनेट को बढ़ावा देना जो सूचना के मुक्त प्रवाह को आगे बढ़ाता है,
    • “समावेशी एवं वहन योग्य” संपर्क को आगे बढ़ाना,
    • वैश्विक डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र में विश्वास को बढ़ावा देना, जिसमें गोपनीयता की सुरक्षा तथा शासन के लिए बहु-हितधारक दृष्टिकोण को सुरक्षित एवं सुदृढ़ करना सम्मिलित है।
    • इंटरनेट को विकेंद्रीकृत एवं वैश्विक स्तर पर अंतर्संबंधित  किया जाना चाहिए।

हिंदी

भारत एवं विश्व में इंटरनेट विराम

  • 2021 में वैश्विक स्तर पर कुल 182 इंटरनेट क्रैक डाउन की सूचना प्राप्त हुई थी
  • भारत में 106 शट डाउन में से 85 जम्मू एवं कश्मीर में दर्ज किए गए थे।
  • भारत उन 18 देशों में से एक था, जिन्होंने विरोध प्रदर्शन के दौरान मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया था।
  • 2021 में इंटरनेट शटडाउन करने वाले देशों की संख्या 2020 में 29 से बढ़कर 34 हो गई है

 

नॉर्थ ईस्ट फेस्टिवल 2022 राष्ट्रीय फिल्म विरासत मिशन एनएफएचएस-5 रिपोर्ट जारी ग्रीन इंडिया मिशन (जीआईएम)
स्वदेश दर्शन योजना- हेरिटेज सर्किट थीम के अंतर्गत स्वीकृत नवीन परियोजनाएं प्लास्टइंडिया 2023 दूसरा भारत-नॉर्डिक सम्मेलन अनंग ताल झील को राष्ट्रीय स्मारक टैग
पीएम स्वनिधि योजना विस्तारित किसान संकट सूचकांक संपादकीय विश्लेषण: अफस्पा की समाप्ति आरबीआई ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए मुद्रा एवं वित्त पर रिपोर्ट जारी की

Sharing is caring!

इंटरनेट के भविष्य पर वैश्विक घोषणा _3.1