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ग्रीन हाइड्रोजन- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: भारतीय अर्थव्यवस्था- आधारिक अवसंरचना: ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, हवाई अड्डे, रेलवे इत्यादि।
समाचारों में ग्रीन हाइड्रोजन
- हाल ही में, दावोस में विश्व आर्थिक मंच में पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस मंत्री ने कहा कि भारत दुनिया भर में मौजूदा ऊर्जा संकट के लाभ का दोहन कर हरित हाइड्रोजन के नेतृत्वकर्ता के रूप में उभरेगा।
- ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL) द्वारा पूर्वी असम के जोरहाट में भारत का पहला 99.99% शुद्ध हरित हाइड्रोजन संयंत्र चालू करने के लगभग एक माह पश्चात उनका यह दावा आया है।
हाइड्रोजन आधारित उन्नत ईंधन सेल इलेक्ट्रिक वाहन
हाइड्रोजन के बारे में
- हाइड्रोजन एक रंगहीन, गंधहीन, स्वादहीन, गैर-विषाक्त तथा अत्यधिक ज्वलनशील गैसीय पदार्थ है।
- हाइड्रोजन ब्रह्मांड में रासायनिक तत्वों के वर्ग का सर्वाधिक हल्का, सरल तथा सर्वाधिक प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला सदस्य है।
हरित हाइड्रोजन की प्राकृतिक गैस के साथ सम्मिश्रण की सरकार की योजना
हरित हाइड्रोजन क्या है?
- सौर, पवन या जल विद्युत जैसे ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों का उपयोग करके विद्युत अपघटन (इलेक्ट्रोलिसिस) के माध्यम से हरित हाइड्रोजन का उत्पादन किया जाता है।
- हरित (‘ग्रीन’) इस बात पर निर्भर करता है कि हाइड्रोजन प्राप्त करने हेतु विद्युत किस प्रकार उत्पन्न होती है, जो जलाए जाने पर हरितगृह (ग्रीनहाउस) गैस का उत्सर्जन नहीं करती है।
भारत में हरित हाइड्रोजन उत्पादन: क्षारीय इलेक्ट्रोलाइजर प्रौद्योगिकी का आमाप वर्धन
ग्रीन हाइड्रोजन ग्रे हाइड्रोजन तथा ब्लू हाइड्रोजन से किस प्रकार भिन्न है?
- सौर, पवन या जल विद्युत जैसे ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों का उपयोग करके विद्युत अपघटन (इलेक्ट्रोलिसिस) के माध्यम से हरित हाइड्रोजन का उत्पादन किया जाता है।
- ग्रे हाइड्रोजन कोयले तथा गैस जैसे जीवाश्म ईंधन के माध्यम से उत्पन्न होता है एवं वर्तमान में दक्षिण एशिया में कुल उत्पादन का 95% भाग गठित करता है।
- ब्लू हाइड्रोजन भी, जीवाश्म ईंधन को जलाने से उत्पन्न विद्युत का उपयोग करके, किंतु इस प्रक्रिया में मुक्त कार्बन को वातावरण में प्रवेश करने से रोकने के लिए प्रौद्योगिकियों के साथ उत्पादित किया जाता है।
भारत में हरित हाइड्रोजन की आवश्यकता
- गैर-जीवाश्म ईंधन को प्रोत्साहन: भारत ने 2030 तक गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता को 500 गीगावाट तक बढ़ाने के उद्देश्य से हरित हाइड्रोजन उत्पन्न करना प्रारंभ कर दिया है।
- पेरिस प्रतिज्ञा का पालन करना: पेरिस समझौते 2015 के तहत, भारत अपने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को 2005 के स्तर से 33-35% कम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
- ग्लासगो में पक्षकारों के 2021 सम्मेलन में, भारत ने जीवाश्म तथा आयात-निर्भर अर्थव्यवस्था से 2070 तक निवल-शून्य अर्थव्यवस्था में स्थानांतरित करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
- उच्च आयात बिल: भारत का औसत वार्षिक ऊर्जा आयात बिल 100 अरब डॉलर से अधिक है एवं जीवाश्म ईंधन के बढ़ते उपयोग ने देश को उच्च कार्बन डाइऑक्साइड (सीओ 2) उत्सर्जक बना दिया है।
- भारत का कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) उत्सर्जन वैश्विक कार्बन डाइऑक्साइड के भार का लगभग 7% है।
- 2047 तक ऊर्जा स्वतंत्र बनने की भारत की खोज: सरकार ने वैकल्पिक ईंधन के रूप में हरित हाइड्रोजन को प्रारंभ करने की आवश्यकता पर बल दिया जो भारत को वैश्विक केंद्र तथा हाइड्रोजन का एक प्रमुख निर्यातक बना सकता है।
- राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन (NHM): कार्बन उत्सर्जन में कटौती तथा ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों के उपयोग में वृद्धि करने के उद्देश्य से इसे 15 अगस्त, 2021 को प्रारंभ किया गया था।
भारत का प्रथम शुद्ध हरित हाइड्रोजन संयंत्र
- 20 अप्रैल को, भारत का प्रथम 99.99% शुद्ध हरित हाइड्रोजन प्रायोगिक संयंत्र पूर्वी असम के दुलियाजान में स्थापित किया गया था।
- प्रमुख उद्देश्य: इसे “हाइड्रोजन के प्रायोगिक स्तर पर उत्पादन हेतु देश को तैयार करने” के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए स्थापित किया गया था।
- यह सुनिश्चित करने के लिए भी किया गया था कि विभिन्न अनुप्रयोगों में इसका उपयोग जारी रहे, जबकि हाइड्रोजन के उत्पादन, भंडारण तथा परिवहन की लागत में कमी के लिए शोध एवं विकास के प्रयास जारी हैं।
- अवस्थिति: हाइड्रोजन संयंत्र पेट्रोलियम अन्वेषण (एक्सप्लोरेशन मेजर के जोरहाट पंप स्टेशन पर भी स्थापित किया गया था, जो पूर्वी असम में भी है।
- संयंत्र की मुख्य विशेषताएं: 500 किलोवाट के सौर संयंत्र द्वारा संचालित, हरित हाइड्रोजन इकाई में प्रति दिन 10 किलोग्राम हाइड्रोजन का उत्पादन करने एवं इसे प्रतिदिन 30 किलोग्राम तक बढ़ाने की स्थापित क्षमता है।
- संयंत्र से उत्पादित हरित हाइड्रोजन को प्राकृतिक गैस के साथ मिश्रित करने तथा मिश्रित गैस को घरेलू एवं औद्योगिक उपयोग के लिए जोरहाट क्षेत्र में आपूर्ति करने हेतु एक विशेष सम्मिश्रक (ब्लेंडर) भी स्थापित किया गया है।
- आयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) ने वर्तमान इकाई पर मिश्रित गैस के प्रभाव का आकलन करने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-गुवाहाटी के विशेषज्ञों को नियुक्त किया है।
हरित हाइड्रोजन के लाभ
- ऊर्जा का विश्वसनीय स्रोत: नवीकरणीय ऊर्जा की सविरामी (रुक-रुक कर) प्रकृति, विशेष रूप से पवन, ग्रिड अस्थिरता की ओर ले जाती है।
- हरित हाइड्रोजन को दीर्घकाल तक संग्रहित किया जा सकता है। संग्रहित हाइड्रोजन का उपयोग ईंधन कोशिकाओं का उपयोग करके विद्युत का उत्पादन करने के लिए किया जा सकता है।
- उत्पादित ऑक्सीजन का व्यावसायीकरण: विशेषज्ञों का कहना है कि उप-उत्पाद के रूप में उत्पादित ऑक्सीजन को औद्योगिक एवं चिकित्सा अनुप्रयोगों के लिए अथवा पर्यावरण को समृद्ध करने के लिए उपयोग करके भी मुद्रीकृत किया जा सकता है।
- अनुमानों के मुताबिक, प्रति 1 किलो हाइड्रोजन में 8 किलो ऑक्सीजन का उत्पादन होता है।
- निवेश के अवसर: हाइड्रोजन की संभावनाओं ने अनेक देशों को मई में 7.7 अरब डॉलर की राष्ट्रीय हाइड्रोजन रणनीति का अनावरण करने के साथ पुर्तगाल के साथ निवेश करने का वचन दिया है।
- नवीकरणीय ऊर्जा का विशाल बाजार: नवीकरणीय विकासक हरित हाइड्रोजन को एक उभरते बाजार के रूप में देखते हैं एवं कुछ ने परिवहन क्षेत्र को लक्षित किया है, हालांकि इलेक्ट्रिक वाहनों ने आज उपभोक्ताओं की कल्पना को पकड़ना शुरू कर दिया है।