Table of Contents
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान एवं दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण: यूपीएससी परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण क्यों है?
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी): जीआरएपी दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण का मुकाबला करने के लिए एक आपातकालीन उपाय के रूप में कार्य करता है। यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा (पर्यावरण संरक्षण) एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा (जीएस पेपर 3- पर्यावरण सुरक्षा तथा संरक्षण) के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) महत्वपूर्ण है।
दिल्ली एनसीआर में जीआरएपी एवं प्रदूषण: चर्चा में क्यों है?
- हाल ही में, एनसीआर एवं आस-पास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ( कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट/सीएक्यूएम) ने विगत कुछ दिनों में देखी गई दिल्ली-एनसीआर की समग्र वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार को देखते हुए जीआरएपी के चरण IV को रद्द कर दिया।
- सीएक्यूएम ने 03.11.2022 को संपूर्ण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के चरण IV को लागू किया।
- जीआरएपी उप-समिति ने अपनी पिछली बैठकों में क्रमशः 05.10.2022, 19.10.2022, 29.10.2022 एवं 03.11.2022 को जीआरएपी के चरण I, चरण II, चरण III और चरण IV के तहत कार्रवाई की थी।
जीआरएपी उप-समिति ने जीआरएपी राज्य IV को क्यों लागू किया?
- दिल्ली वायु गुणवत्ता सूचकांक ( एयर क्वालिटी इंडेक्स/ एक्यूआई) के ‘गंभीर +’ श्रेणी (AQI>450) के समीर होने के मद्देनजर, वायु गुणवत्ता सूचकांक पूर्वानुमानों के आधार पर 03.11.2022 को जीआरएपी चरण-IV कार्रवाई लागू की गई थी।.
- पूर्वानुमानों ने 5 – 6 नवंबर, 2022 के आसपास एक महत्वपूर्ण सुधार का भी संकेत दिया, अतः, उप-समिति ने जीआरएपी के चरण- IV को लागू करते हुए, 6 नवंबर, 2022 को स्थिति की समीक्षा करने का निर्णय लिया।
- 6 नवंबर, 2022 के लिए दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 339 (‘बहुत खराब’ श्रेणी) के रूप में दर्ज किया गया है, जो आईएमडी/आईआईटीएम में सुधार के पूर्वानुमान की पुष्टि करता है।
- चूंकि दिल्ली का वर्तमान एक्यूआई स्तर लगभग 340 है जो जीआरएपी चरण-IV कार्रवाईयों (दिल्ली एक्यूआई> 450) को लागू करने के लिए सीमा से लगभग 110 एक्यूआई अंक नीचे है।
- आईएमडी/आईआईटीएम का पूर्वानुमान भी किसी और तेज गिरावट का संकेत नहीं देता है।
- जीआरएपी चरण- IV प्रतिबंधों का एक बाधाकारी चरण है एवं बड़ी संख्या में हितधारकों तथा जनता को प्रभावित करता है।
- जीआरएपी स्टेज- IV में बताए गए उपायों की तुलना में कोई सख्त उपाय नहीं हैं, जिन्हें वायु गुणवत्ता परिदृश्य में सुधार के लिए लिया जा सकता है।
दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण को नियंत्रित करने पर नागरिकों को सीएक्यूएम परामर्शिका
आयोग ने एक बार पुनः एनसीआर के नागरिकों से जीआरएपी को लागू करने में सहयोग करने तथा जीआरएपी के तहत सिटीजन चार्टर में उल्लिखित चरणों का पालन करने की अपील की है। नागरिकों को सलाह दी जाती है कि:
- एक स्वच्छ यात्रा विकल्प का चयन करें – काम करने के लिए एक सवारी साझा करें या सार्वजनिक परिवहन अथवा पैदल या साइकिल का उपयोग करें।
- जिन लोगों की पद-स्थिति घर से काम करने की अनुमति देती है, वे घर से काम कर सकते हैं।
- कोयले एवं लकड़ी को ऊष्मण के लिए उपयोग न करें।
- व्यक्तिगत गृहस्वामी खुले में आग जलाने से बचने के लिए सुरक्षा कर्मचारियों को बिजली के हीटर (सर्दियों के दौरान) प्रदान कर सकते हैं।
- एक ही यात्रा में विभिन्न कार्यों को संपादित करना चाहिए। जहां भी संभव हो कार्य हेतु पैदल चलें।
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) क्या है?
2016 में, सर्वोच्च न्यायालय ने इसे अपनी स्वीकृति प्रदान की थी एवं पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण (EPCA) द्वारा योजना तैयार की गई। वायु की गुणवत्ता खराब होने पर संस्थागत उपाय किए जाएंगे।
जीआरएपी किस प्रकार कार्य करेगा?
जीआरएपी, आपातकालीन उपाय के रूप में कार्य करता है। योजना में विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा औद्योगिक, वाहनों एवं दहन उत्सर्जन से निपटने के लिए संपूर्ण वर्ष की जाने वाली कार्रवाई शामिल नहीं है।
योजना प्रकृति में वृद्धिशील है तथा जब वायु की गुणवत्ता “खराब” से “बहुत खराब” की ओर बढ़ती है, तो दोनों वर्गों के तहत सूचीबद्ध उपायों का पालन करना होगा।
यदि वायु की गुणवत्ता गंभीर + स्तर तक पहुँच जाती है तो जीआरएपी में कुछ चरम उपाय होते हैं जैसे विद्यालयों को बंद करना तथा ऑड-ईवन रोड-स्पेस राशनिंग योजना को लागू करना।
जीआरएपी के तहत क्या उपाय किए जाएंगे?
- गंभीर+ या आपात स्थिति में
(पीएम 2.5 300 माइक्रोग्राम/घन मीटर से अधिक या पीएम10 500 माइक्रोग्राम/घन मीटर से अधिक 48+ घंटे के लिए)
– आवश्यक वस्तुओं को छोड़कर दिल्ली में ट्रकों का प्रवेश रोक दिया जाएगा।
– निर्माण कार्य भी ठप रहेगा।
– निजी वाहनों के लिए सम-विषम योजना लागू की जाएगी एवं इसमें न्यूनतम छूट लागू की जाएगी।
– विद्यालयों को बंद करने जैसे कोई अतिरिक्त कदम निर्धारित करने हेतु एक कार्य बल होगा।
- गंभीर
(पीएम 2.5 250 माइक्रोग्राम/घन मीटर से अधिक या पीएम10 430 माइक्रोग्राम/घन मीटर से अधिक)
– ईंट भट्टे, हॉट मिक्स प्लांट, स्टोन क्रशर बंद रहेंगे।
– कोयले के द्वारा उत्पादन को कम करने के लिए प्राकृतिक गैस से ऊर्जा का अधिकतम उत्पादन।
– कुछ अलग दरों के साथ सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा दिया जाएगा।
– सड़क की बार-बार मशीनीकृत सफाई एवं पानी का छिड़काव किया जाएगा।
- बहुत खराब
(पीएम2.5 121-250 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर या पीएम10 351-430 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर)
– डीजल जनरेटर सेट का उपयोग बंद कर दिया जाएगा।
– पार्किंग फीस में 3-4 गुना बढ़ोतरी की जाएगी।
-बस तथा मेट्रो सेवाओं को बढ़ाया जाएगा।
– सर्दियों के दौरान बिजली के हीटर उपलब्ध कराकर अपार्टमेंट मालिकों के माध्यम से सर्दियों में आग जलाने को हतोत्साहित करना।
– श्वास एवं हृदय रोग से पीड़ित लोगों को बाहरी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए सलाह दी जाएगी।
- मध्यम से खराब
(पीएम2.5 61-120 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर या पीएम10 101-350 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर)
– कचरे के लिए, भारी जुर्माने की व्यवस्था।
– ईंट भट्ठों तथा उद्योगों में प्रदूषण नियंत्रण के नियम बारीक/लागू होंगे।
– अत्यधिक ट्रैफिक वाली सड़कों पर मशीनीकृत सफाई एवं पानी का छिड़काव।
– पटाखों पर सख्ती से प्रतिबंध लगाना।