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ग्रीन इंडिया मिशन- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां- विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां एवं अंतक्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।
समाचारों में ग्रीन इंडिया मिशन
- विकास अनुश्रवण एवं मूल्यांकन कार्यालय (डेवलपमेंट मॉनिटरिंग एंड इवेलुएशन ऑफिस/DMEO), नीति आयोग, भारत सरकार ने 2020-21 में हरित भारत (ग्रीन इंडिया मिशन) के लिए राष्ट्रीय मिशन का मूल्यांकन किया है।
- राष्ट्रीय भारत मिशन का मूल्यांकन योजना के अंतर्गत प्रासंगिकता, प्रभावशीलता, दक्षता, धारणीयता, प्रभाव एवं साम्यता जैसे पहलुओं पर किया गया था।
- नीति आयोग ने आगे हरित भारत योजना के लिए राष्ट्रीय मिशन को जारी रखने की संस्तुति की है।
हरित भारत के लिए राष्ट्रीय मिशन के बारे में मुख्य बिंदु
- नेशनल मिशन फॉर ए ग्रीन इंडिया (जीआईएम) के बारे में: नेशनल मिशन फॉर ए ग्रीन इंडिया (जीआईएम), जिसे ग्रीन इंडिया मिशन भी कहा जाता है, जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना ( नेशनल एक्शन प्लान ऑन क्लाइमेट चेंज/एनएपीसीसी) के अंतर्गत आठ मिशनों में से एक है।
- अधिदेश: हरित भारत मिशन का उद्देश्य भारत के वन क्षेत्र की रक्षा करना, पुनर्स्थापित करना एवं संवर्धन करना तथा जलवायु परिवर्तन का प्रत्युत्तर देना है।
- हरित भारत मिशन का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन पर प्रतिक्रिया करने के लिए अनुकूलन तथा शमन रणनीतियों के संयोजन के साथ भारत के घटते वन आवरण को संरक्षित करना, पुनर्स्थापित करना एवं संवर्धित करना है।
- लक्ष्य: हरित भारत मिशन के तहत वन/वृक्षों के आच्छादन में वृद्धि करने तथा मौजूदा वनों की गुणवत्ता में सुधार के लिए वन तथा गैर-वन भूमि पर 10 मिलियन हेक्टेयर का लक्ष्य है।
- विभिन्न स्तरों पर कार्यान्वयन एजेंसियां:
- राष्ट्रीय स्तर: पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को हरित भारत मिशन (जीआईएम) के कार्यान्वयन का उत्तरदायित्व सौंपा गया है।
- राज्य स्तर: राज्य वन विकास एजेंसी राज्य स्तर पर मिशन का मार्गदर्शन करती है।
- जिला स्तर: जिला स्तर पर क्रियान्वयन वन विकास अभिकरण द्वारा किया जाना निर्धारित है।
- स्थानीय स्तर: ग्राम स्तर पर योजना निर्माण तथा क्रियान्वयन के लिए ग्राम सभा एवं विभिन्न समितियाँ प्रमुख संस्थाएँ हैं।
- शहरी क्षेत्र: नगर पालिका/नगर निगमों से जुड़ी रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) जैसी वार्ड स्तर की समितियां मिशन के अंतर्गत योजना एवं कार्यान्वयन की सुविधा प्रदान करेंगी।
ग्रीन इंडिया मिशन (जीआईएम) के अंतर्गत प्रमुख लक्ष्य
- लक्ष्य: वन अथवा वृक्ष आवरण में 5 मिलियन हेक्टेयर (एमएचए) की वृद्धि तथा अन्य 5 मिलियन हेक्टेयर वन या गैर-वन भूमि में वन आवरण की गुणवत्ता में वृद्धि। उप-लक्ष्यों में सम्मिलित हैं-
- घटते मध्यम सघन वनों की गुणवत्ता में वृद्धि – 1.5 मिलियन हेक्टेयर (ha)।
- खुले वनों को पारिस्थितिक रूप से पुनर्स्थापित करना जो क्षरित हो रहे हैं – 3 मिलियन हेक्टेयर (हे.)।
- घास के मैदानों का पुनरुद्धार – 0.4 मिलियन हेक्टेयर।
- आर्द्रभूमि का पुनरुद्धार – 0.10 मिलियन हेक्टेयर।
- विभिन्न उप-लक्ष्यों के साथ 1.8 मिलियन हेक्टेयर – कृषि क्षेत्रों, मैंग्रोव, झाड़ी, बीहड़ों, शीत मरुस्थलों एवं परित्यक्त खनन क्षेत्रों की पारिस्थितिक पुनर्स्थापना।
- शहरी क्षेत्रों तथा इसके बाहरी इलाकों में वनावरण में वृद्धि – 0.20 मिलियन हेक्टेयर।
- सीमांत कृषि भूमि / परती तथा अन्य गैर-वन भूमि पर वन एवं वृक्षों के आवरण में वृद्धि जो कृषि वानिकी के अंतर्गत आती है – 3 मिलियन हेक्टेयर।
- इन वन क्षेत्रों में तथा इसके आसपास के लगभग 30 लाख परिवारों के लिए वन आधारित आजीविका आय में वृद्धि करना।
- 2020 तक कार्बन डाइऑक्साइड के पृथक्करण को 50 से 60 मिलियन टन की सीमा तक वृद्धि करना।