Table of Contents
ग्लोबल इंगेजमेंट स्कीम- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां- विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां एवं अंतः क्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।
ग्लोबल इंगेजमेंट स्कीम चर्चा में क्यों है?
- हाल ही में, केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन मंत्री ने लोकसभा में ग्लोबल इंगेजमेंट स्कीम के बारे में विभिन्न विवरण प्रदान किए।
ग्लोबल इंगेजमेंट स्कीम
- ग्लोबल इंगेजमेंट स्कीम के बारे में: ग्लोबल इंगेजमेंट स्कीम के तहत, अन्य देशों में भारत के त्योहारों का आयोजन लोक कला एवं अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों जैसे प्रदर्शनियों, नृत्य, संगीत, रंगमंच, भोजन उत्सव, साहित्यिक उत्सव, फिल्म उत्सव, योग इत्यादि का प्रदर्शन करने हेतु किया जाता है।
- मूल मंत्रालय: संस्कृति मंत्रालय द्वारा ग्लोबल इंगेजमेंट स्कीम क्रियान्वित की जा रही है।
- योजना के तहत अनुदान: योजना के तहत, संस्कृति मंत्रालय भारत-विदेश मैत्री सांस्कृतिक समितियों को विदेशों में उनके प्रचार के लिए लोक कला एवं अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों सहित कार्यक्रमों तथा गतिविधियों के आयोजन के लिए सहायता अनुदान भी प्रदान करता है।
- योजना के घटक: ग्लोबल इंगेजमेंट स्कीम में निम्नलिखित तीन घटक हैं-
- भारत के त्योहार
- सहायता अनुदान भारतीय विदेशी सांस्कृतिक सोसायटी योजना
- अंशदान अनुदान (सीईपी के तहत भारतीय संगठनों एवं प्रतिनिधिमंडलों को अंशदान)। यह घटक निम्नलिखित हेतु है-
- अंतर्राष्ट्रीय संगठनों यथा ICROM, यूनेस्को, वर्ल्ड हेरिटेज फंड की सदस्यता के लिए भारतीय योगदान तथा
- भारतीय भागीदारी एवं अंतर्राष्ट्रीय बैठकों की मेजबानी को सुगम बनाना।
देश में भारतीय संस्कृति को प्रोत्साहन- क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र (जेडसीसी)
- क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र (जोनल कल्चरल सेंटर्स/जेडसीसी): देश भर में लोक कला एवं संस्कृति के विभिन्न रूपों की रक्षा, संरक्षण तथा प्रोत्साहन हेतु सरकार द्वारा सात क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र (जेडसीसी) स्थापित किए गए हैं।
- इन क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों (जेडसीसी) का मुख्यालय पटियाला, नागपुर, उदयपुर, प्रयागराज, कोलकाता, दीमापुर एवं तंजावुर में स्थित है।
- प्रमुख भूमिका: संपूर्ण भारत के लोक कलाकार भारत के समस्त राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में नियमित रूप से इन जेडसीसी द्वारा आयोजित त्योहारों तथा कार्यक्रमों में प्रदर्शन करने हेतु संलग्न हैं।
- इसके अतिरिक्त, लोक कलाकारों को भी भारत के त्योहारों में प्रदर्शन करने के लिए विदेश भेजा जाता है।
- इन कलाकारों को संबंधित क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र एवं संस्कृति मंत्रालय द्वारा महंगाई भत्ता, मानदेय, बोर्डिंग एवं लॉजिंग, स्थानीय तथा अंतर्राष्ट्रीय यात्रा जैसे प्रोत्साहन प्रदान किए जाते हैं।