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वैश्विक बालिकावस्था रिपोर्ट 2021: प्रासंगिकता
- जीएस 1: महिलाओं एवं महिलाओं के संगठन की भूमिका, जनसंख्या एवं संबंधित मुद्दे, निर्धनता एवं विकासात्मक मुद्दे, शहरीकरण, उनकी समस्याएं तथा उनके उपचार।
वैश्विक बालिकावस्था रिपोर्ट 2021: संदर्भ
- हाल ही में सेव द चिल्ड्रन द्वारा प्रकाशित ग्लोबल गर्लहुड रिपोर्ट में बताया गया है कि बाल विवाह के परिणामस्वरूप गर्भावस्था एवं शिशु के जन्म से एक वर्ष में 22,000 से अधिक बालिकाओं की मृत्यु हो रही है।
वैश्विक बालिकावस्था रिपोर्ट 2021: प्रमुख निष्कर्ष
- पश्चिम एवं मध्य अफ्रीका वैश्विक स्तर पर बाल विवाह से संबंधित सभी अनुमानित मौतों के लगभग आधे हिस्से, या एक दिन में 26 मौतों के लिए उत्तरदायी हैं।
- विशेष रूप से, यह क्षेत्र विश्व में बाल विवाह की उच्चतम दर का साक्षी है।
- दक्षिण एशिया में प्रत्येक वर्ष 2,000 अथवा प्रत्येक दिन, छह बाल विवाह से संबंधित मौतें होती हैं, इसके बाद पूर्वी एशिया का स्थान आता है।
भारत में बालिका अधिकार: कोविड-19 प्रभाव
- वैश्विक बालिकावस्था रिपोर्ट के अनुसार, विकास 25 वर्षों में वैश्विक स्तर पर लगभग 80 मिलियन बाल विवाह को रोका गया है, यद्यपि, कोविड-19, की शुरुआत ने इस प्रगति को रोक दिया है। कारण:
- विद्यालयों का बंद होना
- तनावपूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं
- अधिक परिवारों का निर्धनता में होना
- लंबी अवधि के लॉकडाउन के दौरान हिंसा का बढ़ा जोखिम
- इन सभी कारणों से, अब 2030 तक एक करोड़ अन्य बालिकाओं का विवाह होने की संभावना है, जिससे और बालिकाओं की मृत्यु का खतरा है।
वैश्विक बालिकावस्था रिपोर्ट 2021: लैंगिक असमानता एवं बाल विवाह
- लिंग असमानता बाल विवाह को बढ़ावा दे रही है।
- अनेक समुदायों में यह धारणा प्रचलित है कि युवा माताओं से उत्पन्न हुए शिशु स्वस्थ एवं बुद्धिमान होते हैं।
- इसी तरह, एक आम धारणा यह भी है कि अल्प आयु की बालिकाएं बड़े पुरुषों को उनके ” युवा रक्त” से “आनंदित” करती हैं।
वैश्विक बालिकावस्था रिपोर्ट 2021: किशोर बालिकाएं
- ग्लोबल गर्लहुड रिपोर्ट से ज्ञात होता है कि किशोर बालिकाओं की मृत्यु का सर्वाधिक व्यापक कारण प्रसव है क्योंकि उनके युवा शरीर बच्चे को जन्म देने के लिए तैयार नहीं होते हैं।
पोषण वाटिका या न्यूट्री गार्डन
वैश्विक बालिकावस्था रिपोर्ट 2021: संस्तुतियां
- समस्त सार्वजनिक निर्णय निर्माण में सुरक्षित एवं सार्थक भागीदारी के उनके अधिकार का समर्थन करके बालिकाओं की आवाज बुलंद करना।
- बालिकाओं के अधिकारों एवं लैंगिक समानता को कोविड-19 एवं मानवीय प्रतिक्रियाओं के केंद्र में रखकर बाल विवाह सहित लिंग आधारित हिंसा के वर्तमान जोखिमों का समाधान करना।
- समावेशी नीतियों एवं कार्यक्रमों को विकसित करके असमानता एवं भेदभाव के विभिन्न रूपों से प्रभावित बालिकाओं सहित समस्त बालिकाओं के अधिकारों की गारंटी देना।
- वर्तमान आर्थिक, जलवायु एवं संघर्ष-संबंधी संकटों पर कोविड-19 के प्रभाव को सद्य-अनुक्रिया (वास्तविक समय) में बेहतर ढंग से समझने एवं प्रतिक्रिया देने हेतु सुरक्षित एवं नैतिक डेटा संग्रह में भी सुधार किया जाना चाहिए।
- सभी मानवीय प्रतिक्रिया प्रयासों जैसे कि, आवश्यकताओं का आकलन एवं प्रत्येक स्तर पर समस्त मानवीय सेवाओं की अभिकल्पना, क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण तथा मूल्यांकन में महिला मानवीय कर्मचारियों की सुरक्षित एवं अप्रतिबंधित भागीदारी सुनिश्चित करना।
- लैंगिक समानता के लिए वैश्विक गतिवृद्धि योजना को पूर्ण करने हेतु कार्य करते हुए, जनरेशन इक्वलिटी आंदोलन में शामिल हों।
- आंदोलन ने पांच वर्षों में नौ मिलियन बाल विवाह को रोकने का लक्ष्य निर्धारित किया है।