Home   »   How to prepare for UPSC CSE...   »   वैश्विक तापन एवं स्थायी तुषार
Top Performing

वैश्विक तापन एवं स्थायी तुषार

प्रासंगिकता

  • जीएस 1: भौगोलिक विशेषताएं एवं उनकी अवस्थिति-महत्वपूर्ण भौगोलिक विशेषताएं (जल-निकायों एवं हिमा-शीर्ष सहित) एवं वनस्पतियों तथा जीवों में परिवर्तन एवं ऐसे परिवर्तनों के प्रभाव।

 

प्रसंग

  • हाल ही में, आईपीसीसी ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें उसने चेतावनी दी है कि वैश्विक तापमान में वृद्धि होने से आर्कटिक स्थायी तुषार (पर्माफ्रॉस्ट) में कमी आएगी एवं भूमि के हिम द्रवण से मीथेन  एवं कार्बन डाइऑक्साइड जैसी हरितगृह गैसों के मुक्त होने की संभावना है है।

UPSC Current Affairs

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी हेतु निशुल्क वीडियो प्राप्त कीजिए एवं आईएएस/ आईपीएस/ आईआरएस बनने के अपने सपने को साकार कीजिए

पर्माफ्रॉस्ट: यह क्या है?

  • इसे भूमि – मृदा, चट्टान एवं कोई भी जिसमें हिम या कार्बनिक पदार्थ सम्मिलित हो- जो  निरंतर न्यूनतम दो वर्षों तक शून्य डिग्री सेल्सियस पर अथवा उससे नीचे रहता हो, के रूप में परिभाषित किया गया है।
  • स्थायी तुषार (पर्माफ्रॉस्ट) 23 मिलियन वर्ग किमी से अधिक के क्षेत्र में विस्तृत है, जो विश्व के लगभग 15% भूमि क्षेत्र को आच्छादित करता है।

विश्व के प्रवाल भित्तियों की स्थिति 2020

पर्माफ्रॉस्ट के पिघलने के त्वरित प्रभाव

  • सबसे पहला एवं त्वरित प्रभाव उन शहरों पर पड़ेगा जहां सड़कें तथा भवन पर्माफ्रॉस्ट पर बने हैं। उदाहरण के लिए, रूसी रेलवे।
    • कनाडा के उत्तर-पश्चिम में, सड़क का एक छोटा सा हिस्सा है जहां सड़क की नींव को शीतलित करने हेतु भूमि को ठंडा करना आवश्यक है, ताकि पर्माफ्रॉस्ट को संरक्षित किया जा सके।
  • पर्माफ्रॉस्ट कार्बनिक पदार्थों का भंडार है। विगलन पर, यह सामग्री सूक्ष्मजीविता (माइक्रोबायोटा) के विखंडन हेतु उपलब्ध हो जाएगी।
    • जीव समूह कार्बन डाइऑक्साइड मुक्त करते हैं, एवं अन्य में मीथेन उत्सर्जित करते है जो कार्बन डाइऑक्साइड की तुलना में हरित गृह गैस के रूप में लगभग 25 से 30 गुना अधिक शक्तिशाली है।
  • पर्माफ्रॉस्ट में अब अन्तर्हित (दबे) कार्बन की कुल मात्रा लगभग 1500 अरब टन अनुमानित है एवं भूमि के शीर्ष तीन मीटर में लगभग 1000 अरब टन है।
  • विश्व इस समय वातावरण में प्रतिवर्ष लगभग 10 अरब टन कार्बन का उत्सर्जन करती है।
  • इस परिदृश्य में, यदि पर्माफ्रॉस्ट द्रवित हो जाता है एवं किसी एक वर्ष में हिमीभूत हुए कार्बन का 1% भी मुक्त करता है, तो यह औद्योगिक उत्सर्जन के संबंध में हमारे द्वारा किए जाने वाले किसी भी कार्य को निष्प्रभावी कर सकता है।

आईपीसीसी के प्रतिवेदन की छठी आकलन रिपोर्ट

वनों की आग (दावानल)

  • इस वर्ष रूस में वनों में आग लगी जिसका कुल क्षेत्रफल पुर्तगाल के आकार के बराबर था।
  • सामान्य तौर पर, आग लगने के बाद, अगले 50-60 वर्षों में वनों के वापस विकास करने की उम्मीद की जाती है।
    • यह पारिस्थितिकी तंत्र में कार्बन भंडार को पुनर्स्थापित करता है।
  • किंतु टुंड्रा में, पीट वह स्थान है जहां कार्बनिक पदार्थ होते हैं और इसे संचित होने में अत्यंत लंबा समय लगता है।
  • इसलिए, जब पीट को जलाया जाता है एवं पुनः वायुमंडल में मुक्त किया जाता है, तो उस कार्बन स्टॉक को जमीनी स्तर पर पुनः स्थापित करने में सदियां लगेगी।

विश्व में वृक्षों की स्थिति पर रिपोर्ट

क्या पर्माफ्रॉस्ट महामारी का कारण बन सकता है?

  • पर्माफ्रॉस्ट के कारण होने वाले उत्सर्जन को समझने के लिए हमें और अधिक अध्ययन की आवश्यकता है।
  • पर्माफ्रॉस्ट में अनेक रहस्य हैं, जो इस तथ्य से स्पष्ट है कि हमने हाल ही में रूस में पर्माफ्रॉस्ट में मैमथ (Aप्राचीन विशालकाय हाथी) पाए हैं।
    • इनमें से कुछ मैमथ शवों के अपक्षीणन पर, जीवाणु उत्पन्न हो सकते हैं जो हजारों वर्ष पूर्व हिमीभूत थे।
    • यद्यपि, यह कहना संभव नहीं है कि ये जीवाणु घातक होंगे अथवा नहीं।
  • साथ ही, भारत में पाए जाने वाले रोगों की संख्या ग्रीनलैंड में पाए जाने वाले रोगों की संख्या से कहीं अधिक है।
  • न केवल मानव जीवन के लिए, बल्कि विभिन्न विषाणुओं एवं जीवाणुओं (वायरस एवं बैक्टीरिया) के उद्विकास अथवा विकास के लिए भी पर्यावरण अब हिमयुग की तुलना में बहुत अधिक उपयुक्त है।

एशिया एवं प्रशांत क्षेत्र में रेत तथा धूल के तूफान के जोखिम का आकलन

 

Sharing is caring!

वैश्विक तापन एवं स्थायी तुषार_3.1